लाल किताब के अनुसार चंद्र कुण्डली | Chandra Kundli According to Lal Kitab
लाल किताब में चंद्र कुण्डली का बहुत महत्व होता है. जिस प्रकार वैदिक ज्योतिष में चंद्रकुण्डली का विवेचन किया जाता है उसी प्रकार लाल किताब पद्धति में भी चंद्र कुण्डली के द्वारा कई तथ्यों का अनुमोदन संभव होता है. लाल किताब में चंद्र कुण्डली द्वारा पत्नी के विषय में जानने का प्रयास किया जाता है. इसके साथ ही साथ ग्रहों की महादशा के विषय में भी जान सकते हैं. लाल किताब में चंद्र कुण्डली का निर्माण बहुत व्यवहारिक रुप से सामने आता है जिसके फलस्वरुप आप इस बात को जान पाने में सक्षम होते हैं कि किस प्रकार जीवन साथी एवं महादशा के महत्व को समझा जा सकता है.
लाल किताब में चंद्र कुण्डली का निर्माण करने के लिए सर्वप्रथम व्यक्ति की कुण्डली का निर्माण करने के लिए जन्म कुण्डली में सभी ग्रहों को निश्चित किया जाता है उदाहरण कुंभ लग्न कि कुण्डली में यदि चंद्रमा नवम भाव में कन्या राशि में स्थित हो तो इस जन्म कुण्डली के आधार पर लाल किताब कुण्डली बनाई जाती है जिसमें कुण्डली को उलटकर लग्न में राशि नम्बर 1 को ले आएंगे और इस प्रकार लाल किताब अनुसार चंद्र कुण्डली बनती है जिसमें चंद्रमा नवम भाव में स्थित होता है.
चंद्र कुण्डली फलादेश | Chandra Kundli Results
लाल किताब में चंद्र कुण्डली को भी प्रभावशाली और महत्वपूर्ण माना गया है. चंद्र कुण्डली में अपनी स्थिति एवं युति एवं ग्रहों की दृष्टि के अनुसार यह शुभ या मंदे फलों को देने वाला होता है. वैसे तो लाल किताब में खाना नम्बर चार को चन्द्रमा का घर कहा गया है. जहां यह सूर्य और बुध के साथ मित्रपूर्ण सम्बन्ध रखता है. मंगल, गुरू, शुक्र, शनि एवं राहु के साथ चन्द्रमा शत्रुता रखता है. लाल किताब में कुछ मुख्य भावों में चन्द्रमा बहुत अच्छा माना जाता है.
लाल किताब में चंद्र कुण्डली का फलादेश मुख्य रुप से पत्नी के फलादेश को बताने में मुख्य भूमिका निभाता है. इसी के साथ ही साथ इसके द्वारा वर्ष फल भी उसी प्रकार निकाला जाता है. जिस प्रकार हम वैदिक ज्योतिष में वर्ष फल देखा जाता है. इसके द्वारा जीवन में होने वाली अनेक घटनाओं के बारे में सजग होकर उपायों द्वारा स्थिति में सुधार की संभावना को ला सकते हैं. लाल किताब स्त्री सुख में कमी या सुख को दर्शा सकता है. आर्थिक परेशानियों के साथ साथ स्त्री सुख यदि बाधित होता है या किसी भी अन्य भाव में ग्रहों के प्रभाव स्वरुप उत्पन्न होने वाली समस्याएं जो भी हों उन्हें इस चंद्र कुण्डली द्वारा समझा जा सकता है.
कुण्डली में ग्रहों के मंदे प्रभाव के कारण यदि दाम्पत्य जीवन का सुख नष्ट होता है. तो लाल किताब के उपायों एवं टोटकों से उन परेशानियों से निजात पाया जा सकता है. जैसे कि गृहस्थ सुख हेतु घर का फर्श बनवाते समय कुछ भाग कच्चा रखना चाहिए या फिर कुण्डली दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्ठी नहीं लगानी चाहिए तथा मिट्टी का खाली पात्र चलते पानी में प्रवाहित करना चाहिए.
दशाफल के बारे में भी लाल किताब की चंद्र कुण्डली से जाना जा सकता है. दशाओं के महत्व में हम शुक्र, सूर्य, चंद्रमा इत्यादि के दशाफल को जानने में सक्षम हो पाते हैं.