शुक्र महादशा में अन्य ग्रहों की अंतर्दशा का प्रभाव

शुक्र की महादशा 20 वर्ष तक रहती है. यह संपूर्ण दशा चक्र में अन्य ग्रहों के बीच सबसे लंबी अवधि की दशा का प्रभाव देने वाला ग्रह है. (Xanax) यह अत्यधिक शुभ ग्रह है, जो सुख-सुविधाओं और भौतिकवादी लाभ को प्रदान करने वाला होता है.

शुक्र की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा

शुक्र की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा के प्रभाव से जातक को अनेक प्रकार के लाभ मिल सकते हैं. सुख-सुविधाओं के साथ धन लाभ और समृद्धि को पाने का समय भी होता है. व्यक्ति समाज में अच्छा नाम और प्रसिद्धि अर्जित कर सकता है. निजी जीवन में इच्छाओं की तीव्रता होती है. यह नए रिश्तों की शुरुआत का समय भी होता है. रिश्ते प्यार और रोमांस में गहरे से शामिल होते हैं. व्यक्ति ललित कलाओं के लिए आकर्षित होता है. 

शुक्र की महादशा में मंगल की अंतर्दशा

शुक्र की महादशा में मंगल की अंतर्दशा एक वर्ष दो माह तक रहती है. इस दशा के दौरान व्यक्ति कुछ लाभ पाता है ओर कुछ मामलों में उत्साहित दिखाई देता है. मंगल की ऊर्जा शुक्र दशा से मिलकर व्यक्ति को कामुकता भी प्रदान करने वाली होती है. परिश्रम द्वारा व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ता है. सफलता को पाता है. इस समय के दौरान व्यक्ति अपने प्रेम एवं साथी के प्रति बहुत ध्यान भी देता है. सामाजिक क्षेत्र में व्यक्ति कई तरह की चीजों में शामिल होता है. 

शुक्र की महादशा में राहु की अंतर्दशा का प्रभाव

शुक्र महादशा में राहु की अंतर्दशा का प्रभाव काफी विशेष समय होता है. इस समय पर जीवन की घटनाएं गहराई तक असर डालने वाली होती हैं. इस समय पर जहां धन लाभ मिलता है वहिं मानसिक हानि भी होती है. यह अवधि बच्चों और रिश्तेदारों से शुभ समाचार लेकर आने वाला हो सकता है. रसायन या जहर से संबंधित स्थितियों के द्वारा असर पड़ सकता है. इसलिए इन चीजों पर ध्यान देने की जरुरत होती है. दवाओं के कारण कुछ संक्रमण भी संभव होता है. इस दौरान आप शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं लेकिन जीवन में किसी प्रकार का आघात भी इस दशा के दोरान लग सकता है. 

शुक्र की महादशा में बृहस्पति  की अंतर्दशा का प्रभाव

शुक्र महादशा के समय पर बृहस्पति अंतर्दशा का समय मिलाजुला सा रह सकता है. इस समय के दौरान यह दोनों दशाओं का आपसी संबंध विरोधी रुप में मिलता है जिसके कारण शुभ फलों को मिलने में समय लग सकता है लेकिन कुल मिलाकर चीजें सार्थक  होती हैं. जहां नकारात्मक है, वहीं ये दोनों ग्रह शुभ होने के कारण अच्छे परिणाम भी देते हैं. इस दशा अवधि के दौरान, व्यक्ति को अच्छी व्यावसायिक स्थिति, भौतिक सुख और पारिवारिक मामलों में खुशी मिलती है. अध्यात्म की ओर कुछ झुकाव भी महसूस होता है. व्यक्ति को अपने सामाजिक दायरे में काफी पहचान मिलती है. बृहस्पति ज्ञान और बुद्धि का विस्तार भी करता है. 

शुक्र की महादशा में शनि की अन्तर्दशा का प्रभाव

शुक्र के साथ शनि का संबंध मित्र रुप में होता है, इस समय के दौरान व्यक्ति अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रयासशील रह सकता है.  दोनों ग्रह एक दूसरे के मित्र हैं इसलिए शनि का नकारात्मक प्रभाव कुछ हद तक कम हो जाता है. इस दशा के परिणाम औसत होते हैं.  वैवाहिक जीवन में संघर्ष का अनुभव हो सकता है. इस अवधि के दौरान आराम और विलासिता का आनंद मिलता है. करियर और सामाजिक जीवन में रुकावटें आती हैं लेकिन धीमी गति से बच निकलने का अवसर भी मिलता है. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और वित्तीय अस्थिरता भी इस समय पर अपना असर डालने वाली होती है. 

शुक्र की महादशा में बुध की अंतर्दशा का प्रभाव

शुक्र महादशा में बुध अंतर्दशा का समय शुभता प्रदान करने वाला होता है. यह दोनों ग्रह शुभदायक होने के साथ साथ एक दूसरे के साथ मित्र संबंध रखते हैं. इस दशा के दौरान मौज मस्ती के मौके बहुत मिलते हैं लेकिन लापरवाही परेशानी दे सकती है. व्यक्ति को संतान के साथ सुखमय और सुखद जीवन व्यतीत करने का समय भी मिलता है. घरेलू मामलों में खुशी महसूस कर सकता है. विरोधियों को परास्त करने और भौतिक लाभों को पाने में ये दशा मदद कर सकती है. परिवार में मांगलिक कार्य होते हैं प्रेम संबंधों का आरंभ होता है. 

शुक्र की महादशा में केतु की अंतर्दशा का प्रभाव

शुक्र महादशा में केतु की अंतरदशा का समय संभल कर काम करने का होता है. शुक्र शुभ है लेकिन केतु का समय कुछ मुश्किल हो सकता है. यह शुक्र के सकारात्मक प्रभाव को कमजोर कर सकता है. व्यक्ति संबंधों में कड़वाहट बढ़ने का अनुभव करते हैं. मानसिक शांति की कमी भी इस दौरान बनी रहती है. कई बाधाएं आपको सफलता की ओर बढ़ने से रोकने वाली होती हैं, इस समय पर विषाक्तता  का असर अधिक पड़ सकता है. खान पान में लापरवाही से बचने की जरुरत होती है. संक्रमण का असर भी सेहत पर पड़ सकता है. 

शुक्र की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा का प्रभाव

शुक्र की महादशा में सूर्य अंतर्दशा का प्रभाव मिलेजुले परिणामों को देने वाला होता है. इस समय कार्यक्षेत्र एवं प्रतिष्ठा को बल मिलता है. व्यक्ति अपने परिश्रम द्वारा आगे बढ़ता है. जीवन में प्रगति होती है लेकिन वहीं जीवन में कुछ चुनौतियां भी बनी हुई होती हैं. अपने जीवनसाथी के साथ छोटे-छोटे विवाद होने की संभावना भी रह सकती है. शत्रु या विरोधी भी परेशान करते हैं लेकिन उन पर सफलता संघर्ष और सच्चाई से मिलती है. 

शुक्र की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा का प्रभाव

शुक्र महादशा में चंद्र की अंतर्दशा शुभ ग्रहों की दशाओं का मेल होती है. इस समय पर व्यक्ति अपने भाई बंधुओं के साथ मेल जोल पाता है. व्यक्ति के व्यवहार में सौम्यता का मेल होता है लेकिन चंचलता भी अधिक रहती है. सौंदर्य के प्रति आकर्षण भी अधिक रहता है. अच्छी अच्छी वस्तुओं को पाने की इच्छा बढ़ सकती है