वर्तमान समय में व्यक्ति के व्यवसाय का प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण बन चुका है. नौकरी लगने पर भी व्यक्ति उसमें पदोन्नति व सम्मान की चाह रखता ही है. आज हम आपको पदोन्नति के कारकत्व तथा पदोन्नति में होने वाले विलंब के बारे में
दशानाथ जिस भाव का स्वामी या कारक होता है वह उसके फल अपनी दशा भुक्ति में कई प्रकार से देने का प्रयास करता है. जैसे कि कोई ग्रह जिस भाव में स्थित है उस भाव का फल वह पहले देगा, उसके पश्चात वह जिस राशि में है उस राशि के