प्रश्न कुण्डली में भावों के कारक तत्व | Elements in Houses of Prashna Kundali
जैसा कि पहले चर्चा कर चूके हैं कि प्रश्न कुण्डली में भाव सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक होता है. सामान्यत: प्रश्न कुण्डली के भाव जन्म कुण्डली की ही भांति होते हैं और इनका अध्ययन भी जन्म कुण्डली के भावों की भांति ही किया जाता है. इनमें भी ग्रहों की दृष्टि और स्थिति के अनुरूप फलकथन होता है. परंतु यहां पर ताजिक की दृष्टि का अलग ही प्रभाव होता है क्योंकि यह पराशर दृष्टि से भिन्न होती है जो प्रश्न कुण्डली के भावों को सुक्षमता के साथ समझने में मददगार सिद्ध होती है.
पहला भाव | First House
प्रश्न कुण्डली का पहला भाव प्रश्न कर्ता की सामान्य अभिव्यक्ति को दर्शाने वाला होता है यह उसकी खुशी के बारे, उसकी इच्छाओं, वर्तमान स्थिति, प्रसिद्धि, उसके शरीर, स्वास्थ्य, शक्ति, आदि और सभी उपक्रमों में सफलता और प्रसिद्धि का संकेत देता है.
यदि प्रश्नकर्ता अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में जानना चाहता है तो लग्न की ताकत है और चंद्रमा की मजबूती के साथ कुण्डली का अध्ययन किया जाता है और यदि लगन मजबूत है और चंद्रमा भी अच्छी स्थिति में बैठा है तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं परंतु यदि ऎसा नहीं है तो समस्या उत्पन्न हो सकती है.
दूसरा भाव | Second House
प्रश्न कुण्डली का दूसरा भाव घर परिवार, धन संपदा, वाणी, भाषण, दाहिनी आंख और प्रश्नकर्ता के ज्ञान अन्य सभी चीजों के बारे में जो जनम कुंडली में देखी जाती हैं उन सभी के विषय में जानकारी देता है. इस भाव को बारहवें भाव से मजबूत होना चाहिए परंतु लग्न से अधिक नहीं होना चाहिए. अगर यह ग्यारहवें भाव के साथ संबंध बना रहा हो तो प्रश्नकर्ता की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है.
तीसरा भाव | Third House
प्रश्न कुंडली का तीसरा भाव प्रश्नकर्ता के प्रयासों उसके साहस, शक्ति सामर्थ्य, उसकी जीवन शक्ति, बुराई, हठ, गुप्त कामों के प्रभाव, शिक्षा के क्षेत्र में उसकी सफलता इत्यादि को इंगित करता है.
संबंधों के आधार पर प्रश्न कुण्डली के इस घर से भाग्य, जीवन साथी का आध्यात्मिक झुकाव, उसकी कठिनाइयां, उसके पिता और छोटे भाई के साथ उसके संबंध और उसकी स्थिति इत्यादि बातें देखी जाती हैं.
चौथा भाव | Fourth House
प्रश्न कुण्डली का चौथा भाव माँ की स्थिति को इंगित करता है, इसके साथ ही यह सामान्य रूप में समृद्धि, भू-संपत्ति, वाहन, खानों और पृथ्वी के अन्य संसाधनों के साथ ही उसकी खुशियों को भी दर्शाता है.
यह भाव प्रश्नकर्ता की माता का स्थान होता है, जातक के जन्म समय माता की स्थिति ओर उसकी प्रसन्नता को अभिव्यक्त करने वाला होता है तथा उस समय आसपास की स्थितियों को इंगित करता है.
प्रश्नकर्ता की लोकप्रियता, सार्वजनिक छवि और उसके सामान्य प्रभाव को भी कुंडली के इस घर से आंका जाता है.केन्द्र स्थान होने के साथ ही यसि यह भाव मजबूत भी हो तो सब अच्छा होता परंतु यदि ऎसा न हो तो परेशानियों को दर्शाता है.
पांचवां भाव | Fifth House
प्रश्न कुण्डली के पांचवें भाव से जातक की बुद्धि, विवेक, स्मृति, सही-गलत को समझने कि शक्ति, पूर्वजन्मों के कर्म, सलाह देने की क्षमता, संतान ओर मन: स्थिति आदि बातों का पता चलता है.
त्रिकोण भाव होने और पूर्वजन्म का भाव होने से यह भाव बहुत महत्वपूर्ण होता है और प्रश्नकर्ता के वर्तमान जीवन को दर्शाता है. इसलिए इस भाव की शक्ति ओर दृष्टि संबंध द्वारा जातक की परिस्थितियों के बरे में जाना सकता है.
छठा भाव | Sixth House
प्रश्न कुंडली का छठा भाव प्रश्नकर्ता की कठिनाइयों, संघर्ष, अपनी स्थिति को बनाए रखने की जद्दोजहद, रकाम में आने वाली बाधाओं, मानसिक और शारीरिक चिंता, रोग,शत्रुओं, नौकर आदि की स्थिति को इंगित करता है.
