शुक्र और सूर्य | Venus and Sun
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में शुक्र की युति सूर्य के साथ होने पर व्यक्ति के स्वभाव में एक असमंजस की स्थिति देखी जा सकती है. उसके मन की कल्पनाओं की सकारात्मकता में विलंब की स्थिति पनप सकती है. व्यक्ति को स्त्रियों का साथ मिलता है किंतु उनसे अधिक घनिष्ठता नहीं रह पाती है. जातक धनार्जन करने में प्रयासरत रह सकता है. अधिक मेहनत करनी होती है, अनियंत्रित इच्छाएं कभी कभी गलत मार्ग की ओर भी ले जा सकती हैं. व्यक्ति को खूब सा धन और भोग विलास की चाह रह सकती है.
व्यक्ति का मन अनेकों कल्पनाओं और इच्छाओं को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर रहता है. कुछ न करते हुए भी सब कुछ पा लेने की इच्छा बनी रहती है. व्यक्ति सपनों की दुनिया में रहने वाला होता है तथा सभी सुखों की चाह करने वाला होता है. यह युति व्यक्ति की आर्थिक तंगी का कारण भी बन सकती हैं वह व्ययों पर नियंत्रण लगाने में सक्षम नहीं रह पाता है. किंतु यह सब ग्रहों की शुभता व प्रभाव पर भी निर्भर करता है.
व्यक्ति कुछ धार्मिक यात्राओं को कर सकता है उसका मन धर्म कर्म के कार्यों को करने में लगा रह सकता है. अपने बंधुओं से उसे सहायता मिल सकती है या अपने भाई बहनों के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी जातक को उठानी पड़ सकती हैं. यहां शुक्र के फलों में कमी भी आ सकती है तथा शुक्र पूर्ण अनुकूल लाभ मिलने में अनेक रूकावटें उत्पन्न होनी स्वाभाविक हो सकती हैं.
शुक्र और चंद्रमा | Venus and Moon
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में शुक्र के साथ चंद्रमा की युति होने पर व्यक्ति स्त्रियों से अधिक आकर्षित रह सकता है. खर्चों पर व्यक्ति का नियंत्रण नहीं रहता वह धन संचय करने में कमी कर सकता है. अधिक पराक्रम और साहस में कमी रह सकती है. व्यक्ति का मन कई प्रकार की गतिविधियों से जुड़ने का कर सकता है. उसके कलात्मक गुणों का विकास होता है तथा उसकी पसंद अलग से दिखाई देने लगती है. वह अपने प्रयासों द्वारा अपनी छुपी हुई प्रतिभा को सबके सामने लाने का प्रयास करता है. कला की ओर उसका झुकाव अधिक रह सकता है.
व्यक्ति की संगीत के प्रति रूचि रहती है. वह आंतरिक रूप से काफी चिंतन-मनन करने वाला हो सकता है. वह अपने कामों को पूर्णता के साथ करने की इच्छा रखता है लेकिन इनके प्रभावों की पूर्णता में कुछ न कुछ कमी अवश्य देखने को मिल सकती है. कहीं न कहीं यह दोनों ही अपना प्रभाव किसी अलग रूप में भी दर्शाते हैं. व्यक्ति की बौद्धिकता में कला का रूप स्पष्ट दिखाई देता है. वह बोलने में मधुर और प्रभावशाली हो सकता है.
जातक का वक्तव्य दूसरों को आकर्षित करने वाला रह सकता है. वह अपनी प्रतिभा द्वारा जो ख्याती पाता है उसमें वह अपनी सभी क्षमताओं का प्रदर्शन करता है. यहां यदि ग्रहों पर अशुभ प्रभाव प्रतिफलित होने लगे तो व्यक्ति व्यसनों में भी पड़ सकता है. जातक के साहस में भी कमी आती है. वह अपनी प्रतिभा को सही प्रकार से अभिव्यक्त करने में सफल नहीं हो पाता है. जातक को महिलाओं की ओर से असुविधा और शत्रुता का सामना करना पड़ सकता है.
शुक्र और बुध | Venus and Mercury
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में शुक्र के साथ बुध की स्थिति होने पर जातक की छुपी प्रतिभा सामने आती है. वह अपने कलात्मक गुणों की अभिव्यक्ति को दर्शाने वाली होती है. व्यक्ति का स्वरूप अपने ज्ञान को कला के रूप में प्रखरता के साथ दिखाने वाला होता है. वह अपनी योग्यता को अदभुत रूप से सुंदर स्वरूप देने की चाह रखने वाला होता है उसे अपनी छोटी बहनों का प्रेम प्राप्त होता है और उनके सहयोगात्मक रूख को पाकर बहुत प्रसन्न होता है. इस स्थिति के कारण व्यक्ति को अच्छे लाभ मिल सकते हैं. व्यक्ति हंसमुख होता है और दूसरों का मित्रता करने के लिए तत्पर रहता है.
वह आर्थिक उन्नती को पा सकता है उसे शुभत्व की प्राप्ति भी हो सकती है. यह ग्रह स्वास्थ्य और आय संबंधी बातों पर प्रभाव डालने वाले होते हैं, यदि यह दोनों शुभ रूप से स्थित हों तो चंद्रमा के फलों में भी शुभता लाने की क्षमता रख सकते हैं. परंतु यदि इन पर बुरा प्रभाव परिलक्षित हो रहा होता है तो यह शुभत्व में कमी कर सकते हैं.
शुक्र और बुध की युति से जातक के विचारों को नया रूख प्राप्त होता है वह दूसरों के साथ स्वयं को जोड़ने की कला सीखता है. यह स्थिति व्यक्ति को ज्ञान और धन दोनों को पाने की चाहत देने जैसी होती है. जातक में सीखने की गहरी इच्छा होती है. वह नित नई चीजें सीखना चाहता है. व्यक्ति आमोद-प्रमोद और मनोरंजन से जुडा़ रहता है.