चंद्र और सूर्य | Sun and Moon

लाल किताब कुण्डली के तीसरे भाव में चंद्रमा के होने से जातक का स्वभाव का शांत तथा साधु जैसा प्रतीत होता है वह लोभ से परे स्वयं के सामर्थ्य से कुछ बनने की कोशिश करने वाला होता है. वह अपना उत्थान स्वयं ही करता है. उसमें दूसरों की सहायता करने की प्रवृत्ति भी होती है. व्यक्ति को समाज में अपने कार्यों द्वारा सम्मान की प्राप्ति भी होती है. व्यक्ति जीवन में भाईयों के साथ के कारण प्रगती नहीं कर पता है. कभी कभी विचारों में भी दूरी स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है.

इस घर में जब चंद्रमा के साथ सूर्य की स्थिति आती है तो व्यक्ति को कई बार अपने बंधुओं से दूर जाना पड़ सकता है. वह सभी ओर से. कई बार इस स्थिति के कारण वह अपने लिए तो अच्छे फल पा सकता है लेकिन उसकी मस्ती व मतलब-परस्ती दूसरों के लिए दुख का कारण भी बन सकती है. इस कारण से उसके मान में भी कमी आ सकती है.

किसी भी प्रकार से वह उन्नती तो करता है यहां पुरूष राशि के होने से जातक काफी अडिग और कठोर भाषी भी हो सकता है. व्यक्ति को गूढ़ विषयों में रूचि रहती है वह वेद शास्त्रों के प्रति रूझान रखने वाला होता है. व्यक्ति वीर बनता है तथा गुणों से युक्त बनता है.

चंद्रमा और मंगल | Moon and Mars

लाल किताब टेवे के तीसरे घर में चंद्रमा के साथ मंगल के होने पर व्यक्ति को धन कि प्राप्ति होती है वह अपनी बौद्धिक क्षमता से लाभ प्राप्त करना जानता है. व्यवहारिक होता है और जीवन के प्रति सजग भी रहता है. चन्द्र और मंगल दोनों अलग अलग गुणों वाले ग्रह एक शांत और दूसरा अग्नि व लाल वर्ण से युक्त होता है ऎसी स्थिति इनकी युति जातक के स्वभाव यह दोनों ही गुण को दर्शाने वाली रहेगी.

चन्द्रमा के साथ मंगल का होना व्यक्ति को क्रोधी और उग्र बना सकता है लेकिन जल्द ही व्यक्ति शांत भी हो जाता है. यह युति मन में अस्थिरता का भाव ला सकती है और व्यक्ति को अधिक विचलित कर सकती है. व्यक्ति में एकाग्रता की कमी रहती है. यह युति कुछ चारित्रिक दोष उत्पन्न कर सकती है या व्यक्ति अनैतिक ढंग से धनार्जन कर सकता है. व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में बाधा उत्पन्न हो सकती है यदि पाप ग्रहों का संबंध बन रहा हो तो.

यहां कुछ बातों में यह स्थिति अच्छे संकेत भी देती है. व्यक्ति सामर्थ्यवान और शक्तिशाली बनाता है. मन को एकाग्रता प्रदान करता है. व्यक्ति समाज एवं परिवार में सम्मान व आदर प्राप्त करता है. व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहती है.

चंद्रमा और बुध | Moon And Mercury

चंद्रमा के साथ बुध के टेवे में तीसरे घर में होने पर कई अन्य ग्रहों का फल कमजोर हो जाता है. यहां इस स्थिति में शनि, शुक्र व राहु का फल मंदा माना जाता है. व्यक्ति को चाचा पक्ष की ओर से परेशानी मिल सकती है. इसी के सथ जातक को ससुराल पक्ष की ओर से दिक्कत देखने को मिल सकती है तथा शुक्र के मंदा होने से जातक को स्त्री पक्ष से परेशानी झेलनी पड़ सकती है यह दिक्कतें किसी न किसी प्रकार से व्यक्ति के लिए बाधक बन सकती हैं उसकी मानसिकता इन्हीं के अंतर्गत उलझी रह सकती है.

टेवे में यह स्थित कई बार व्यक्ति के दुविधाओं एवं मानसिक बेचैनी को भी दर्शाती है. कई बार उसके फैसले सही से नहीं ले पाने के कारण कई बार अनुकूलता नहीं देता परंतु जातक अपने कामों में बुद्धि कौशल का अनुकूल रूप से उपयोग करने में सक्षम होता है. प्रतिष्ठा भी पाने में सफल होता उसमें हास्य विनोद की भी अच्छी समझ होती है. दूसरों के साथ सहभागिता से आगे बढ़ने की कोशिश भी करता है.

चंद्रमा और बृहस्पति | Moon and Jupiter

चंद्रमा और बृहस्पति तीसरे भाव में एक साथ होने पर यह जातक को लाभ अधिक प्रदान करने में सहायक होता है. व्यक्ति अपनी ताकत को सोच समझ कर प्रयोग करता है. व्यक्ति फुर्ती, तेजी व चतुरता के साथ कामों को निपटाने की कोशिशों में लगा रहता है. अपने लक्ष्य को पाने के लिए अनुकूल रूप से आगे बढ़ता जाता है. इन दोनों के गुणों को मिलाया जाता है, तो व्यक्ति आगे बढ़ने में सफल होता है.

जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग होता है उसमें बहुत सी खूबियां होती है. यह युति तीसरे घर में बनने पर व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय पाने में सहायक होती है. व्यक्ति सुख और गुणों से युक्त बनता है और कुशाग्रबुद्धि का परिचय देता है.