विमल योग - विपरीत राजयोग
विमल नामक विपरित राजयोग, सकारात्मक फल देने में सहायक होता है. इस राजयोग में जातक को बहुत सी संभावनाएं मिलती हैं. इन संभावनाओं और अवसरों का लाभ उठाकर जातक अपने जीवन में आने वाले व्यवधानों से बचता हुआ आगे बढ़ता जाता है. जन्म कुण्डली में बनने वाले बहुत से योगों के मध्य एक यह योग ऎसा प्रभाव देता है जिसमें जातक को शुरुआती रुप में परेशानी मिले लेकिन आखिर में यह जातक को सफलता दिलाने बहुत सहायक भी बनता है.
विपरीत राजयोग तीन नाम महत्वपूर्ण मुख्य रुप से लिए जाते हैं. इनमें से एक हर्ष नामक विपरीत राजयोग होता है, एक सरल नामक विपरीत राजयोग होता है और एक अन्य विमल नामक विपरीत राजयोग आता है. विमल योग विपरीत राज योग का एक भाग है. जब कुण्डली में छठे, आठवें और बारहवें भावों मे से किसी भाव का स्वामी इन्ही भावों से से किसी एक में स्थित हो, तो विपरीत राजयोग बनता है.
विमल योग कैसे बनता है
जब कुण्डली में छठे, आठवें या बारहवें भावों के स्वामी ग्रह, बारहवें घर में हों, अथवा बारहवें भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो विमल योग बनता है. विमल योग में बारहवें भाव का महत्व अधिक होता है. बारहवां भाव जिसे व्यय भाव भी कहा जाता है.
बारहवें भाव से व्यक्ति के सभी प्रकार के व्यय देखे जाते हैं. इस भाव का संबंध जब छठे या आठवें से बनता है तब ग्रहों की एक दूसरे के साथ स्थिति के अनुरुप जातक को इन के फल मिलते हैं. जो इस भाव के बुरे प्रभाव हैं उनमें कमी आती है और विपरित चीजें मिलकर सकारात्मक स्थिति का निर्माण करने में सहायक बनती हैं.
विमल योग योग में जन्मा जातक
इस योग वाला व्यक्ति स्वतंत्र विचारधारा वाला होता है वह दूसरों के कथन पर अधिक भरोसा नहीं करता है. जातक को दूसरों का सहयोग भी मिलता है. लेकिन अपने बल पर आगे बढ़ने की कोशिशें भी वह करता है. इस योग के प्रभाव से जातक स्वयं के प्रति अधिक सोच विचार करता है. गूढ़ रहस्यों को जानने के प्रति ललायित होगा अगर आठवें का संबंध बनता है. व्यक्ति खर्चों पर नियंत्रण रखने की कोशिश करने वाला होता है.
वह व्यर्थ के दिखावे से भी दूर रहना पसंद करता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से परेशान होता है. मानसिक विकार हो सकते हैं. उच्च रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है. जातक सदैव प्रसन्नचित रहने का प्रयास करता है. इसके अतिरिक्त वह धन संचय करने में चतुर होता है. उसका जीवन एक सदाचारी का जीवन होता है, व सामाजिक कार्यों में उसका सहयोग सराहनीय होता है. जातक को व्यापार में ऎसा काम करने से अधिक लाभ मिलता है जिसमें वह आयात निर्यात से संबंधी काम में लगा हुआ हो. महंगी वस्तुओं इत्यादि को जमा करने का शौकिन होता है.
जातक में नेतृत्व करने की इच्छा भी होती है. वह वाक चातुर्य का उपयोग कर लोगों को अपनी ओर करने का गुण जानता है. समाज में समानित होता है. अपने और परिवार के लोगों के साथ अधिक मेल जोल नही रख पाता है. बाहरी स्तर पर लोगों का सहयोग अधिक पाता है. किसी गुरु या वरिष्ठ व्यक्ति से बहुत जल्द प्रभावित होता है. अधिकांश धन का उपयोग दान कार्यों में करने वाला हो सकता है. अपने विरोधियों को परास्त करने में सक्षम होगा.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            