Articles in Category Dashas

कुण्डली के बलवान ग्रह बदल सकते हैं आपके जीवन की दिशा

बलिष्ठ लग्न दशा | Balishtha Lagna Dasha शुभ स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा, सम्मान, सरकार द्वारा अनुग्रहीत कराती है. मध्यम बल दशा सामान्य प्रभाव देने वाली होती है. लाभ मिश्रीत परिणामों से युक्त होंगे. बाधाओं

कुण्डली में दशानाथ फल विचार | Results of Dashanath in a Kundali

कुण्डली में दशा व अन्तर्दशानाथ परस्पर केन्द्र व त्रिकोण भाव में होने पर शुभ व सुखदायी हो जाते हैं. इस बात को अनेक प्रकार से समझा जा सकता है. जातक परिजात इत्यादि पुस्तकों में दशानाथ के केन्द्र व

जानिये, कब देती हैं ग्रह दशाएं अपना शुभ फल

ग्रह स्थिति में विभिन्न दशाओं का प्रभाव देखा जा सकता है. यह प्रभाव उस दशा की ग्रह स्थिति के अनुरूप ही प्राप्त होता है. यदि दशानाथ शुभ ग्रह हो तब जातक को जीवन में राजयोग का सुख मिलता है परंतु यदि

कुंडली के कौन से भाव से आती है जीवन में समस्या आईये जानें इसका रहस्य

ज्योतिष में नौ ग्रहों का प्रभाव पूर्ण रुप से प्रदर्शित होता है. सभी ग्रह अपने कारक स्वरुप को पूर्ण रुप से व्यक्त करते हैं. जातक के जीवन पर होने वाले प्रभाव कुण्डली में स्थित ग्रहों के प्रभाव द्वारा

प्रश्न कुंडली से कैसे जाने अपने जीवन के छुपे हुए रहस्य, जानते हैं विस्तार से

प्रश्न कुण्डली में लग्न, चन्द्र तथा नवाँश की भूमिका अहम मानी जाती है. प्रश्न कुण्डली में लग्न को पुष्प माना गया है. प्रश्न कुण्डली में चन्द्र को बीज की संज्ञा दी गई है. नवाँश कुण्डली में प्रश्न का

जैमिनी ज्योतिष और काल विचार | Jaimini Astrology and Predictions

महर्षि पराशर के अनुसार जीवन में होने वाली घटनाओं का आंकलन करने के लिए जन्म कुण्डली महत्वपूर्ण साधन है. कुण्डली से ज्ञात होता है कि विभिन्न समयों में, ग्रहों की युति और स्थिति के अनुसार व्यक्ति विशेष

जैमिनी ज्योतिष राजयोग का शुभफल | Auspicious Results of Rajyoga in Jaimini Astrology

राजयोग को उत्तम योग माना गया है. यह बहुत ही दुर्लभ योग होता है जो भाग्यशाली व्यक्तियों की कुण्डली में पाया जाता है या यूं कह सकते हैं कि जिनकी कुण्डली में यह योग बनता है वह भाग्यशाली होते हैं. इस योग

जैमिनी ज्योतिष में अर्गला | Argala in Jaimini Astrology

प्रत्येक राशि और ग्रह अपनी स्थिति और प्रकृति के अनुसार दूसरी राशियों और ग्रहों पर दृष्टि डालते हैं. इस दृष्टि का शुभ और अशुभ प्रभाव व्यक्ति को ग्रहों व राशियों की शुभता और अशुभता के अनुरूप प्राप्त

वर्षफल और ताजिक योग | Varshaphal and Tajik Yoga

वर्ष कुण्डली में ताजिक योगों का उपयोग किया जाता है. वर्ष फल में इन योगों का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक होता है. बिना ताजिक योगों के वर्ष कुण्डली का अध्ययन अधूरा होता है. कार्य की सिद्धि होगी अथवा

