ग्यारह मुखी रुद्राक्ष और बारह मुखी रुद्राक्ष | Gyarah Mukhi Rudraksha and Barah Mukhi Rudraksha
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूद्र के सामान माना जाता है. इसे एक मुखी रुद्राक्ष का प्रतिरूप भी कहा जाता है. यह एकादश मुखी रुद्राक्ष सुख समृद्धि दायक होता है. इसे धारण करने से सभी कार्यो में सिद्धि प्राप्ति होती है. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक प्रभाव से युक्त माना गया है. इसे ग्यारह रुद्रों एवं भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का प्रतीक भी कहते हैं.
ग्यारहमुखी रुद्राक्ष एक सौ सहस्त्र गायों के सम्यक दान के बराबर फल प्रदान करने वाला है. इस रुद्राक्ष पर इन्द्र का स्वामित्व है. अत: इसे धारण करने से प्रसन्नता, ऎश्वर्य एवं यश की प्राप्ति होती है. इसके द्वारा इन्द्रियाँ एवं मन नियंत्रित रहते हैं. यह योग साधना, यम - नियम , आसन - षटकर्म तथा अन्य यौगिक क्रियाओ में सहायक है.
एकादश मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Gyarah Mukhi Rudraksha
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का उपयोग एवं पूजन से एकादशी व्रत के समान फल प्राप्त होता है. इस रुद्राक्ष को शिखा में धारण करने से हजार अश्वमेध यज्ञ, वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य मिलता है. स्त्रियाँ इसे पति की लंबी उम्र एवं संतान प्राप्ति हेतु धारण कर सकती हैं. सावन में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष की पूजा अमोघ फलदायी होती है. इसे धारण करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता. एकादशमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अभाव नहीं रहता, सभी संकट व कष्ट दूर हो जाते हैं. यह रुद्राक्ष धारक को उचित निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है. बल, बुद्धि प्रदान करता है, ध्यान-साधना इत्यादि में उपयोगी है.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Gyarah Mukhi Rudraksha
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का उपयोग अस्थमा एवं सांस से संबंधित बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है. मस्तिष्क सम्बन्धी विकारों को दूर करता है. संक्रामक रोगों के नाश के लिए तथा शरीर को बलिष्ट व निरोगी बनाने में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होता है.
एकादश मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Gyarah Mukhi Rudraksha Mantra
श्री नारायणाये श्री विष्णवे नमः ,
ॐ श्री रुद्राय नमः,
ॐ ह्रीम हूम नमः,
ॐ ह्रीं ह्रुं नमः
एकादश मुखी रुद्राक्ष को “ॐ ह्रीं हम नमः का जाप कर के धारण करना चाहिए.
बारह मुखी रुद्राक्ष | Barah Mukhi Rudraksha or Dwadash Mukhi Rudraksha
द्वादशमुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. इसके देवता बारह आदित्य अर्थात बारह सूर्य हैं. सूर्य स्वरूप होने के कारण यह व्यक्ति को शक्तिशाली तथा तेजस्वी बनाता है. इसे धारण करने से गो-वध, मानव हत्या जैसे माहापापों से मुक्ति प्राप्त होती है. बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य का ओज एवं तेज प्राप्त होता है, सूर्य के शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
बारह मुखी रुद्राक्ष लाभ | Benefits of Barah Mukhi Rudraksha
बारह मुखी रुद्राक्ष दरिद्रता को नष्ट करके सुख एवं संपत्ति प्रदान करता है. इसे इस्तेमाल करने से अश्वमेघ के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है. सभी प्रकार के भयानक जंगली पशुओं से रक्षा प्राप्त होती है. बारह मुखी रुद्राक्ष समस्त बाधाओं को समाप्त कर देता है. बाधाओं का शमन करने के कारण इसे आदित्य रुद्राक्ष के नाम से भी जाना जाता है. यह रुद्राक्ष सभी प्रकार की दुर्घटनाओं से बचाता है. इस रुद्राक्ष द्वारा दु:ख, निराशा , कुंठा , पीड़ा और दुर्भाग्य का नाश होता है. व्यक्ति सूर्य की भांति यशस्वी बनता है.
द्वादश मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Barah Mukhi Rudraksha
द्वादश मुखी रुद्राक्ष का उपयोग करने से हृदय रोग, फेफड़ों के रोग, त्वचा रोग तथा आंत संबंधी रोग दूर होते हैं. सभी प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों का नाश होता है. बारहमुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला निरोगी होकर स्वास्थ्य लाभ पाता है.
द्वादश मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Barah Mukhi Rudraksha Mantra
‘श्री सूर्याय नमः’ ,
‘ॐ ह्रीं सूर्याय नमः’
इस रुद्राक्ष को “ॐ क्रों क्षों रों नमः” का जाप कर के धारण करें.