कुंडली के प्रत्येक 12 भावों में भौम मंगल का प्रभाव
मंगल ग्रह को आक्रामक, क्रियाशीलता एवं शक्ति से संबंधित होता है. मंगल ग्रह साहस, नेतृत्व और प्रभुत्व से जुड़ा है जो मुख्य रूप से हिंसा, आग से होने वाली सभी तबाही का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल क्रोध, वीरता और शक्ति है जो एक सैनिक, पुलिसकर्मी या एथलीट का प्रतीक करती है. मंगल ग्रह से प्रभावित व्यक्ति प्रतिस्पर्धा से प्यार करते हैं, वे चुनौतियों को देखना चाहते हैं. मंगल जन्म कुंडली के प्रत्येक भाव में अलग - अलग तरह के प्रभाव दिखाता है.
मंगल का प्रथम भाव में प्रभाव
पहला घर आपकी शारीरिक बनावट, आपका व्यक्तित्व है. जब मंगल इस भाव में होता है, तो यह बताता है कि व्यक्तित्व अत्यधिक ऊर्जावान और गतिशील है. दृढ़ इच्छा भी अच्छी होती है. स्वतंत्रता के लिए आगे रहते हैं. स्वभाव से काफी सीधे होते हैं. आक्रामक और जोशीला होता है. प्रथम भाव का आधिपत्य चेहरे और सिर पर भी होता है, मंगल के कारण चेहरे पर कटने या जलने के निशान होने की संभावना होती है. इसलिए आमतौर पर उन निशानों के कारण उस व्यक्ति को पहचानना आसान होता है.
मंगल का दूसरे भाव पर प्रभाव
शारीरिक रूप से मजबूत और साहसी हो सकता है. आवेगी, तेज-तर्रार होगा. व्यक्ति एथलेटिक हो सकता है और विभिन्न खेलों में शामिल हो सकता है, धीरज, ध्यान और धैर्य को बनाए रखने पर ही व्यक्ति सफल होता है. मंगल अहंकार, आक्रामकता, अति आत्मविश्वास देने वाला होता है. चीजों में संतुलन बनाए रखना सीखना होगा. व्यक्ति आदेशों का पालन करने की अपेक्षा कर सकता है और उसे खुद का मालिक बनना पसंद होता है. व्यक्ति को आक्रामक भाषा या तेज भाषा शैली प्राप्त होती है. मंगल व्यक्ति को जोखिम के प्रति प्रवृत्त बनाता है, वह सट्टेबाजी पर कमाई कर सकता है. अपनी बचत को बहुत जल्दी और लापरवाही से खर्च कर सकता है.
तीसरे भाव में मंगल का प्रभाव
तीसरे घर में मंगल का होना व्यक्ति को उत्साहित बनाता है. तीसरे घर में मंगल का होना व्यक्ति को साहसी, निर्णायक, मजबूत, उद्देश्यपूर्ण और जोखिम भरा बनाता है. व्यक्ति अधिकाम्श समय जल्दबाजी से काम करता है. जीवन में कई तरह के और छोटे परिवर्तन हो सकते हैं, छोटे भाई-बंधुओं के साथ प्रभाव या प्रतिद्वंद्विता अधिक रह सकती है, मंगल के स्वास्थ्य के आधार पर या तो व्यक्ति अपने छोटे भाई बहनों का रक्षक होगा, या उनके बीच प्रभुत्व के लिए संघर्ष होगा. अपनी सारी इच्छाशक्ति और ऊर्जा को सही दिशा में निर्देशित करना और अच्छे के लिए इसका उपयोग करना महत्वपूर्ण होता है.
मंगल का चौथे भाव में प्रभाव
मंगल का चतुर्थ भाव में होना आक्रामकता, अहंकार के मुद्दों और प्रभुत्व के कारण पारिवारिक जीवन में संघर्ष को उत्पन्न करने वाला होता है. घर की चारदीवारी के भीतर लगातार तनाव और जुनून बना रह सकता है. माता का स्वभाव दबंग हो सकता है वह एक मजबूत और साहसी महिला हो सकती है. मंगल का असर जीवन को लगातार संघर्ष में लगे रहने के लिए प्रवृत्त करने वाला होता है. मंगल के असर से बचने के लिए सदस्यों के साथ मधुर संबंध स्थापित करने के लिए धैर्य का पालन चाहिए. व्यक्ति अक्सर अपना घर छोड़ कर कहीं दूर निवास कर सकता है. निर्माण में लगे हो सकते हैं, अचल संपत्ति के साथ काम कर सकते हैं.
मंगल का पांचवें भाव में प्रभाव
मंगल का पंचम भाव में होना व्यक्ति को परिश्रमी और लगनशील बनाता है. व्यक्ति का विपरीत लिंग के प्रति झुकाव बढ़ता है. ऐसे व्यक्ति के लिए अपनी ऊर्जा को नियंत्रित करना कठिन होता है. पंचम भाव एक निवेश का भी प्रतिनिधित्व करता है, और जब मंगल वहां होता है तो व्यक्ति या तो सट्टेबाज, शेयर मार्किट जैसे कामों से भी जुड़ सकता है. संतान से संबंधी परेशानी हो सकती है.