यदि यह भाव कमजोर स्थिति में है और पाप ग्रहों से दृष्ट हो तो यह प्रश्न कर्ता की परिस्थिति को बताता है. हालांकि पाप ग्रह विशेष रूप से मंगल के इस भाव में बैठने से यह जातक को सफलता दिलाने में सहायक बनता है. यह त्रिक भाव कहलाता है इस भाव को सामान्य रूप से मजबूत होना चाहिए लेकिन लग्न से अधिक नहीं.
सातवां भाव | Seventh House
प्रश्न कुण्डली का सातवां भाव प्रश्नकर्ता के वैवाहिक जीवन, यौन प्रवृत्ति, यौन संबंधों को दर्शाता है इसी के साथ यह भाव साझेदारी के व्यापार, जनता में आपकी छवि और प्रभाव, पति- पत्नी के स्वास्थ्य आदि को बताता है.
यह भाव केन्द्र स्थान होता है इसलिए इसकी ताकत भी महत्वपूर्ण होती है. यदि प्रश्न कुण्डली में यह भाव कमजोर है तो जातक को इस भाव से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
आठवां भाव | Eight House
प्रश्न कुण्डली का आठवां भाव खतरों, अपयश, लम्बी व्याधियों, मृत्यु और सभी वस्तुओं के विनाश का प्रतीक होता है. यह गोपनीयता, छिपाव, गुढ़ ज्ञान, काला जादू दि की तरह मौत का घर है और इस घर को के लिए अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है. यह भाव त्रिष्ठाय में से एक है और इसलिए इसका मजबूत होना जरूरी है परंतु लग्न से अधिक नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे प्रश्न फलित नहीं हो पाता और उसका फल नहीं मिलता.
नवम भाव | Ninth House
प्रश्न कुण्डली का नवम भाव किस्मत या भाग्य को इंगित करता है, धर्म, दया, योग्यता, आध्यात्मिकता, दान, साधना, अच्छे आचरण या संस्कृति, प्रश्नकर्ता का पिता, पोते पोतियों और गुरू को दर्शाता है. यह एक त्रिकोण भाव है, अपनी ताकत और अच्छी स्थिति से यह प्रश्न के सकारात्मक पक्ष को इंगित करता है.
दशम भाव | Tenth House
प्रश्न कुण्डली का दसवां भाव प्रश्नकर्ता के कर्म क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है. उसके अच्छे या बुरे कर्म को यहीं से समझा जा सकता है. यह भाव प्रश्नकर्त के पेशे या व्यवसाय, काम घर, काम के माहौल को और उसके पेशे से संबंधित अन्य बातों का बताता है. यह घर केन्द्र भाव में से एक होता है और प्रश्नकर्ता की सफलता को पहचानने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
ग्यारहवां भाव | Eleventh House
प्रश्न कुण्डली का यह भाव बडे़ भाई, बाएं कान और आर्थिक लाभ को इंगित करता है. यह प्रश्नकर्ता के लाभ का घर होता है. यह त्रिष्ठाय भाव में से एक होता है और भौतिकवादी लाभ के लिए यह अच्छा माना जाता है किंतु जीवंतता के लिए अनुकूल नहीं होता है इसलिए, इस भाव का अध्ययन अत्यंत सावधानी से करना चाहिए.
बारहवां भाव | Twelfth House
प्रश्न कुण्डली के बारहवें हाव से पाप कर्मों, कारावास, अस्पताल में भर्ती, शारीरिक चोट, लाभ की हानी, खर्चे, संबंधों का टूटना, गिरावट आना, स्थिति या पेशे में नुकसान का होना इतायादि बातें इस भाव से देखी जाती है.
इसलिए अच्छे और बुरे सभी प्रभावों को ध्यान से देखने की आवश्यकता होती है. विशेष भाव को प्रभावित करने वाले ग्रहों का परीक्षण करके ही प्रभावों को निर्धारित किया जाना चाहिए. पाप ग्रह भाव बल पर निर्भर करते हैं इन्हें कुछ विशिष्ट भावों में बैठकर भाव बल मिलता है और शुभ ग्रहों की तुलना में यह पाप ग्रह अधिक भाव बल पर निर्भर होते हैं. अत: इन बातों को ध्यान में रखते हुए अध्ययन करना चाहिए.
प्रश्न कुण्डली भाव के अन्य अर्थ | Other Meaning of Houses in Prashna Kundli
प्रश्न मार्ग के आधार पर लग्न को राजा माना जाता है यहां लग्न से आरंभ होने पर बारहवां भाव उसका शरीर, खजाना, सेना, वाहन, कूटनीति, दुश्मन, संचार, राजा का मन, दीर्घायु, इंगित करता है व्यापार और वाणिज्य तथा आय और व्यय.का प्रतिनिधित्व करता है.
जब सवाल राष्ट्र या राज्य के साथ संबंधित हो तो यह बहुत उपयोगी स्थिति होती है. इसके प्रभाव राजशाही के साथ जुड़े हुए होते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी यह लोकतंत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है. सम्बन्धित देश या राज्य में सत्तारूढ़ सरकार की प्रकृति के अनुसार उन्हें पुनर्परिभाषित किया जा सकता है यह प्रश्ना राजनीति संबंधित प्रश्नों में उपयोगी हो सकते हैं.