बुध महादशा में अन्य ग्रहों की अंतर्दशा का प्रभाव
बुध, को बुद्धि का ग्रह माना गया है, यह बोलने और वाणी के प्रभाव को दिखाता है. बुध एक शुभ ग्रह की श्रेणी में आता है इसे सामान्य रूप से सकारात्मक ग्रह माना जाता है. इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई रुपों से पड़ता है. बुध की महादशा 17 साल की होती है जब ये दशा आती है तो व्यक्ति बुध के असर में रहता है. यह दशा महादशा, अंतरदशा या अन्य प्रकार की छोटी छोटी दशा अवधि के रुप में देखने को मिल सकती है. यह महादशा बुद्धि, विद्या, लेखन और शिक्षा का प्रतिनिधित्व करती है. बुध महादशा के दौरान ज्ञान, रचनात्मक जिज्ञासा और संचार कौशल में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
बुध की महादशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा
बुध की महादशा में नौ ग्रहों की अंतर्दशा आती है जब बुध का सबंध इन सभी के साथ पड़ता है तो इसके असर कई तरह से प्रभाव डालने वाले होते हैं.
बुध की महादशा में बुध अंतर्दशा का प्रभाव
बुध में बुध की अंतर्दशा व्यक्ति को चंचल बनाने वाली होती है. इस दौरान जातक धर्म के मार्ग पर चलता है. बुध अगर अच्छा होगा तो धार्मिक मामलों की ओर व्यक्ति का झुकाव होता है. इसी के साथ शिक्षा और विवेक से जुड़े कार्यों में निखार आता है. बुध की महादशा में बुध की अंतर्दशा व्यक्ति को विद्वानों से मिलने का मौका देती है. बुध मानसिकता को प्रभावित करता है मन शुद्ध होता है. फैसले लेने से पूर्व हर बात पर व्यक्ति विचार करता है. धन का भी लाभ होता है. ज्ञान के कारण हमेशा अच्छी प्रसिद्धि और सुख मिलता है.
बुध की महादशा में सूर्य अंतर्दशा का प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में सूर्य और बुध के संबंध को मित्र स्वरुप माना गया है. बुध में सूर्य दशा का आगमन अच्छा होता है. यह मान सम्मान देने वाला होता है. सूर्य जहां व्यक्ति को संकल्प शक्ति देता है बुध उचित ज्ञान द्वारा निर्णय लेने की क्षमता देता है. बुध में सूर्य का दशा आगमन ज्ञान और सीखने की क्षमता में अच्छे परिणाम देने वाला होता है. कार्य में पद प्राप्ति, सरकार से लाभ प्राप्त होता है. घर और रिश्तों में सुख-शांति बनी रहती है. आध्यात्मिक रूप से अच्छा अनुभव मिलता है. समाज कल्याण के काम मिलते हैं. इस दशा में व्यक्ति बैंकिंग, शिक्षण, प्रशासन, लेखा, कानून और अन्य उच्च अंत क्षेत्रों में अच्छा कर पाता है. बुध में सूर्य की अंतर्दशा हृदय रोग, त्वचा की समस्याओं, मानसिक तनाव और रिश्तों में अलगाव की ओर ले जा सकती है अगर यह दोनों पाप प्रभावित हों
बुध की महादशा में चन्द्रमा अन्तर्दशा का प्रभाव
बुध की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा कुछ कमजोर हो सकती है. अगर दोनों शुभ हों किसी भी पाप प्रभाव से मुक्त हों अच्छी स्थिति में हो तब यह दशा अनुकूल परिणाम देती है. इस समय के दौरान जीवनसाथी और बच्चों के साथ सुखी समय का आनंद ले सकते हैं. व्यक्ति की कला, संगीत और रचनात्मक क्षेत्रों में भागीदारी हो सकती है. इनसे किसी न किसी रुप में वह जुड़ सकता है. पारिवारिक मामलों में स्त्री पक्ष के साथ कुछ परेशानी हो सकती है. कभी-कभी कुछ थकान और आलस्य अधिक रहता है. व्यापार में अच्छे मौके मिलते हैं मानसिक रुप से तनाव अधिक रहता है.