मंगल का छठे भाव में प्रभाव
मंगल के छठे भाव में होने पर जातक अधिक सफल और उद्यमशील बनता है. किसी काम में शामिल होकर वह अपनी बेहतर क्षमता को दिखाने में सक्षम होता है. व्यक्ति के प्रतिस्पर्धी, दुश्मन अधिक हो सकते हैं. कई बार अपने लिए समस्याएँ खड़ी कर सकता है, लेकिन सफलतापूर्वक इसका सामना भी कर सकता है. अपने आस पास के लोगों के साथ उसका संबंध मिलाजुला होता है. रिश्तों निभाना आसान नहीं होता है, सब कुछ दूर कर सकता है क्योंकि उसका मंगल ग्रह पर गहरा प्रभाव है इसलिए जरूरी है कि मंगल ग्रह की ऊर्जा का उपयोग सेवा, सुरक्षा के लिए, कमजोरों की मदद करने के लिए किया जाए ऎसा करना बेहतर परिणाम दिला सकता है मंगल के प्रभावित होने पर रक्त संबंधी रोग हो सकते हैं.
मंगल का सातवें भाव में प्रभाव
मंगल का सातवें भाव में होना व्यक्ति को मांगलिक बनाता है. एक मजबूत कुजा दोष का निर्माण होता है. एक व्यक्ति अपने पार्ट्नर के साथ आगे रहने के लिए और प्रधानता के लिए प्रतिस्पर्धा करता है. रिश्ते में बहुत अधिक भावुक और आत्म-केंद्रित हो सकता है. एक ऐसे साथी की भी तलाश भी करता है जो समान, आत्मविश्वासी, मजबूत, सक्रिय होता हो. मंगल का असर व्यक्ति को एक भावुक, मनमौजी रिश्ता देता है, लेकिन अक्सर विवाह भी अधिक देने वाला होता है. यह भी हो सकता है कि कोई व्यक्ति जल्दी से शादी करने का फैसला करना चाहे. अपनी यौन ऊर्जा को व्यथ में बर्बाद किए बिना वफादार बने रहने की जरूरत है.
मंगल का आठवें भाव में प्रभाव
आठवां घर धन, आकस्मिक घटनाओं, दुर्घटनाओं, का स्थान है. जब मंगल इस भाव में होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में कुछ दुर्घटनाओं या चोटों का कारण बन सकता है. कटना, जलना या कार दुर्घटना जैसी स्थिति से प्रभावित हो सकते हैं. यहां मंगल का प्रभाव होने से व्यक्ति ससुराल वालों के साथ बहस में पड़ सकता है. इस भाव में मंगल की स्थिति जीवनसाथी के साथ संबंधों में खटास भी ला सकती है. यह स्थान विवाह के बाद के लाभ, गुप्त साधनों से लाभ को भी दर्शाता है.
मंगल का नवम भाव में प्रभाव
नवम भाव उच्च शिक्षा, आध्यात्मिकता, तीर्थयात्रा, पिता का घर है, इसे भाग्य का स्थान भी कहा जाता है. नवम भाव में मंगल के प्रभाव वाला व्यक्ति यात्रा और रोमांच का शौकीन हो सकता है. बेवजह जोखिम उठाने का खतरा भी बना रखता है. कानूनी मामलों में बहुत सावधान रहना होता है. नौवें घर में मंगल का प्रभाव व्यक्ति को अपने शिक्षकों और विशेष रूप से पिता के साथ बहुत असहमति पैदा कर सकता है क्योंकि यहां मंगल का प्रभाव होने से व्यक्ति दूसरों का हस्तक्षेप ओर नियंत्रण पसंद नहीं करता है.
दसवें भाव में मंगल का प्रभाव
दशम भाव व्यावसाय, कर्म, व्यक्ति का स्वभाव, कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा, कमजोरियों, महत्वाकांक्षाओं आदि का प्रतिनिधित्व करता है जब मंगल इस भाव में आता है, तो व्यक्ति को बेहतर कार्यकुशलता प्रदान करने वाला होता है. व्यक्ति अच्छी मात्रा में धन अर्जित करने के लिए उत्साही होता है. व्यक्ति बहुत मेहनती होता है और इनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य अपने काम में ऊंचाइयों को छूना होता है. व्यक्ति भीड़ का नेतृत्व करना पसंद करता है. व्यक्ति को बहुत मेहनत करनी पड़ती है और बिना कमाए उसे कुछ नहीं मिलता है. व्यक्ति के दबंग स्वभाव के कारण उसके अधिकांश सहयोगी और अधीनस्थ उससे दूरी भी रख सकते हैं.
मंगल का ग्यारहवें भाव में प्रभाव
एकादश भाव सभी प्रकार के धन, लाभ का प्रतिनिधित्व करता है. यह आशाओं और इच्छाओं के बारे में सबसे मजबूत स्थान होता है, मंगल के यहां होने पर व्यक्ति पैसा बनाने में बहुत प्रतिस्पर्धी होता है. जब प्रतिस्पर्धा की बात आती है, तो मंगल के प्रभाव के कारण व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चरम स्तर पर जा कर काम करता है. नकारात्मक पक्ष के रुप में व्यक्ति हमेशा पैसा बनाने के बारे में चिंतित रह सकता है और इसके लिए वह अवैध तरीके से जाने में संकोच नहीं कर पाए.
मंगल का बारहवें भाव में प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में बारहवां भाव खर्चों, अलगाव, एकांत, विदेशी भूमि, विदेश यात्रा, अस्पताल, जेल, शरण और नुकसान का स्थान है. मंगल जब यहां होता है तो व्यक्ति अपनी उर्जा को उचित रुप से कहां लगाए इस को लेकर विरोधाभास में रह सकता है. मंगल के कारण परेशान करने वाली स्थिति हो सकती है कि व्यक्ति पर झूठे आरोप लगाए सकते हैं. इसके परिणामस्वरूप कारावास भी हो सकता है. इस घर में मंगल क्रोध और आक्रामकता को बढ़ावा देने का काम करता है. विदेश से लाभ के मौके मिल सकते हैं.