शनि अंगुली द्वारा फलकथन | Predictions for Saturn Finger
हस्त रेखा विज्ञान | Science of Palmistry
आज के युग मे हर व्यक्ति किसी ना किसी गूढ़ विद्या के माध्यम से अपना भविष्य फल जानने की इच्छा रखता है. वर्तमान समय में आधुनिकरण के कारण जातक घर बैठै ही इन्टरनेट के द्वारा अपना भविष्य फल जान सकता है लेकिन यदि जातक को अपना जन्म समय, जन्म दिवस और जन्म स्थान ज्ञात नही है तब वह अपना भविष्य फल जानने में असमर्थता महसूस करता है. प्राचीन समय से ही ऋषि-मुनियो ने भविष्य जानने के लिए शास्त्रो मे कई विद्याओं का उल्लेख किया है जिनमे से हस्त रेखा विज्ञान का अत्यधिक महत्व है.
इस विद्या में हाथ की रेखाओ से सटीक भविष्य कथन कहे जाते है. हस्त रेखा विज्ञान सामुद्रिक शास्त्र मे लिखी अनेक विधाओ मे से एक विधा है. जिसमे हाथ मे बनी रेखाओ द्वारा भविष्य कथन कहे जाते है. इस शास्त्र में हाथो की बनावट तथा हाथो में बने चिन्हो से भविष्य कथन कहे जाते है.
हथेली मे शनि ग्रह का स्थान | Saturn’s place in the palm
हाथ की सबसे बडी अंगुली को “मध्यमा”अंगुली कहा जाता है. मध्यमा अंगुली हथेली की ओर जिस स्थान पर खतम होती है वह शनि पर्वत कहलाता है. मणिबंध या हाथ के मध्य भाग से एक लम्बी रेखा निकलती है और शनि पर्वत तक जाती है, यह शनि रेखा या भाग्य रेखा कहलाती है.
व्यक्ति के हाथ में भाग्य रेखा सीधी बिना किसी रुकावट के शनि पर्वत तक जाती है तब जातक को सम्पूर्ण जीवन शनि के शुभ फल प्राप्त होते है. जीवन रेखा से निकलकर यदि कोई रेखा शनि पर्वत तक जाती है तो यह शनि की उपरेखा कहलाती है. यह रेखा जीवन मे अच्छे फल प्रदान करती है.
शनि रेखा तथा पर्वतों का संबंध | Relation between Shani Rekha (Line of Fortune) and Parvat
मंगल पर्वत से कोई रेखा प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक जाती तो जातक को अपने परिवार में किसी बुरी घटना का सामना करना पड़ सकता है. यदि मंगल पर्वत से दो रेखाएँ निकल रही हो तो जातक के स्वयं के लिए भी कोई अशुभ बात हो सकती है. शनि की उपरेखा जो शनि पर्वत की ओर जाती है वह अधिकाँशत: गुरु पर्वत, मंगल पर्वत, शुक्र पर्वत या जीवन रेखा से निकलती है. गुरु पर्वत से शनि पर्वत तक यदि एक सीधी रेखा जा रही हो तो जातक अपने जीवन के अंतिम वर्षों में यश प्राप्त करता है.
शनि अंगुली का फलकथन | Predictions for Saturn Finger
शनि अंगुली यदि सीधी और बाकी अंगुलियो से बड़ी हो तो जातक अपने जीवन काल मे समृद्धि पाता है. मध्यमा अंगुली यदि तर्जनी अंगुली और अनामिका अंगुली की अपेक्षा बड़ी हो तो जातक जीवन भर कष्ट पाता है. शनि अंगुली का आखिरी हिस्सा यदि बाहर की ओर झुका हुआ हो तो जातक अपना धन धार्मिक कार्यो मे ना लगाकर व्यसनो मे खर्च करता है.
यदि शनि की अंगुली का आखिरी भाग बाहर की ओर झुका हुआ हो तो जातक को शनि के दुष्प्रभाव सहने पडते है. जातक को चर्म रोग हो सकते हैं. जातक को सांप, बिच्छु जैसे विषैले जन्तुओ से खतरा हो सकता है.
शनि अंगुली और सूर्य अंगुली का फलकथन | Predictions for Saturn Finger and Sun Finger
शनि अंगुली यदि सूर्य अंगुली की ओर झुकी हुई हो तो जातक किसी कला के माध्यम से धन कमाता है. यदि मध्यमा अंगुली सूर्य अंगुली की ओर झुकी हो तो ऎसे जातक पर शनि का दुष्प्रभाव पड़ता है. जन्म के 12 वर्ष तक वह मानसिक उन्माद का शिकार हो सकता है. लेकिन ऎसा जातक कला के माध्यम से धन कमा सकता है.
सूर्य अंगुली यदि शनि अंगुली की ओर झुकी हुई हो तो जातक धनार्जन तो करता है पर जातक ईमानदार नही होता. उस पर शनि का अनिष्ट प्रभाव होता है. जातक को नेत्र रोग भी हो सकते हैं.
शनि अंगुली और गुरु अंगुली फल | Predictions for Saturn Finger and Jupiter Finger
यदि शनि अंगुली गुरु की अंगुली ओर झुकी हुई हो तो जातक अध्यापन कार्य से अपनी आजीविका अर्जित कर सकता है. अध्यापक होते हुए भी व्यक्ति अहंकारी हो सकता है.
यदि मध्यमा अंगुली तर्जनी अंगुली की ओर झुकी हुई हो या सटी हुई हो तो जातक के लिये शनि का प्रभाव शुभ होता है. यदि यही अंगुली शुरुआत से ही टेढ़ी हो तो सारे शुभ फल अशुभता में बदल जाते है. इस कारण शनि अशुभ फल प्रदान करता है. यह अशुभता जातक के 12वे वर्ष से शुरु हो सकती है या जन्म व्यक्ति को अंग विकार हो सकता है.
यदि गुरु अंगुली शनि अंगुली की ओर झुकी हो तो जातक दूसरो की सेवा करता है. जातक को नौकरी मे सफलता नही मिल पाती है. अकसर उसे सिर में दर्द की शिकायत रह सकती है.
अंगुठे का शनि अंगुली की ओर झुकने के फल | Results for a bent Thumb toward Saturn Finger
यदि अंगूठा शनि अंगुली की ओर झुका हो तो जातक बेईमान, कामात्तुर और स्वार्थी हो सकता है. जातक को गुप्त रोगो से कष्ट हो सकता है. हाथ की दसों अंगुलियो के ऊपरी सिरे गोलाकार हो तो जातक को शनि का अशुभ फल प्राप्त होता है. अंगुलियो का आकार सीधा ना होकर कुरुप हो तो भी शनि का अनिष्ट फल समझे.
हाथो की बनावट के अनुसार शनि फल | Results for Saturn based on the built of hands
किसी व्यक्ति के हाथो की बनावट वर्गाकार है तब शनि के कारण प्रतिकूल फलों की प्राप्ति हो सकती है. यदि हाथो की बनावट पतली या कुरुप है तब भी शनि के प्रभाव से जातक का भाग्योदय 50वें वर्ष के बाद होता है. शनि पर्वत यदि उभरा हुआ नही है और हथेली पर माँस ना होकर सिर्फ चमड़ी है तो व्यक्ति पर शनि का ज्यादा प्रभाव पड़ता है.
यदि शनि अंगुली बिल्कुल सीधी तथा दोष रहित हो तो व्यक्ति को शनि के शुभ फल प्राप्त होते है. शनि पर्वत भी यदि उभरा हुआ हो तो जातक पूरे जीवनकाल तक शनि के शुभ फल प्राप्त करता है.