Articles in Category Puja and Rituals

अधिकमास की पद्मिनी एकादशी व्रत देता है विशेष फल

अधिक मास के दौरान आने वाली एकादशी पदमनी एकादशी के रुप में जानी जाती है. इस एकादशी का समय को सभी प्रकार के शुभ लाभ प्रदान करने वाली एकादशी माना गया है. इस एकदशी के विषय में एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने

अशून्य शयन व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व 2024

शास्त्रों के अनुसार, चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु शयन करते हैं और इस अशून्य शयन व्रत के माध्यम से शयन उत्सव मनाया जाता है. यह व्रत भगवान शिव के पूजन का भी समय होता है, इस कारण से इस समय पर भगवान

अधिक मास सावन शिवरात्रि ।Adhik Maas Shivratri

सावन माह की शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि के रुप में जाना जाता है. श्रावण माह के दौरान आने वाली शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव के अभिषेक से संबंधित कार्य संपन्न होते है. इस साल सावन माह में अधिकमास

व्यास पूर्णिमा 2024 : वेदों के निर्माता वेद व्यास के जन्मोत्सव के रुप में मनाई जाती है व्यास पूर्णिमा

व्यास पूर्णिमा का समय वेद व्यास जयंती के रुप में हर साल अषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. इस वर्ष 21 जुलाई 2024 को रविवार के दिन मनाई जाएगी व्यास पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में वेदों का बेहद

शनि-त्रयोदशी 2024 : जानें शनि त्रयोदशी व्रत विधि और कथा

शनि त्रयोदशी का पर्व पंचाग अनुसार त्रयोदशी तिथि के दिन शनिवार के दिन पड़ने पर मनाया जाता है. शनि त्रयोदशी का समय भगवान शिव और शनि देव के पूजन का विशेष संयोग होता है. इस समय पर भगवान शिव के साथ शनि

नरसिंह द्वादशी 2024 : भगवान का पूजन करने से पूर्ण होंगे सभी मनोरथ

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को नरसिंह द्वादशी के रुप में पूजा जाता है. भगवान श्री विष्णु के दो स्वरुप इस दिन विशेष रुप से पूजे जाते हैं. इस दिन भगवान को नृसिंह रुप में और  गोंविद रुप

बुध प्रदोष क्या है और इसका महत्व क्यों है इतना खास

बुध प्रदोषम से मिलता है ज्ञान एवं बुद्धि का आशीर्वाद प्रदोष तिथि में रखा जाने वाला व्रत भगवान शिव से संबंधित रहा है. प्रदोष का समय शिव पूजन के लिए अति शुभ एवं विशेष होता है. बुधवार के दिन प्रदोष व्रत

वृश्चिक संक्रांति : जाने इसके महत्व और पूजन विधि के बारे में विस्तार पूर्वक

ज्योतिष में सूर्य का महत्व सर्वोपरी रहा है. प्राचीन भारतीय ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण दिन चंद्रमा की गति पर आधारित होते हैं, संक्रांति सूर्य की गति का प्रतीक है. प्रत्येक संक्रांति उस संक्रमण काल को

ललिता सप्तमी, का पूजा समय विधि एवं महत्व

ललिता सप्तमी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर देवी ललिता सप्तमी मनाई जाती है. देवी ललिता जी को भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधा जी के साथ संबंधित किया जाता है. भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी

हरतालिका तीज : भाद्रपद माह कि तृतीया का पर्व देता है सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद

तीज पर्व के रुप में मनाई जाने वाली हरतालिका तीज का समय भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आता है. इस दिन को हरतालिका व्रत के रुप में मनाया जाता है. यह व्रत विवाहिता एवं कुंवारी कन्याओं सभी के लिए

गणेश चतुर्थी : श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए सभी राशियों के लिए विशेष मंत्र

गणेश पूजन में सभी राशियों के द्वारा दिए गए मंत्रों का उल्लेख, पुराणों में मिलता है. गणेश स्तुती हेतु यदि राशि अनुसार मंत्र जाप भी किया जाए तो ये प्रभाव व्यक्ति को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद देने

हरियाली तीज कथा, पूजा विधि और राशि अनुसार करें पूजन

हरियाली तृतीया 07 अगस्त 2024 को बुधवार के दिन हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा. हरियाली तीज अपने नाम अनुसार ही सावन के सबसे सुंदर परिदृष्य के रुप में दिखाई देती है. हरियाली तीज का त्यौहार श्रावण माह

भड़ली (भढ़ली) नवमी अबूझ समय जब हर कार्य होता है मंगलकारी

भड़ली नवमी का पर्व 15 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन चित्रा नक्षत्र को पश्चात स्वाति नक्षत्र भी प्राप्त होगा. शिव योग एवं सिद्ध नामक शुभ योग बनेंगे तथा शुभ योग का निर्माण भी होगा. आषाढ माह की

चातुर्मास : क्यों रुक जाते हैं मांगलिक कार्य ?

चातुर्मास में रुक जाते हैं मांगलिक कार्य और पूजा पाठ को करना क्यों होता है शुभ  हिन्दू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि  चातुर्मास का आरंभ होता है. इस

गुप्त नवरात्रि 2024 पर महाविद्या को लगाएं विशेष भोग मिलेगी हर कार्य में सफलता

गुप्त नवरात्रि के दिन दस महाविद्याओं का पूजन किए जाने का विधान रहा है. गुप्त नवरात्रि का पर्व गृहस्थ से अधिक तंत्र, साधना कर्म एवं योग क्रियाओं के लिए उपयुक्त समय माना जाता है. गुप्त नवरात्रि हेतु

दक्षिणायन का आरंभ योग साधना के लिए विशेष समय

हिंदू पंचांग अनुसार उत्तरायण एवं दक्षिणायन का विशेष महत्व रहा है. दक्षिणायन वह समय है जब सूर्य ग्रह उत्तरी गोलार्ध से पृथ्वी के आकाश में दक्षिण गोलार्ध की ओर गति करना शुरू करता है. किसी भी प्रकार की

इंदिरा एकादशी 2024, इंदिरा एकादशी व्रत कब और क्यों किया जाता है

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस वर्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर 2024 को शनिवार के दिन संपन्न होगा. इंदिरा एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु का

महेश्वर व्रत 2024 : जानें क्यों किया जाता है महेश्वर व्रत

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को महेश्वर व्रत करने का विधान है. इस वर्ष महेश्वर व्रत 24 मार्च 2024 को रविवार के दिन किया जाएगा. महेश्वर भगवान शिव का ही एक अन्य नाम है. इस दिन भगवान शिव का

बुधाष्टमी व्रत, जानें बुधाष्टमी पूजा विधि और कथा

भारतवर्ष में प्रत्येक दिन किसी न किसी महत्व से जुड़ा होता है. यहां मौजूद तिथि, नक्षत्र और दिनों का मेल होने पर कोई उत्सव, व्रत-त्यौहार इत्यादि संपन्न होते हैं. इन सभी का मेल एक उत्साह ओर विश्वास के

कोकिला व्रत 2024, जाने कोकिला व्रत की कथा और इसकी पूजा विधि

व्रत और त्यौहार की श्रेणी में प्रत्येक दिन और समय किसी न किसी तिथि नक्षत्र योग इत्यादि के कारण अपनी महत्ता रखता है. इसी के मध्य में आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन कोकिला व्रत भी मनाया जाता है. अषाढ़