लाल किताब में कमजोर ग्रह होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जिसके प्रभाव से ग्रह का बल कमजोर हो जाता है और ग्रह शुभ फल देने में सक्षम नहीं हो पाता है. लाल किताब कुण्डली में ग्रह कई प्रकार से कमजोर या कहें मंदा हो सकता है. इस बात को हम ऎसे समझ सकते हैं. जैसे की लाल कितब कुण्डली के आठवें भाव में अगर मंगल और बुध एक साथ बैठे हुए हों तो दोनों का फल अलग अलग रुप से अशुभ होता है.
इसी तरह लाल किताब कुण्डली के 9वें भाव में शुक्र मंदा माना गया है. इसी तरह से बुध को लाल किताब के खाना नम्बर 3 में मंदा माना जाता है. वहीं लाल किताब कुण्डली में ग्रहों की उच्च स्थिति और नीच स्थिति भी होती है. ग्रहों के मित्र और शत्रु ग्रह भी होते हैं. अगर ग्रह शत्रु राशि में होगा और शत्रु ग्रह के साथ होगा तो वह कमजोर हो जाएगा.
लाल किताब कुण्डली में शुक्र अगर मेष राशि में सिंह राशि में या धनु राशि में होगा तो मंदा होगा . इसी प्रकार बुध अगर मिथुन राशि में हो ओर शुक्र धनु राशि में हो तो मंगल बद कहलाता है. वहीं किसी भी ग्रह का फल कैसा होगा उसे समझने के लिए ग्रहों की स्थिति को समझा जाएगा.
विभिन्न ग्रहों के उपाय
लाल किताब कुण्डली में मौजुद कमजोर ग्रहों एवं उनकी मंदी स्थिति को सही करने के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. ग्रहों की मंदी स्थिति को कम करने के लिए पहले इस बात का निर्धारण करने की आवश्यकता होगी की कौन सा ग्रह किस कारण से मंदा हो रहा है. तब उस स्थिति को समझ कर उसके अनुरुप उपाय किए जाते हैं जो एकदम सटीक फलों को देने में सहायक होते हैं.
कुछ उपाय इस प्रकार के होते हैं जो ग्रह की प्रत्येक मंदी स्थिति में उसके लिए लाभ ही देने वाले होते हैं. लाभ के प्रभाव स्वरुप ग्रहों का मंदापन इन उपायों से भी कम होता है. इनमें से कुछ उपायों के बारे में यहां विस्तार से बताया जा रहा है जो इस प्रकार होंगे.
इन सभी उपायों को 40 से 43 दिन तक लगातार करना चाहिए. अगर किसी दिन भूल जाएं तो फिर से इस उपाय को 40-43 दिन करना होता है अन्यथा इन उपायों का शुभ फल नहीं मिल पाता है. इसके अतिरिक्त भी लाल किताब कुण्डली में ग्रहों के उपायों के विषय में विस्तार से बताया गया है. जहां उपाय के लिए आप पूजा-पाठ का सहारा ले सकते हैं. किसी यंत्र का उपयोग कर सकते हैं जिसए कमजोर ग्रह को मजबूती मिल पाए.
लाल किताब कुंडली में कमजोर ग्रहों के कारण उचित फलों का मिल पाना कठिन होता है. ऐसे में कमजोर ग्रह को बलवान बनाने के लिए बहुत से उपाय दिए गए होते हैं. ग्रह को ताकत देने के लिए जो उपाय हैं उन्हें करने पर व्यक्ति को लाल किताब कुंडली में बहुत से सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है.
लाल किताब में रत्न का उपाय
लाल कितब कुण्डली में ग्रह को बलवान बनाने के लिए रत्न की सहायता ली जा सकती है. ज्योतिष की सलाह अनुसर धारण किए जाने वाले रत्न का स्वरूप उपाय में दिया होता है. कमजोर ग्रह के लिए बताए गए रत्न एवं उपरत्न को अंगूठी में, गले में हाथ में जैसे चाहें धारण कर सकते हैं. रत्न का स्पर्श व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाला होता है. यही ऊर्जा शरीर में पहुंच कर ग्रह और फलों को प्रभावित होती है. इसके साथ ही इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि जिस रत्न का उपयोग हम कर रहे हैं वह शुद्ध है, साथ ही वह जन्म कुण्डली के आधार पर भी रत्न अनुकूल हो. इन बातों को ध्यान में रखते हुए रत्न का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है और ग्रह को भी मजबूती देता है.
यंत्र का उपयोग
लाल किताब कुण्डली में ग्रह के कमजोर होने पर उक्त ग्रह से संबंधित यंत्र का उपयोग भी बहुत उपयोगी उपाय होता है. यंत्र को बनाने के लिए शुभ समय और मुहूर्त समय पर इसे बनाया जा सकता है. यंत्र को भोज पत्र, तांबे, चांदी , स्वर्ण इत्यादि जिसमें भी बनाना चाहें बनवा सकते हैं. ऐसे में निर्मित यंत्र का नियमित रूप से पूजन शुभकारी होता है.
पूजा पाठ
ग्रहों को बली बनाने के लिए पूजा पाठ का नियमित रूप से किया जाना ग्रहों को मजबूत बनाने के लिए बहुत आवश्यक होता है. पूजा पाठ के साथ-साथ दान का भी बहुत महत्व बताया गया है. उक्त ग्रह की वस्तुओं का दान भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पर इस दान के संबंधित मुख्य बात यह है कि दान का उपयोग किसी ज़रूरतमंद के पास ही जाए.
व्रत एवं उपवास
लाल किताब में व्रत एवं उपवास का उपाय भी बहुत लाभदायक माना जाता है. जो ग्रह कमजोर हो उस ग्रह के लिए व्रत एवं उपवास का विधान बताया गया है. ऐसे में उक्त ग्रह को बल भी प्राप्त होता है.
मंत्र जाप का उपाय
कुण्डली में कमजोर-निर्बल ग्रह का प्रभाव अनुकूल बनाने के लिए मंत्र जाप का उपाय भी बताया जाता है. यदि मंत्र जाप को एक निश्चित संख्या में किया जाए तो उसके सकारात्मक फल अवश्य प्राप्त होते हैं. ग्रह की शांन्ति और उसे बल देने के लिए यह उपाय भी बहुत उपयोगी माना जाता है.
यज्ञ-हवन
यहां ग्रह को बलवान बनाने के लिए हवन एवं यज्ञ का नित्य रुप से किया जाना बहुत फायदेमंद माना जाता है. इन आयोजनों द्वारा ग्रहों को बल मिलता है. इन उपायों को करने में एक निरंतरता बनी रहती है.
लाल किताब हेतु बहुत से उपायों का हमें उपयोग मिलता है जो ग्रहों को प्रबल करने में महत्वपूर्ण होता है. इन उपायों का उपयोग एवं सुझाव हेतु किसी योग्य ज्योतिष आचार्य की सलाह से करना चाहिए. जिससे की उक्त रूप से अनुकूल फलों की प्राप्ति हो सके.
लाल कितब में उपायों को करने में बहुत ही सावधानी की आवश्यकता होती है. उपायों को तभी किया जाना चाहिए जब आप किसी योग्य व्यक्ति से अपने कमजोर ग्रह के बारे में जान लें और फिर बताए गए तरीकों को उपाय में शामिल करें.