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गुरुवायुर एकादशी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में एकादशी को शुभ माना जाता है. साल में पड़ने वाली एकादशियों में से मलयालम महीने वृश्चिकम में आने वाली वृश्चिका एकादशी का विशेष महत्व है. केरल के गुरुवायुर में श्री कृष्ण मंदिर में भगवान
कन्नड़ हनुमान जयंती : मार्गशीर्ष माह में क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती
मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि को हनुमान जयंती भी मनाई जाती है. इस त्योहार को हनुमान व्रतम के नाम से भी जाना जाता है. कन्नड़ हनुमान जयंती मुख्य रूप से कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के
परशुराम द्वादशी : पूजा और महत्व
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को परशुराम द्वादशी का उत्सव मनाया जाता है. परशुराम द्वादशी धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के अवतरण का प्रतीक है. इस दिन का
मत्स्य द्वादशी : जानें तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व
मत्स्य द्वादशी वह दिन है जो भगवान विष्णु को समर्पित है. यह वह दिन है जब भगवान विष्णु मत्स्य के रूप में अवतार लेते हैं. यह दिन मोक्षदा एकादशी के बाद मनाया जाता है जो मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष में
मार्गशीर्ष द्बादशी , जानें क्यों है विशेष मार्गशीर्ष मास की द्वादशी
मार्गशीर्ष द्वादशी में आने वाले द्वादशी व्रत का बहुत महत्व है. हर द्वादशी में दो द्वादशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष की द्वादशी और दूसरी शुक्ल पक्ष की द्वादशी. इस द्वादशी में द्वादशी पर गंगा और यमुना जैसी
वैकुंठ एकादशी 2024 - मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को वैकुंठदा एकादशी कहते हैं.यह एकादशी व्रत व्यक्ति के कई प्रकार के पापों का नाश करती है. दक्षिण भारत में इस एकादशी को वैकुंठ एकादशी भी कहते हैं. मान्यता है कि
भानु सप्तमी : भानु सप्तमी व्रत और विशेष उपाय
भगवान सूर्य की पूजा का दिन भानु सप्तमी कहलाता है. इस दिन भानु यानि सूर्य की पूजा की जाती है. शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी व्रत रखा जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूर्य देव की पूजा करने
खंडोबा मार्तण्ड षष्ठी कथा और पूजा विशेष
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को खंडोबा षष्ठी या खंडोबा मार्तण्ड षष्ठी के नाम से भी मनाया जाता है। मान्यता है कि खंडोबा मार्तण्ड षष्ठी का पर्व भगवान शिव के अवतार खंडोवा को समर्पित है। खंडोवा
विवाह पंचमी: क्यों है विशेष मार्गशीर्ष माह पंचमी
वैवाहिक जीवन व्यक्ति को मनचाहा सुख प्रदान करता है. मार्गशीर्ष माह में आने वाली पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री राम और सीता जी का विवाह समारोह मनाया
एकादशी जन्म कथा : क्यों और कब हुआ एकादशी का जन्म और कैसे बनी मोक्ष देने वाली
एकादशी तिथि को उन विशेष तिथियों में स्थान प्राप्त है जिनके द्वारा व्यक्ति मोक्ष की गति को पाने में भी सक्षम होता है. एक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी और कृष्ण पक्ष की एकादशी दोनों का ही विशेष
मगसर अमावस्या : अर्थ, महत्व और लाभ
मगसर अमावस्या को मार्गशीर्ष माह के दौरान मनाया जाता है. यह अमवास्य तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अर्थात मगसर महीने में नवंबर-दिसंबर के कृष्ण पक्ष में आती है, मगसर अमावस्या का दूसरा नाम अगहन
सुब्रहमन्य षष्ठी : सुब्रहमन्य षष्ठी कथा और पूजा महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सुब्रहमन्य षष्ठी के नाम से मनाया जाता है. सुब्रहमन्य भगवान का पूजन इस दिन भक्ति भाव के साथ किया जाता है. शिव के दूसरे पुत्र को
अगहन एकादशी : मार्गशीर्ष माह की विशेष एकादशी
अगहन माह एकादशी अगहन माह में आने वाली एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ और खास माना गया है. चतुर्मास में हर प्रबोधनी के पश्चात आने वाली ये एकादशी श्री हरि पूजन और एकादशी के जन्म को दर्शाती है. अगहन माह में
अगहन अमावस्या : साल की सबसे खास अमावस्या
अगहन मास भक्ति और समर्पण से भरा होता है. ऎसे में इस माह में आने वाली अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. साल भर में आने वाली सभी अमावस्या में से विशेष यह अगहन अमावस्या काफी महत्वपूर्ण
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
मार्गशीर्ष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के रुप में पूजा जाता है. इस दिन भगवान श्री गणेश जी का पूजन विधि विधान के साथ करते हैं. भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और
त्रिपुरारी पूर्णिमा : जानें त्रिपुरारी पूर्णिमा कथा और महत्व
त्रिपुरारी पूर्णिमा एक ऐसा त्यौहार है जो हिंदुओं, सिखों और जैनियों द्वारा की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. यह उत्सव मनाने वालों के लिए साल का सबसे पवित्र महीना है. त्रिपुरी पूर्णिमा को बहुत से नामों के
बैकुंठ चौदस : जानें चतुर्दशी स्त्रोत और पूजा महत्व
बैकुंठ चतुर्दशी आरती कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चौदस के रुप में मनाया जाता है. चतुर्दशी तिथि का ये समय बहुत ही विशेष होता है. वैकुंठ चौदस के दिन के नाम से जाना जाता है. इस
कार्तिक एकादशी : मांगलिक कार्यों के आरंभ होने का समय
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कार्तिक शुक्ल एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन को देवउठनी एकादशी, देवउत्थान एकादशी, देवउठनी ग्यारस, प्रबोधिनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है. इस दिन
देव दिवाली : देवताओं की दीपावली
देव दिवाली 2024 महत्वपूर्ण तिथि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाती है. देव दीपावली कोप देवताओं की दीपावली के पर्व नम से जान अजाता है. मान्यताओं के अनुसर इस दिन देवताओं दीपावली का
कार्तिक पंचक : पंचक सबसे अधिक शुभ और पूजनीय समय
पंचक एक ऎसा समय माना जाता है जिसे अनुकूल कम ही कहा गया है. लेकिन कार्तिक मास में आने वाले पंचक की स्थिति उन पंचक से भिन्न होती है जो पंचांग गणना के अनुसार निर्मित होते हैं. कार्तिक माह में आने वाले