पंद्रह मुखी रुद्राक्ष और सोलह मुखी रुद्राक्ष | Pandraha Mukhi Rudraksha and Solah Mukhi Rudraksha
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष पन्द्रह तिथियों से संबंधित है. इस रुद्राक्ष को धारण करने से अपने सभी उद्यमों में सफलता प्राप्त होती है. उर्जा शक्ति द्वारा अपने सभी कार्यों में सफलता पाता है.इस रुद्राक्ष के पहनने वाला तीव्र बुद्धि को पाता . वह अपने ज्ञान द्वारा सभी को प्रभावित करने में सक्षम होता है. मान्यता है कि जब भगवान विश्वकर्मा सभी देवताओं के लिए हथियार बनाते हैं तो वह भगवान शिव से अपने इस कार्य में सफलता पाने का आशीर्वाद मांगते हैं तथा भगवान शिव प्रार्थना से प्रसन्न हो इन्हें आशीर्वाद के रूप में पंद्रह मुखी रुद्राक्ष प्रदान करते हैं.
जो व्यक्ति लौह और रसायन के व्यापार में लगे हुए हैं उन लोगों के लिए यह पंद्रह मुखी रुद्राक्ष बहुत उपयोगी माना जाता है. यह रूद्राक्ष सभी संबंधों को पूर्ण करने में सहायक है.
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष लाभ | Benefits of Pandraha Mukhi Rudraksha
पंद्रह मुखी रूद्राक्ष पशुपतिनाथ का स्वरूप माना जाता है. यह रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन, शक्ति, ऊर्जा, समृद्धि, आत्मा के उन्नयन और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि करता है. सच्चा सुख और मन की शांति प्रदान करता है. उचित मार्ग दिखाता है तथा सही रास्ते पर लेकर हमें आगे बढ़ता है.15 मुखी रूद्राक्ष भगवान पशुपतिनाथ का प्रतीक तथा राहु द्वारा शासित है. पंद्रह मुखी रूद्राक्ष को पहनने से धन का अभाव नही रहता है. मोक्ष को प्राप्त करने में तथा उच्च उर्जा शक्तियों की वृद्धि में सहायक होता है.
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष से स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Pandraha Mukhi Rudraksha
यह त्वचा के रोग को दूर करने में सहायक होता है. तथा पौरूष शक्ति को बढा़ने में लाभदायक है. प्राचीन वैदिक ग्रंथों के अनुसार पंद्रह मुखी रुद्राक्ष गर्भपात का भय समाप्त करता है प्रसव पीड़ा को कम करता है तथा असाध्य रोगों को दूर करने में बहुत लाभकारी सिद्ध होता है. विचारों और ध्यान केंद्रित करने तथा एकाग्रता शक्ति और स्मृति बढ़ को उत्तम बनाता है. अंतर्ज्ञान की शक्ति को बढ़ाता है.
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Pandraha Mukhi Rudraksha Mantra
15 मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन सोने या चांदी में पहन सकते हैं या लाल धागे में पिरोकर ‘ॐ पशुपतय नम:’ का मंत्र जाप करते हुए धारण करें
सोलह मुखी रुद्राक्ष | Solah Mukhi Rudraksha
सोलह मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु एवं भगवान शिव का रुप माना जाता है. 16 सोलह मुखी रुद्राक्ष, सोलह कलाओं एवं सिद्धियों का प्रतीक है. इसे पहनने वाले को सोलह सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है. सोलह मुखी रुद्राक्ष विष्णु और शिव का संयुक्त रूप है और विजय प्राप्त होने का प्रतिनिधित्व करता है. यह रूद्राक्ष "केतु" द्वारा शासित माना गया है तथा केतु के बुरे प्रभावों से बचाता है. यह रूद्राक्ष की दुर्लभ किस्मों में से एक है.
सोलह मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Solah Mukhi Rudraksha
इस रूद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति भगवान की भक्ति पाता है और सत्य को निभाते हुए अपने जीवन और सात जन्म के पुण्य लाभ पाते हैं. माना जाता है कि अर्जुन ने जब मछली की आँख को साधा था तब उन्होंने इसी रुद्राक्ष को धारण कर रखा था अत: इस रूद्राक्ष को पहनने के बाद व्यक्ति असाधारण क्षमता को पाता है. वह शक्तिशाली व्यक्ति बन जाता है. यह रूद्राक्ष समस्त सुखों का भोग कराता है तथा सभी पापों से मुक्त करने में सहायक है. व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नही सताता तथा जिस घर में 16 मुखी रूद्राक्ष रखा हो वह घर चोरी, डकैती, या आग की समस्याओं से मुक्त होता है.
सोलह मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Solah Mukhi Rudraksha
सोलह मुखी रुद्राक्ष को उपयोग में लाने से पक्षपात जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं शरीर की सूजन, गले संबंधी रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है. तपेदिक, कुष्ठ रोग, फेफड़ों के रोगों जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक है.
सोलह मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Solah Mukhi Rudraksha Mantra
मंत्र: ओम नमः शिवाय ' और ‘ॐ ह्रीं हूम’
व्यक्ति जो उचित विधि और मंत्र जाप द्वारा इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसे अपने समस्त कर्मों में सफलता प्राप्त होती है.