बुध की महादशा में शुक्र अंतर्दशा का प्रभाव
बुध की महादशा में शुक्र अंतर्दशा का प्रभाव शुभ माना गया है यह दोनों जी व्यक्ति को भौतिक सुख समृद्धि दिलाने वाले होते हैं इस समय खान पान और रहन सहन में बदलाव देखने को मिलता है. इस दशा के दौरान मित्रों का भरपूर सहयोग मिलता है. व्यवसाय में धन और लाभ का समय होता है. अपनी युक्तियों के द्वारा व्यक्ति अच्छे लाभ को पाता है. जातक कई तरह की रचनात्मक कलात्मक गतिविधियों से जुड़ता है. प्रेम का विस्तार होता नए रिश्ते बनते हैं. अगर यह ग्रह किसी कारण पाप प्रभावित हो या कमजोर हों तब कुछ चीजें नकारात्मक हो सकती हैं व्यसन की आदत भी पड़ सकती है.
बुध की महादशा में मंगल अंतर्दशा का प्रभाव
बुध की महादशा में मंगल अंतर्दशा का प्रभाव कमजोर होता है. इस समय पर त्वचा या रक्त विकार परेशानी देते हैं. क्रोध स्वभाव पर अपना असर दिखाता है. वैदिक ज्योतिष में, मंगल बुध का योग शत्रु भाव रुप अधिक रहता है जिसके कारण अस्थिरता अधिक रहती है. व्यक्ति को वाद विवाद में अच्छी सफलता मिल सकती है. वह प्रतियोगिताओं में आगे रह सकता है. इस समय विरोधियों से अधिक चिंता रहती है. वाहन इत्यादि का संभल कर उपयोग करना चाहिए. यह दशा उच्च रक्तचाप, गैस्ट्रिक रोगों का कारण भी बनती है.
बुध की महादशा में बृहस्पति अंतर्दशा का प्रभाव
बुध की महादशा में बृहस्पति अंतर्दशा का प्रभाव भी मिलेजुले असर दिखाता है. इस समय ज्ञान वृद्धि को पाता है. चीजों को विस्तार मिलता है. धर्म से जुड़ाव बनता है. यदि ग्रह अनुकूल हों तो व्यक्ति उच्च वरिष्ठ लोगों का आशीर्वाद पाता है. इस समय संतान, विवाह जैसे सुख मिल सकते हैं. व्यक्ति कई तरह से यात्राओं में शामिल होता है. अगर इन पर खराब असर अधिक हो तो दशा नकारात्मक रुप से असर डाल सकती है सेहत से जुड़े मुद्दे परेशानी दे सकते हैं.
बुध की महादशा में शनि अंतर्दशा का प्रभाव
बुध की महादशा में शनि अंतर्दशा का प्रभाव सामान्य असर देने वाला होता है. इस समय पित्त एवं वात रोग की अधिकता हेल्थ पर असर डाल सकती है.परिश्रम अधिक बढ़ सकता है. मनोकूल बातें पूरी न हो पाएं स्वभाव में आलस्य एवं उदासी शामिल हो सकती है. काम होने में समय लग सकता है. करियर और वित्तीय मामलों में छोटी-मोटी समस्याएं बनी रह सकती हैं, लेकिन जातक को अन्य नुकसान भी होते हैं. यदि इन ग्रहों पर कोई कष्ट या अशुभ प्रभाव हो तो जातक को कई बार अनावश्यक संकट का सामना करना पड़ता है.
बुध की महादशा में राहु अंतर्दशा का प्रभाव
बुध की महादशा में राहु अन्तर्दशा का प्रभाव जीवन थोड़ा कठोरता दिखा सकता है. गलत दिशाओं की ओर व्यक्ति जल्दी आकर्षित हो सकता है. काम का दबाव बढ़ सकता है और लापरवाही भी अधिक हो सकती है. अपने प्रयासों का मनचाहा परिणाम देने के लिए व्यक्ति सब तरह के काम करने में आगे रह सकता है. भ्रम अधिक रह सकता है. वैवाहिक जीवन में गलतफहमियां बनी रहती हैं. यह अवधि कड़ी मेहनत और तनाव बना रहता है. व्यक्ति उदास और असंतुष्ट महसूस कर सकता है. कई बाधाएं सामने आ सकती हैं.
बुध की महादशा में केतु की अन्तर्दशा का प्रभाव
बुध की महादशा में केतु की अंतर्दशा परेशानी और चिंता का समय अधिक होती है. कल्पनाएं व्यक्ति बहुत करता है. जीवन में अनेक कठिनाइयां और परेशानियां बनी रहती है. इस अवधि के दौरान भ्रम और गलतफहमी बनी रहती है. फैसले लेने के लिए संघर्ष करते हैं. वित्तीय प्रगति को रोक सकता है. इस दौरान खर्चे अक्सर बढ़ जाते हैं. एकाग्रता कमजोर होती हैं. ये समय तकनीकी क्षेत्र में अच्छे परिणाम दे सकता है.