निशीथव्यापिनी कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जयंती का महोत्सव मनाया जाता है. इस वर्ष 30 अक्टूबर 2024 के दिन हनुमान जयंती मनाई जाएगी. इस दिन भक्तों को चाहिए की वह प्रात: स्नानादि से निवृत होकर संकल्प लेकर भगवान हनुमान जी का षोडशोपचार पूजन करें पूजन पश्चात सुगंधित तेल में सिन्दूर मिलाकर उसे भगवान हनुमान जी को अर्पित करना चाहिए.
लाल पुष्पों से पूजन करें, नवैद्य के लिए घी युक्त आटे का चूरमा, लड्डू, फलों का उपयोग करें. रात्रि समय चमेली के तेल का दीया जलाएं और सुंदरकाण्ड का पाठ करें. यह जयंती उत्तर भारतीय परंपरा के अनुसार है परंतु दक्षिण भारत में यह चैत्र पूर्णिमा को मनाई जाती है.
श्री हनुमान जयंन्ती पौराणिक महत्व भी बहुत है जिसके अनुसार शिवजी के अवतार रुप में भगवान श्री हनुमान जी का जन्म अंजना माँ के गर्भ से हुआ था. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान करने से पूरे मास की शुभता बनी रहती है. इस तिथि में भगवान लक्ष्मी नारायण को प्रसन्न करने के लिये व्रत भी किया जाता है. उदय काल पूर्णिमा में सत्यनारायण देव के लिये भी व्रत किया जाता है. वायु-पुराण के अनुसार कार्तिक मास की नरक चौदस के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था.
हनुमान जयंती व्रत | Hanuman Jayanti Vrat
हनुमान जी का जन्म दिवस होने के कारण इस दिन भगवान श्री हनुमान जी का मंत्र का पाठ और मंत्र जाप करना इस दिन विशेष कल्याणकारी कहा गया है. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहता है. इस दिन ये सभी कार्य करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों का निवारण होता है. मान्यता है कि लंका का दहन भी इसी दिन हुआ था.
हनुमान जयंती के दिन श्रद्वालु जन अपने- अपने सामर्थ्य के अनुसार, सिंदुर का चोला, लाल वस्त्र, ध्वजा आदि चढाते है. केशर मिला हुआ चंदन, फूलों में कनेर के फूल, धूप, अगरबती, शुद्ध घी का दीपक, कसार का भोग लगाते हैं.
नारियल और पेडों का भोग भी लगाने से भगवान श्री हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते है. इसके अतिरिक्त दाख-चूरमे का प्रयोग भोग में किया जा सकता है. केला आदि फल भी चढायें, जाते है. कपूर से श्री राम भक्त की आरती की जाती है. प्रदक्षिणा करके, नमस्कार किया जाता है. भजन कीर्तन और जागरण कराने का विशेष महत्व है.
हनुमान जयंती महत्व | Significance of Hanuman Jayanti
श्री हनुमान जयंती तिथि में कई जगहों, पर मेला भी लगता है. जिन स्थानों पर मेला लगता है, उन स्थानों में सालासर, मेंहदीपुर, चांदपोल स्थान प्रमुख है. इस व्रत को सभी द्वारा किया जा सकता है. इस व्रत को करने से सभी भक्तों कि मनोकामनाएं पूरी होती है. भगवान श्री हनुमान जी प्रत्यक्ष देव है वह सभी के संकट दूर करते है. हनुमान जयंती के उपलक्ष्य पर सब ओर उत्साह का माहौल रहता है. मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना कराई जाती है तथा भक्तों को प्रसाद बांटा जाता है.