बारहवें भाव में शुक्र को क्यों माना जाता है शुभ ?
बारहवें भाव में शुक्र क्यों माना जाता है विशेष
जन्म कुंडली में बारहवें भाव में शुक्र की स्थिति की कई मायनों में अनुकूल रुप से देखा जाता है. यह अत्यधिक कल्पनाशील शक्ति लाता है. व्यक्ति को चुलबुला, मोहक और आकर्षक बनाता है. बारहवें भाव में शुक्र यदि अनुकूल स्थिति में है तो एक जीवंत चरित्र, आकर्षक और सुरुचिपूर्ण व्यक्तित्व प्रदान करने वाला होता है. इच्छाओं की अधिकता देता है और एक शानदार जीवन जीने के लिए उन इच्छाओं को प्राप्त करने के लिए भाग्य भी प्रदान करता है. कुंडली में यदि शुक्र छठे, आठवें या बारहवें भाव का स्वामी होता है और बारहवें भाव में बैठा हो तब शुक्र के कारण विपरीत राज योग भी बन सकता है. इस योग के प्रभाव स्वरुप धनवान, समृद्ध, ज्ञानवान और आनंदमय बनाता है. शुक्र के बारहवें भाव में होने से लोगों को विदेश में भाग्य और समृद्धि मिल सकती है. कुछ विदेशी भूमि में स्थायी रूप से बस भी सकते हैं.
बारहवें घर में वक्री शुक्र आपको खुद पर विचार करने और आपके व्यक्तित्व को बदलने, सोचने के नए तरीके लाने के लिए मजबूर कर सकता है. अपरंपरागत, असामान्य और लीक से हटकर सोच व्यक्ति को अच्छी सफलता दिला सकती है. सफलता के लिए काफी मेहनत, धैर्य और समय की आवश्यकता हो सकती है. शुक्र नए तरीके से काम करने एवं सोचने के तरीके में विस्तार देता है, जीवन में लोगों के करीब आने और पारस्परिक संबंधों को जीने में सहायता करता है.
शुक्र का बारहवें भाव में कमजोर होना
बारहवें भाव में शुक्र का अस्त होना असर को कमजोर कर देने वाला होता है, व्यक्ति जीवन का आनंद नहीं ले पाता है. नकारात्मक भावनाएं हमेशा घेरे रह सकती हैं. कानूनी मसलों में फंस सकते हैं. व्यक्ति को कई बार कार्यों के लिए सजा भी मिल सकती है. बारहवें भाव में शुक्र के अस्त होने से जीवनसाथी अथवा प्रेमी से अलगाव भी सहन करना पड़ सकता है.
शुक्र की यह स्थिति यौन इच्छा के बारे में सोचने की अधिक उत्साहित बनाती है. सपनों के जीवनसाथी की तलाश में व्यक्ति आगे रह सकता है. व्यक्ति अपनी उम्र से छोटे या बड़े लोगों के प्रति आसक्त और आकर्षित हो सकता है. व्यक्ति शादी के बाद आपको जीवनसाथी से काफी उम्मीदें रखता है, जो दाम्पत्य सुख में खटास भी दे सकता है. साथी के लुक्स, स्टाइल, ड्रेस और अपीयरेंस को लेकर जजमेंटल और अधिक ध्यान देने वाला होता है. कम उम्र में रोमांस में चुलबुले और अविश्वसनीय तरह से आगे रहते हैं. युवावस्था में आकस्मिक सुख, प्रेम प्रसंगों और वन-नाइट स्टैंड का भरपूर आनंद लेने में भी व्यक्ति आगे रह सकता है. व्यक्ति कभी भी किसी एक रिश्ते से संतुष्ट नही रह पाता है. किसी रिश्ते में कमिटमेंट नहीं हो पाता है.
कुंडली के बारहवें घर में शुक्र कई बार व्यक्ति को इतना आध्यात्मिक बनाता है कि वे सभी को समान रूप से प्यार करने वाला होता है. केवल एक व्यक्ति को लेकर उसका ध्यान नहीं रहता है. व्यक्ति दूसरों के लिए सहायक बनता है. पशुओं एवं बेघर लोगों के लिए आश्रय स्थल बनाने का सहयोग करने वाला होता है. जन्म कुंडली में बारहवें घर में शुक्र जातकों को सफल और प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता, लेखक और विज्ञानी बना सकता है जो लोगों की मदद करना और उन्हें ठीक करने में सक्षम होता है. व्यक्ति आर्थिक रुप से सक्षम होता है लेकिन जीवन में अत्यधिक खर्चों के कारण बचत पर अधिक असर भी पड़ता है.
राशि और नक्षत्र का प्रभाव
बारहवें भाव में शुक्र धन संचय के लिए अनुकूलता प्रदान करता है. भाग्य आर्थिक मामलों में साथ दे सकता. कमाई के कई स्रोत भी व्यक्ति को प्राप्त हो सकते हैं. अधिकारों के लिए लड़ने और दुश्मनों को दूर करने या स्व-प्रयासों और बुद्धिमानी के माध्यम से प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखता है. कर्क, वृश्चिक, या मीन राशि में शुक्र की यह स्थिति धन के मामले में सकारात्मक असर दिखाता है. जीवन और व्यावसायिक क्षेत्रों में सफलता भी प्राप्त होती है. व्यक्ति त्वचा विशेषज्ञ, डॉक्टर, सर्जन, दंत चिकित्सक आदि बन सकता है.
शुक्र की यह स्थिति यौन रोग भी प्रदान कर सकता है. दुर्घटनाओं या दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचाव भी होता है. वाटर स्पोर्ट्स या किसी भी तरह के एडवेंचर स्पोर्ट्स में शामिल होने पर सावधान रहने की आवश्यकता होती है. कम उम्र में कुछ छोटे-मोटे ऑपरेशन भी हो सकते हैं. बारहवें भाव में स्थित शुक्र किसी विदेशी भूमि में कानूनी मुद्दों या आवास से संबंधित समस्याओं के भय को दूर करता है लेकिन जन्मभूमि पर विवाद भी दे सकता है. बारहवें भाव में शुक्र प्रेम संबंधों को गुप्त भी बना सकता है. व्यक्ति दिखावे से बचता है. जीवनसाथी के प्रति स्नेह, सम्मान, प्रशंसा या ईमानदारी की कमी के कारण वैवाहिक जीवन में समस्याए दे सकता है.