रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Rudraksha
रुद्राक्ष स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना गया है. आयुर्वेद में रुद्राक्ष को महान औषधि संजीवनि कहा है. रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ के लिए अनेक प्रकार से उपयोग किया जा सकता है.
त्रिदोषों से मुक्ति हेतु | Rudraksha gives relief from three basic health ailments
वात, पित्त और कफ त्रिदोष हैं इनका असंतुलन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. अत: शरीर में इनका संतुलन बेहद आवश्यक है. इसलिए इन दोषों से मुक्ति हेतु रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है. त्रिदोषों के शमन के लिए रुद्राक्ष का उपयोग बेहद लाभदायक है. रुद्राक्ष को घीस कर पीने से कफ से उत्पन्न रोगों का शमन होता है.
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक | Rudraksha helps to control blood pressure
रुद्राक्ष के रक्तचाप को सामान्य बनाने के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. इसमे इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक फिल्ड होने के कारण यह शरीर में रक्तका संचार व्यवस्थित करता है. मान्यता है कि इसे धारण करने से मन को शांति मिलती है क्योंकि यह शरीर की गर्मी को अपने में खींचकर उसे बाहर कर देता है. दोमुखी रुद्राक्ष की भस्म को स्वर्णमाच्छिक भस्म के साथ बराबर मात्रा में एक रत्ती सुबह-शाम हाई ब्लडप्रेशर के रोगी को दूध के साथ सेवन कराई जाए तो यह फ़ायदेमंद होती है.
हृदय रोगों से बचाव के लिए | Rudraksha protects from heart diseases
रुद्राक्ष द्वारा आप रक्त चाप को सामान्य रख सकते हैं तथा ह्रदय संबंधि रोगों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं. रुद्राक्ष को कंठ में इस प्रकार धारण करें कि उसका स्पर्श आपके हृदय स्थल का स्पर्श कर सके. इसके अलावा कृतिका नक्षत्र समय या रविवार के दिन पांच मुखी रुद्राक्ष को तांबे के कलश में जल भरकर डाल दें तथा अगले दिन खाली पेट इस जल का सेवन करें ऐसा नियमित रुप से करते रहें इससे हृदय संबंधी समस्याओं से निजात प्राप्त होगा.
खसरा (मिजल्स) से बचाव हेतु | Rudraksha protects from Measles
रुद्राक्ष का उपयोग चेचक की बिमारी के लिए भी किया जाता है. खसरा होने पर रुद्राक्ष घिसकर चाटने से आराम मिलता है.
स्मरण शक्ति को तेज करता है | Rudraksha helps to increase the memory power
रुद्राक्ष स्मरण शक्ति को तेज करता है तथा यादाशत मजबूत बनाता है. चार मुखी रुद्रा़ का उपयोग करने से मंद बुद्धि, क्षीण स्मरण शक्ति एवं कमजोर वाक शक्ति मजबूत होती है.
चर्म रोगों को दूर करे | Rudraksha to remove skin diseases
रुद्राक्ष के कुछ दाने ताँबे के बर्तन में पानी डालकर भिगोकर यह रुद्राक्ष जल सुबह खाली पेट ग्रहण करने से विभिन्न चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है. तीन मुखी रुद्राक्ष को घिस कर इसका लेप नाभि पर लगाने से धातु रोग दूर होता है. इसके अतिरिक्त नौ मुखी रुद्राक्ष की भस्म को तुलसी के पत्तों के साथ मिलाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है.
रुद्राक्ष को नीम के पत्तों के साथ मिलाकर चूर्ण बना लें इस चूर्ण को लेप की तरह खुजली वाले स्थान पर लगाएँ फायदा होगा.
रुद्राक्ष सौंदर्यवर्धक | Rudraksha to enhance beauty
त्वचा में कांति एवं निखार लाने हेतु भी रुद्राक्ष बहुत फ़ायदेमंद होता है. रुद्राक्ष को चंदन में पिस कर उबटन की तरह चेहरे पर लगाने से चेहरा मुलायम एवं निखार से भर जाता है. इस उबटन को पूरे शरीर पर लगाने से तन की दुर्गंध भी दूर हो जाती है. इसके अलावा रुद्राक्ष को बादाम और गुलाब जल के साथ मिलाकर भी उबटन रुप में उपयुक्त किया जा सकता है.
शरीर के दर्द को दूर करता है | Rudraksha gives relief from body pains
शरीर में होने वाले दर्दों जैसे गठिया की समस्या या जोडों का दर्द या फिर शरीर में किसी अंग पर सूजन आ जाने पर रुद्राक्ष द्वारा उपचार करने से बहुत लाभ मिलता है. रुद्राक्ष को पीस कर उसे सरसों के तेल के साथ मिलाकर मालिश करने से दर्द और सूजन में आराम मिलता है.
सर्दी जुकाम और खांसी को दूर करता है | Rudraksha helsp to treat cold and cough
रुद्राक्ष को तुलसी के साथ मिलाकर चूर्ण की तरह बना लें और इस चूर्ण को शहद के साथ नियमित रुप से खाली पेट सेवन करें लाभ होगा.
तनाव दूर करने में सहायक | Rudrakshs helps to reduce stress
रुद्राक्ष को को गाय के दूध में उबालकर पीने से. मानसिक रोग दूर होते हैं तथा शांति प्राप्त होती है. रुद्राक्ष को चंदन में मिलाकर इसका लेप मस्तिष्क पर लगाने से सिर दर्द से राहत मिलती है तथा स्नायु रोग दूर होते हैं.
रुद्राक्ष के अन्य उपचार | Rudraksha and other treatments
रुद्राक्ष स्त्री संबंधी रोग, त्वचा रोग तथा उदर संबंधी रोगों, गुर्दा, फेफड़े एवं पाचन क्रिया से संबंधी विकारों, मानसिक रोग, पक्षाघात, पीत, ज्वर, दमा-श्वास, यौन विकार आदि रोगों में शांति के लिलाभदायक होता है. मंदबुद्धि बच्चों के लिए तथा जिनकी वाक् शक्ति कमजोर हो उनके लिए चमत्कारी है. यह मधुमेह, नेत्र रोग, दृष्टि दोष, लकवा, अस्थिदुर्बलता तथा मिरगी आदि रोगों के शमन के लिए फायदेमंद है. हिस्टीरिया, अपस्मार दमा, गठिया, जलोदर, मंदाग्नि, कुष्ठ रोग, हैजा, अतिसार, में बहुत लाभदायक है. रुद्राक्ष रोगों से लड़ने में कवच का कार्य करते है, इसे धारण करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त होते हैं.