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मित्र क्षेत्री ग्रह का प्रभाव | Effects Of Planets Placed In Their Friendly House

किसी ग्रह के मित्र क्षेत्री ग्रह होने पर उक्त ग्रह का प्रभाव बली अवस्था में मौजूद रहता है. ग्रह की मित्र क्षेत्र में स्थिति के होने पर कुण्डली में उसके अनुकूल प्रभाव देखने को मिलते हैं. कहीं न कहीं यह स्थिति ग्रह के लिए

कुण्डली के स्वक्षेत्री ग्रह का प्रभाव | Effects Of Planets Placed In Their Own House

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुण्डली में स्वक्षेत्री ग्रहों की स्थिति होने पर अनुकूल फलों की प्राप्ति होती है. स्वक्षेत्री होने पर जातक को धन धान्य की प्राप्ति होती है. वह दूसरों के समक्ष आदर व सम्मान पाता है.

विभिन्न ग्रहों का स्थान बल में प्रभाव | Effects of Strongly Placed Planets

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कोई भी ग्रह मित्र राशि में, उच्चराशिस्थ, मूल त्रिकोण या स्वक्षेत्री होने से अधिक बल प्राप्त करता है. स्थान बल के अंतर्गत पांच प्रकार के बलों को शामिल किया गया है. जिसमें उच्च बल, सप्तवर्ग,

कुण्डली के दूसरे भाव में ग्रहों प्रभाव | Effects of Planets in the Second House of Kundli

जन्म कुण्डली में दूसरे भाव के फलों को जानने के लिए उनमें सभी विभिन्न भावों में बैठे हुए ग्रहों के कारकों को समझना आना चाहिए तभी उनके फलों को समझना आवश्यक होगा. ग्रह अपने कारक तत्व के अनुसार फल देने में सक्ष्म होते हैं.

कैसा होता है तीसरे भाव में सभी नौ ग्रहों का फल ?

जन्म कुण्डली में किसी भी घटनाओं को अध्ययन करने के संदर्भ में प्रत्येक भाव का आंकलन किया जाता है. कुण्डली से संबंधित फलों को जानने के लिए उनमें सभी विभिन्न भावों में स्थित ग्रहों के कारकों का फल देखना होता है जिसके

आईये जानें अष्टकवर्ग में ग्रहों के कारक तत्वों के बारे में विस्तार से

अष्टकवर्ग में राहु-केतु को छोड़कर सभी सातों ग्रह और लग्न का उपयोग किया जाता है. अष्टकवर्ग में एक नियम सदैव लागू होता है कि कोई भी ग्रह अपनी उच्च राशि तथा स्वराशि में स्थित होने पर भी तब तक पूर्णरूप से शुभ फल नही दे पाता

कुंडली पर ग्रहों का प्रभाव ऎसे बदल सकता है आपका जीवन

कुण्डली पर ग्रहों का प्रभाव विशेष रूप से पड़ता है. इनके बिना कुण्डली कि विवेचना का आधार नहीं किया जा सकता है. व्यक्ति की कुण्डली के योग ग्रह दशाओं में फल देते है. किसी व्यक्ति की कुण्डली में अगर शुभ व अशुभ स्थितियों के

कुंडली के कौन से भाव से आती है जीवन में समस्या आईये जानें इसका रहस्य

ज्योतिष में नौ ग्रहों का प्रभाव पूर्ण रुप से प्रदर्शित होता है. सभी ग्रह अपने कारक स्वरुप को पूर्ण रुप से व्यक्त करते हैं. जातक के जीवन पर होने वाले प्रभाव कुण्डली में स्थित ग्रहों के प्रभाव द्वारा प्रलक्षित होते हैं.

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