विभिन्न राशियों के लिए रुद्राक्ष | Rudraksha for Different Rashi (Zodiac Signs)
रुद्राक्ष अपने अनेकों गुणों के कारण व्यक्ति को दिया प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से निकले जलबिंदु से हुई है. अनेक धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष के महत्व को प्रकट किया गया है जिसके फलस्वरूप रुद्राक्ष के महत्व से जग प्रकाशित है. इसे धारण करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. अत: रुद्राक्ष को यदि राशि के अनुरुप धारन किया जाए तो यह ओर भी अधिक प्रभावशाली सिद्ध होता है.
रुद्राक्ष को राशि, ग्रह और नक्षत्र के अनुसार धारण करने से उसकी फलों में कई गुणा वृद्धि हो जाती है. ग्रह दोषों तथा अन्य समस्याओं से मुक्ति हेतु रुद्राक्ष बहुत उपयोगी होता है. कुंडली के अनुरूप सही और दोषमुक्त रुद्राक्ष धारण करना अमृत के समान होता है.
रुद्राक्ष धारण एक सरल एवं सस्ता उपाय है, इसे धारण करने से व्यक्ति उन सभी इच्छाओं की पूर्ति कर लेता है जो उसकी सार्थकता के लिए पूर्ण होती है. रुद्राक्ष धारण से कोई नुकसान नहीं होता यह किसी न किसी रूप में व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति कराता है.
कई बार कुंडली में शुभ-योग मौजूद होने के उपरांत भी उन योगों से संबंधित ग्रहों के रत्न धारण करना लग्नानुसार उचित नहीं होता इसलिए इन योगों के अचित एवं शुभ प्रभाव में वृद्धि के लिए इन ग्रहों से संबंधित रुद्राक्ष धारण किए जा सकते हैं और यह रुद्राक्ष व्यक्ति के इन योगों में अपनी उपस्थित दर्ज कराकर उनके प्रभावों को की गुणा बढा़ देते हैं. अर्थात गजकेसरी योग के लिए दो और पांच मुखी, लक्ष्मी योग के लिए दो और तीन मुखी रुद्राक्ष लाभकारी होता है.
इसी प्रकार अंक ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति अपने मूलांक, भाग्यांक और नामांक के अनुरूप रुद्राक्ष धारण कर सकता है. क्योंकि इन अंकों में भी ग्रहों का निवास माना गया है. हर अंक किसी ग्रह न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है उदाहरण स्वरुप अंक एक के स्वामी ग्रह सूर्य है और अंक दो के चंद्रमा इसी प्रकार एक से नौ तक के सभी अंकों के विशेष ग्रह मौजूद हैं. अतः व्यक्ति संबंधित ग्रह के रुद्राक्ष धारण कर सकता है. इसी प्रकार नौकरी एवं व्यवसाय अनुरूप रुद्राक्ष धारण करना कार्य क्षेत्र में चौमुखी विकास, उन्नति और सफलता को दर्शाता है.
राशियों के अनुरुप रुद्राक्ष | Rudraksha for Rashi
- मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं, इसलिए मेष राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
- वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र है अत: इस राशि के जातकों के लिए छ: मुखी रुद्राक्ष फायदेमंद होता है.
- मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध है. मिथुन राशि के लिए चार मुखी रुद्राक्ष है.
- कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं इस राशि के लिए दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी है.
- सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य हैं. इस राशि के लिए एक या बारह मुखी रुद्राक्ष उपयोगी होगा.
- कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध हैं. कन्या राशि के लिए चार मुखी रुद्राक्ष लाभदायक है.
- तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं. तुला राशि के लिए छ: मुखी रुद्राक्ष तथा तेरह मुखी रुद्राक्ष उपयोगी होगा.
- वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं. वृश्चिक राशि के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होगा.
- धनु राशि के स्वामी ग्रह (गुरु)बृहस्पति हैं. धनु राशि के लिए पाँच मुखी रुद्राक्ष उपयोगी है.
- मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं. मकर राशि के लिए सात या चौदह मुखी रुद्राक्ष उपयोगी होगा.
- कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं. कुंभ राशि के व्यक्ति के लिए सात या चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होगा.
- मीन राशि के स्वामी ग्रह गुरु हैं. इस राशि के जातकों के लिए पाँच मुखी रुद्राक्ष उपयोगी है.
- राहु के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष और केतु के लिए नौमुखी रुद्राक्ष का वर्णन किया गया है.