Posts for Tag Dasha Astrology
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भद्रिका योगिनी दशा | Bhadrika Yogini Dasha
भद्रिका दशा को बुध की दशा के रूप में जाना जाता है इस दशा की कुल अवधि पांच वर्ष की मानी गई है. यह दशा शुभ ग्रह की दशा होती है इसलिए इस दशा में जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. यह दशा परिवार में स्नेह एवं प्रेम की
कुण्डली के बलवान ग्रह बदल सकते हैं आपके जीवन की दिशा
बलिष्ठ लग्न दशा | Balishtha Lagna Dasha शुभ स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा, सम्मान, सरकार द्वारा अनुग्रहीत कराती है. मध्यम बल दशा सामान्य प्रभाव देने वाली होती है. लाभ मिश्रीत परिणामों से युक्त होंगे. बाधाओं और मानसिक अशांति को
जानिये, कब देती हैं ग्रह दशाएं अपना शुभ फल
ग्रह स्थिति में विभिन्न दशाओं का प्रभाव देखा जा सकता है. यह प्रभाव उस दशा की ग्रह स्थिति के अनुरूप ही प्राप्त होता है. यदि दशानाथ शुभ ग्रह हो तब जातक को जीवन में राजयोग का सुख मिलता है परंतु यदि दशानाथ अशुभ ग्रह का हो
उच्च ग्रह की दशा अगर चल जाये तो इस प्रकार जीवन बदल जायेगा
ग्रहों का दशाफल अनेक प्रकार से अपने प्रभावों को दर्शाता है. ग्रह के दशाफल का अंतर सप्ष्टता से देखा जा सकता है क्योंकि कोई एक ग्रह यदि उच्च का है तो उसके प्रभावों में शुभता अधिक देखी जा सकती है लेकिन अगर वही ग्रह नीच का
ग्रह स्थिति में दशा फल | Results of Dasha according to state of planets
संपूर्ण दशा | Sampoorna Dasha जन्म कुण्डली में जो ग्रह उच्च राशिस्थ या अतिबल (षडबल) हो उसकी दशा अन्तर्दशा संपूर्णदशा कहलाती है. इस दशा काला में मनुष्य सुख वैभव एवं समृद्धि प्राप्त कर पाता है. जातक को धन, स्वास्थ्य,
दशा में भाव कारक तत्व विचार | Karak elements of houses during Dasha
दशानाथ जिस भाव का स्वामी या कारक होता है वह उसके फल अपनी दशा भुक्ति में कई प्रकार से देने का प्रयास करता है. जैसे कि कोई ग्रह जिस भाव में स्थित है उस भाव का फल वह पहले देगा, उसके पश्चात वह जिस राशि में है उस राशि के
ज्योतिष में दशाओं का महत्व | Importance of Dashas in Astrology
ज्योतिष में दशाओं का महत्वपूर्ण स्थान है और व्यक्ति के जीवन के संपूर्ण घटनाक्रम में यह अपना विशेष प्रभाव डालती हैं. यह दशाएं ग्रहों द्वारा गत जन्म के कर्मफलों को इस जन्म में दर्शाने का माध्यम है. महादशाओं के गणना की
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