नामकरण संस्कार करने की सही शास्त्रोक्त विधि

नाम के इस व्यवहारिक महत्व को हमारे धर्म गुरुओं ने वर्षों पहले ही समझ लिया था. उसी मह्त्ता के आधार पर नामकरण संस्कार को आधार मिला तथा नामकरण की धार्मिक प्रक्रिया शुरु हुई. भारतीय ज्योतिष में नामकरण को

सूर्य यंत्र का पूजन और स्थापन खुद कैसे करें

ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को प्रमुख ग्रह के रूप मान्यता प्राप्त है. सूर्य देव को नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह माना गया है इन्हें आत्म कारक कहा गया है. सभी ग्रह इन्हीं की परिक्रमा करते हैं.

कन्या लग्न होने पर धन योग कैसे बनता है

भौतिक समृद्धि के लिए लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदैव आवश्यक होती है. कन्या लग्न में जन्में जातक की कुण्डली में यदि बुध बलवान होकर स्थित हो तो जातक बुद्धिमान, बलवान, कुशल वक्ता तथा सुंदर गुणों से युक्त

प्रश्न कुण्डली से जानिये कि आपकी यात्रा फलेगी या नहीं

प्रश्न कुण्डली व्यक्ति द्वारा पूछे प्रश्न पर आधारित होती है. जिस समय किसी व्यक्ति विशेष द्वारा कोई प्रश्न किया जाता है उसी समय की एक कुण्डली बना ली जाती है. इसे ही प्रश्न कुण्डली कहा गया है. प्रश्न

गणेश यंत्र को स्थापित करने की सही विधि (स्वयं करें)

अभिष्ट फलों की प्राप्ती हेतु यंत्र साधना का प्रतिकात्मक या चित्रात्मक रुप में उपयोग बहुत लाभदायक होता है. गणेश यंत्र सबसे महत्वपूर्ण, शुभ और शक्तिशाली यंत्र होता है जो न केवल लाभ देता है तथा व्यक्ति

नवग्रह स्त्रोत के प्रयोग से स्वयं ही ग्रह शांति कैसे करें

नवग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर पूर्ण रुप से प्रभाव देखा जा सकता है. इन नवग्रहों की शांति द्वारा जीवन की अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकते हैं. नवग्रहों के विषय में अनेक तथ्यों को बताया गया

शुक्र ग्रह और ज्योतिष

ज्योतिष के अनुसार कुण्डली में शुक्र ग्रह की शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है. शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति में चारित्रिक दोष उत्पन्न

बगलामुखी यंत्र | Baglamukhi Yantra | Importance of Baglamukhi Yantra

माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं. यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं. माँ बगलामुखी यंत्र धार्मिक कार्यो में शुभ माना जाता है. धर्मशास्त्रो

अगर आपकी कुण्डली में भी है शनि दोष तो इन उपायों को करने से मिलेगी राहत

कुंडली में मौजूद सभी ग्रह अच्छे या बुरे फल देने वाले सिद्ध हो सकते हैं. शनि यदि कुंडली में शुभ भावों के स्वामी हैं तब वह बुरा फल नहीं देते. यदि शनि कुण्डली शुभ होकर निर्बल है तब उसे बल देना आवश्यक

बुध ग्रह के ये चमत्कारी मंत्र दिला सकते आपको सफलता

गोचर में जब ग्रह अनिष्ट फल दे रहा हो या फिर दशा में कष्ट देने कि स्थिति में हों ऎसे में ग्रह के उपाय करना हितकारी रहता है. जन्म कुण्डली में जब किसी ग्रह का सहयोग प्राप्त न होने की स्थिति में उस ग्रह

ये आसान से मंगल मंत्र दिला सकते हैं हर प्रकार के मंगल दोष से मुक्ति

ज्योतिष में सभी नौ ग्रह का अपना विशिष्ट महत्व होता है. सभी ग्रह अपनी दशा/अन्तर्दशा में अपने फल प्रदान करने की क्षमता रखते हैं. इसी के अन्तर्गत मंगल ग्रह उग्र स्वभाव वाला ग्रह माना गया है. यह मेष तथा