मेषगत सूर्य का फल | Result of Sun Aspecting Aries
मेषगत सूर्य के होने से जातक शास्त्रों का अच्छा जानकार बनता है. जातक को इस स्थिति में उच्चता की प्राप्ति होती है जिसके फलस्वरूप सूर्य के गुणों में भी वृद्धि होना स्वाभाविक है. इसलिए यहां पर स्थिति सूर्य अपने तेज में बढो़त्तरी करता है और जातक को उसका यह तेज कई प्रकार से प्रभावित करता है. जातक अपनी कृतियों और रचनाओं के कारण काफी प्रसिद्धि पाने में सक्षम होता है. उसका चहुंमुखी विकास होता है.
परंतु इसी के साथ सूर्य का अत्यधिक तेज स्वभाव भी जातक के स्वभाव में स्पष्ट होते दिखाई देता है. जातक को क्रोध अधिक आ सकता है, वह युद्धप्रिय हो सकता है. इस प्रकार के अनेक कौशल जिसमें शक्ति का समावेश हो उसे अच्छे लग सकते हैं. सात्विकता के साथ ही उसमें ओजस्विता और अंह की पुष्टि भी हो सकती है.
अनेक स्थानों में विचरण करने की चाह उसमें रह सकती है क्योंकि मेष एक चर राशि है इसलिए जातक में भी स्थाईत्व का अभाव रह सकता है. साहसिक कार्यों में रूचि रख सकता है. सूर्य की तेजी और अग्नि जातक को प्रभावित करती है. पित्त की अधिकता हो सकती है. रक्तविकार की संभावनाएं भी रहती हैं. जातक के चेहरे पर तेज रहता है. राज्य व पिता से समर्थन की प्राप्ति होती है.
वृषभगत सूर्य का फल | Result Of Sun Aspecting Taurus
वृषगत राशि में स्थित होने पर सूर्य का प्रभाव तेज के साथ कलात्मकता से युक्त हो जाता है. इसके प्रभाव में जातक अच्छी वस्तुओं का शौकीन होता है. आभूषणों तथा महंगे वस्त्रों को पहनने की चाह रखने वाला, सलीके से युक्त बातचीत में अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति का परिचय देता है. साजसज्जा का ख्याल रखने वाला बनता है. सुगंधित वस्तुओं का प्रेमी, गीत संगीत व नृत्य आदि कलाओं का प्रेमी होता है.
इस राशि में स्थित होने पर जातक जल से भयभीत रह सकता है, उसे मुंह व नेत्र संबंधी विकार हो सकते हैं क्योंकि जब शुक्र की राशि में सूर्य स्थित होता है तो यह नेत्रों की ज्योति को प्रभावित करता है. जातक अपने भव्य चरित्र का आचरण भी करता है जिसे देखकर लोग उसे दिखावा करने वाला भी समझ सकते हैं.
जातक दिखने सुंदर और पतला होता है, व्यवहारिक होता है और व्यापार के कार्यों में दक्षता पाता है. दांपत्य संबंधों को भी प्रभावित करता है क्योंकि शुक्र वीर्य है और सूर्य अग्नि ऎसे में तेज, वीर्य को जला देता है ऎसे में जातक अधिक संतान से रहित हो सकता है. सहने की शक्ति भी अधिक होती है. कुछ मामलों में यौन सुख में भी कमी को दर्शाता है.
मिथुनगत सूर्य का फल | Result Of Sun in Gemini Sign
मिथुन में सूर्य के होने पर जातक को मेधावी बनने में सहायक बनता है. यह स्थिति में सूर्य एक बौद्धिकता से पूर्ण राशि में स्थित होता है जहां सूर्य भी ज्ञान का रूप माना जाता है वहीं जब वह इसमें स्थिति होता है तो जातक की बौद्धिकता अच्छी और प्रखर होकर उभरती है. उसे व्यापार जैसे कामों में अच्छी सफलता भी प्राप्त होती है.
जातक की भाषा भी मधुर बनती है और उसमें वाक कला का चातुर्य प्राप्त होता है. व्यवहार में सदाचार का आगमन होता है और कार्यों में दान पुण्य करने इच्छा जागृत होती है. शास्त्रों के प्रति झुकाव बढ़ता है और उनमें पारंगता मिलती है. विज्ञान और शास्त्र जैसे विषयों में अच्छी समझ रखने वाला होगा.
इस स्थान में वह दूसरों के लिए सहायक व मन से विकल भी रह सकता है. धन से युक्त होगा किंतु खर्चों में अधिकता बनी रहेगी. उदारता पूर्ण आचरण करने वाला होगा. ज्योतिष के विषयों रूझान रखने वाला दो माताओं का प्रेम पाता है या उनसे पालन पोषण का सुख प्राप्त करता है. सभी के समक्ष प्रिय व विनीत होता है.
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