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शुक्र का घेरा | The Girdle of Shukra अर्धवृत्त का आरंभ तर्जनी और मध्यमा उंगली से और समाप्त कनिष्ठा और अनामिका के आधार के बीच होता है इसे ही शुक्र का घेरा कहते हैं।यह व्यक्ति को बेहद संवेदनशील और एक उग्रवादी बनाता है।
विवाह रेखा की क्षैतिज रेखाएं कनिष्ठा के नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित होती हैं। इन रेखाओं से रिश्तों में आत्मीयता, वैवाहिक जीवन में खुशी और पति - पत्नी के बीच प्यार और स्नेह के अस्तित्व का संकेत मिलता है। परन्तु विवाह
हस्त रेखा शास्त्र व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं को बहुत बारीकी से समझने में मदद करता है. व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात हो या उसके काम-काज की, या उसके जीवन में आनी वाली सफलताओं अथवा असफलताओं की इन सभी को समझने में
वह रेखाऐं जो विवाह रेखा के ऊपर बुध पर्वत पर तथा अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली रेखाएं संतान से संबंधित रेखाएं होती हैं। परन्तु इस रेखा के साथ अन्य रेखाओं का एवं हाथ की विशेषताओं का अध्ययन करके ही संतान संबंधित भविष्यवाणी