Posts for Tag Ashtakavarga Analysis
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अष्टकवर्ग से जाने ग्रहों के गोचर का फल
अष्टकवर्ग में किसी राशि या भाव के साथ - साथ ग्रहों पर पड़ने वाली इन आठ प्रकार की ऊर्जाओं को समझने के लिए राशि के 30 अंशों को 3 अंश 45 कला में विभाजित किया गया है. इन्हें ही कक्ष्याएं कहा जाता है. 3 डिग्री 45 मिनट का एक
शुक्र के भिनाष्टकवर्ग का विवेचन | Analysis of Bheenashtakvarga of Venus
शुक्र के भिनाष्टकवर्ग से जन्म कुण्डली के जातक को शुक्र से प्राप्त होने वाले शुभाशुभ परिणामों की विवेचना के लिए उससे प्राप्त बिन्दुओं की संख्या को जानने की आवश्यकता होती है. शुक्र को वैभव, विलासिता और ऎश्चर्य का कारक
बृहस्पति के भिन्नाष्टकवर्ग का विवेचन | Analysis Of Bheenashtakvarga of Jupiter
अष्टकवर्ग में बृहस्पति के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा जातक को बृहस्पति से प्राप्त होने वाले शुभाशुभ परिणामों की विवेचना के लिए बिन्दुओं की संख्या का निर्धारण करने की आवश्यकता पड़ती है. बृहस्पति को समस्त ग्रहों में शुभ ग्रह
बुध के भिन्नाष्टक का विवेचन | Analysis of Bheenashtakvarga of Mercury
अष्टकवर्ग में बुध के फलों के बारे में जानने के लिए उसके भिन्नाष्ट वर्ग में प्राप्त बिन्दुओं की संख्या द्वारा समझना आसान होता है. किसी जातक की कुण्डली में 0 से 3 बिन्दुओं के साथ स्थित बुध निर्बल होता है तथा उसके परिणामों
मंगल के भिन्नाष्टकवर्ग का विवेचन | Analysis of Bheenshastakvarga of Mars
मंगल के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा कुण्डली का अध्ययन करके जातक को मंगल के शुभाशुभ प्रभावों को बताया जा सकता है. मंगल के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा प्राप्त अंकों से जातक की अनुकूल और विपरित परिस्थितियों को समझने का पूर्ण प्रयास
चंद्रमा का भिन्नाष्टक और उसका फलकथन
चंद्रमा के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा जातक के शुभाशुभ फलों के बारे में बताया जा सकता है. कुण्डली में 4 बिन्दुओं के साथ स्थित चंद्रमा औसत स्तर का फल देने वाला बनता है. परंतु यदि यह 5 से 8 बिन्दुओं के साथ हो तो जातक को जीवन
सूर्य के भिन्नाष्टकवर्ग की विवेचना | Analysis of Bheenashtakvarga of Sun
सूर्य के भिन्न्ष्टकवर्ग से जातक के शुभाशुभ परिणामों की विवेचना की जाती है. सूर्य को राजा का स्थान प्राप्त है. वह आत्मा है. यह आरोग्य व चेतना शक्ति को दर्शाता है. यदि जन्म कुण्डली में सूर्य बली होकर अधिक बिन्दुओं के साथ
अष्टकवर्ग में फलित के नियम | Rules for Results in Ashtakavarga
पराशर होरा शास्त्र में महर्षि पराशर जी कहते हैं कि विभिन्न लग्नों के लिए तात्कालिक शुभ और अशुभ ग्रह होते हैं जिनके द्वारा फलित को समझने में आसानी होती है. यह कई बार देखने में आता है कि ग्रह किसी विशेष लग्न के लिए शुभ या
अष्टकवर्ग में उपयोग होने वाले शब्द | Terminologies used in Ashtak Varga
अष्टकवर्ग की पद्धति प्राचीन काल से ही ज्योतिषशास्त्र में अपनी एक सशक्त भूमिका दर्शाती आई है. इस विद्या के नियमों को समझने से पूर्व हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हम इसमें उपयुक्त होने वाले शब्दों को समझें तभी हम इसके
अष्टकवर्ग - एक परिचय | Ashtak Varga - an Introduction | Ashtakavarga
अष्टक वर्ग भावों और ग्रहों के बल को जानने की एक विधि है. यह एक गणितिय संरचना है जिसमें ग्रहों को अंक प्राप्त होते हैं और उनका बलाबल निकलता है. अष्टकवर्ग का शाब्दिक अर्थ आठ से होता है जिसमें लग्न एवं सात ग्रहों का समावेश
अष्टकवर्ग में अंकों का महत्व | Importance of Numbers in Ashtak Varga
अष्टक वर्ग में ग्रहों के अच्छे फलों की प्राप्ति में यह अंक बहुत निर्णायक भूमिका अदा करते हैं और आने वाले गोचर के निष्पादन हेतु प्रक्रिया में सहायक होते हैं. समस्त ग्रह 0 से 3 बिन्दुओं के साथ स्थित होने पर कमजोर मान लिए
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