मकरस्थ सूर्य का फल | Sun Aspecting Capricorn

मकर में स्थित सूर्य का फल कुछ कम ही होता है. मकर जोकि शनि की राशि है अत: इस राशि में स्थित होने पर सूर्य कुछ अधिक अच्छे फल नहीं दे पाता है. मकर राशि में प्रवेश ही उत्तरायण के प्रारंभ का समय होता है. मकर राशि मे सूर्य के होने पर व्यक्ति के मन में अंह का भाव आ सकता है, इसी के साथ जातक अपने काम को सर्वप्रमुख बताकर अन्य के कामों नहीं समझ पाता है. किसी गलत काम में भी लग सकता है. लोभ की इच्छा बल पकड़ सकती है किसी भी कार्य के पिछे अच्छा मुनाफा पाना इनकी चाह भी बन सकती है.

स्त्री से प्रेम करने वाला परंतु चरित्र की ओर इसका ध्यान नहीं जाता है. गलत कामों में अधिक लग सकता है और इस मार्ग में उसके सभी काम भी आगे बढ़ सकते हैं. एक से अधिक कामों में लगा रहने वाला होता है जिससे अधिक लाभ भी पाता है. इनमें यह गुण भी हो सकता है कि वह अपने कामों में अधिकता से थकावट भी महसूस करे. कुछ असंतोष भी रह सकता है मन में अजीब सी बेचैनी बनी ही रह सकती है जिस कारण जातक को मानसिक सुख में कमी मिले.

जातक घूमने का खूब शौकिन हो सकता है, अपने सभी ओर को देखने और समझने की चाह उसमें रहती है. कुछ कामों में उसका मनोबल उतना साथ नहीं देता जितने की उसे आवश्यकता होती है क्योंकि उसके मनोबल में कमी होने से फैसलों को सही प्रक्लार से पूर्ण भी नहीं कर पाता है. लोगों इसके कुछ कामों से इनसे नाराज भी रह सकते हैं किंतु इन्हें इससे अधिक फर्क नहीं पड़ता है. अपने कामों में यह ओरों को नाराज़ भी कर सकता है.

अपनों की नाराज़्गी से इसे कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है इसलिए हो सके तो सभी को साथ में लेकर चलने से सभी मामले सुलझ सकते हैं. खाने का खूब शौकिन होता है और विभिन्न व्यंजनों का स्वाद चखने कि चाह भी रखता है.

कुम्भस्थ सूर्य का फल | Sun Aspecting Aquarius

कुम्भ राशि में सूर्य के स्थित होने पर व्यक्ति दिखने में सुन्दर और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होता है. व्यक्ति का मनोबल अच्छा होता है कई प्रकार के कामों में वह अपनी इसी इच्छा शक्ति से आगे बढ़ता है. क्रोध की अधिकता होती है अंदर से काफी क्रोधी होता है इस कारण से यदि कोई छोटी सी भी बात मन को लग जाती है तो सह नहींपाता है. सज्जनों द्वारा उचित सम्मान नहीं मिल पाता कुछ न कुछ कमी बनी ही रहती है.

मन से व्यथित रह सकता है. विचारों का द्वंद चलता ही रहता है किसी न किसी बात से मन में उधेड़बुन बनी ही रहती है. मित्रता में भी पूर्णता नहीं मिल पाती, लम्बे समय तक मित्रता नहीं रह पाती है साथ छुटता जाता है. व्यक्ति अपने काम के विषय में काफी निश्चित होता है. मन में जो भी बात सोच लेता है वह उसे पूर्ण करके ही छोड़ता है अपने कार्य के प्रति काफी सजग रहता है.

कुछ स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना होता है. मुख्यत: हृदय रोग का होना इसमें शामिल रहता है. जीवनसाथी सुन्दर और सहयोगी होता है. यदा कदा आपस में विवाद होता है. मित्रों एवं साझेदारों से सहयोग व लाभ मिलता है. व्यापार एवं कारोबार में जल्दी कामयाबी मिलती है. आर्थिक स्थिति सामान्य रहती है. यदि गुस्से मे हो तो बिना सोचे विचारे कुछ भी बोल सकता है. अनाप शनाप शब्दों का उपयोग करने की वजह से लोगों के मध्य खराब छवि बना सकता है.

इस राशि में सूर्य जातक को परिवार मे बडे़ होने का रूतबा देता है. व्यक्ति राजकीय सेवा मे ऊंचे पद पर जाने का अधिकारी भी बन सकता है. व्यक्ति अक्सर लाभ के मामले मे ठेकेदारी और इसी प्रकार के काम करने का शौकीन होता है. पत्नी परिवार की प्रताणना भी सहन करनी पड़ सकती है और कई प्रकार से विरोधों को भी सहना पड़ सकता है.

मीनगत सूर्य का फल | Sun Aspecting Pisces

मीन राशि में सूर्य व्यक्ति को स्वस्थ और निरोग बनाने में सहायक होता है. इस राशि में सूर्य अपने मित्र की राशि में होता है जिसके फलस्वरूप उसमें आध्यात्मिकता का आगमन भी होता है. व्यक्ति अपने को धर्म से जुडा़ पाता है. उसे गुरूओं और विद्वान लोगों से सहायता और ज्ञान की प्राप्ति होती है. कुण्डली में यह स्थिति व्यक्ति को आत्मविश्वासी और परिश्रमी बनाने में सहायक होती है. जातक अपने काम को करने में लगन और खूब साहस भी दिखाता है. जिस कारण उसे काफी हद तक अपने कामों में कुछ सफलता भी मिल ही जाती है.

किसी भी कार्य को पूरे मनोयोग से करने पर जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति भी मिलती है. शत्रुओं और विरोधियो से भय नहीं रखता और अपने साहस से उन्हें परास्त करने की काबिलियत भी रखता है. समाज में सम्मानित स्थान पाने में भी काफी हद तक सफल हो सकता है. राज्य में उसे अच्छा पद भी मिल सकता है. व्यक्ति व्यापार की अपेक्षा नौकरी में अधिक कामयाबी प्राप्त कर सकता है.

इस राशि का सूर्य दिमागी रूप से उत्तेजना देने का कारक बन सक्लता है. व्यक्ति के भीतर राजसी गुण शामिल होते हैं और वह अपने कामों में अच्छा प्रदर्शन करने की योग्यता रखता है. परिवार में सदस्यों से कुछ तनाव रह सकता है लेकिन यदि अपनी उचित बौद्धिकता का प्रदर्शन करे तो सभी को साथ लेकर चल सकता है. वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी से अनबन के कारण गृहस्थी का सुख प्रभावित होता है. दाहिनी आंख मे दिक्कत का हो सकती है साथ ही यात्रायें और खर्चा भी बहुत होता है, पिता से अक्सर दूरियां ही बनी रह सकती हैं.

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