Posts for Tag Hastrekha Jyotish

Following is the list of Articles in the tag Hastrekha Jyotish

हस्त रेखा विज्ञान | Science of Palmistry आज के युग मे हर व्यक्ति किसी ना किसी गूढ़ विद्या के माध्यम से अपना भविष्य फल जानने की इच्छा रखता है. वर्तमान समय में आधुनिकरण के कारण जातक घर बैठै ही इन्टरनेट के द्वारा अपना
हृदय रेखा की स्थिति व्यक्ति के भीतर मौजूद रोमांटिक संभावनाओं को निर्धारित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस रेखा कि विभिन्न प्रकार की स्थिति द्वारा विपरीत लिंगों के बीच आकर्षण, प्रेम, रोमांटिक जीवन की
ह्र्दय रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे हथेली को पार करता हुआ कनिष्ठा पर समाप्त होता है। यह रेखा जीवनरेखा और मस्तिष्क रेखा के ऊपर हथेली के शीर्ष पर स्थित है। यह रोमांटिक संभावनाओं, विपरीत लिंग के मध्य आकर्षण ,भावनात्मक
शुक्र का घेरा | The Girdle of Shukra अर्धवृत्त का आरंभ तर्जनी और मध्यमा उंगली से और समाप्त कनिष्ठा और अनामिका के आधार के बीच होता है इसे ही शुक्र का घेरा कहते हैं।यह व्यक्ति को बेहद संवेदनशील और एक उग्रवादी बनाता है।
हाथों पर स्थित तारे की उपस्थिति महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाती है, तथा हाथों की उंगलियों में या हथेली पर बना तारे का चिन्ह जहाँ भी स्थित होता है यह उस स्थान को महत्वपूर्ण बना देता है। यह एक अच्छा संकेत होता है बस कुछ एक
चंद्र पर्वत, अंगूठे के सामने हथेली के आधार पर स्थित होता है। यह पर्वत एक मजबूत कल्पना शक्ति को दर्शाता है। यह लोगों में भावनात्मक या कलात्मक और सौंदर्य, रोमांस, रचनात्मकता, आदर्शवाद आदि को प्रदर्शित करता है। पूर्ण
सदियों से मनुष्य अपने भविष्य के बारे में जानने को उत्सुक रहा है. उसने स्वयं को संतुष्ट करने के लिए तथा भविष्य की घटनाओं के बारें में पता लगाने के लिए फलित ज्योतिष के आधार पर विभिन्न शाखाओं का निर्माण किया जैसे ज्योतिष,