ज्योतिष एवं धार्मिक ग्रंथों में रत्नों की उत्पत्ति बारे में अनेकों कहानियाँ मिलती है. अग्नि पुराण में रत्नों की उत्पत्ति का संबंध वृत्रासुर के वध से जुडा़ है. इस दैत्य का वध करने के लिए महामुनि दधीचि के शरीर की हड्डियों
सृष्टि में विभिन्न प्रकार के रत्नों का भण्डार मानव को कल्याणकारी मंगल कामनाओं के साथ वरदान स्वरूप प्राप्त हुआ है. व्यक्ति रत्नों को अपने भाग्य को चमकाने के लिए धारण करता है, रत्न द्वारा वह स्वयं को सुखी तथा सम्पन्न रखने