निरयण संक्रान्ति प्रवेश काल और पुण्यकाल 2024

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तब उस समयावधि को संक्रान्ति कहते हैं. भचक्र में कुल 12 राशियाँ होती हैं. इसलिए सूर्य संक्रान्ति भी बारह ही होती है. इन बारह संक्रान्तियों को हमारे ऋषियों ने चार भागों में बाँटा है - अयनी संक्रान्ति, विषुवी संक्रान्ति, षडशीतिमुखी संक्रान्ति और विष्णुपदी संक्रान्ति.

  • सूर्य जब मिथुन राशि से कर्क राशि में और धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब यह अयनी संक्रान्ति कहलाती है.
  • मेष तथा तुला राशि पर सूर्य के संक्रमण को विषुवी संक्रान्ति कहते हैं.
  • मिथुन, कन्या, धनु तथा मीन राशि पर सूर्य के संक्रमण को षडशीतिमुखी संक्रान्ति कहते हैं.
  • वृष, सिंह, वृश्चिक तथा कुंभ राशियों पर सूर्य के संक्रमण को विष्णुपदी संक्रान्ति कहते हैं.

ज्योतिष में तथा शुभ कार्यों के सन्दर्भ में उत्तरायण को अधिक शुभ माना जाता है. उत्तरायण से दिन बढ़ने अर्थात बडे़
होने आरम्भ हो जाते हैं. दक्षिणायन में दिन घटने अर्थात छोटे होने आरम्भ हो जाते हैं. उत्तरायण से दिन बढ़ने आरम्भ होकर पूर्णता को प्राप्त होते हैं. दक्षिणायन में दिन छोटे होकर न्यूनता को प्राप्त होता है. इसलिए प्रकाश की न्यूनता-अधिकता के कारण ही दक्षिणायन की तुलना में उत्तरायण को अधिक महत्व दिया गया है.

सायन गणना के अनुसार आधुनिक समय में 22 दिसम्बर से सूर्य उत्तरायण और जून दक्षिणायन होना आरम्भ हो जाते हैं. संक्रान्तिकाल दान-पुण्य, स्नानादि का महत्व माना गया है सभी 12 संक्रान्तियों मकर संक्रान्ति को अत्यधिक पुण्यदायक है.

संक्रान्ति प्रवेशकाल वर्ष 2024 | Niryan Sankranti Beginning time 2024

संक्रान्ति का नाम दिनाँक तथा वार प्रवेशकाल पुण्यकाल समय
माघ संक्रान्ति 14 जनवरी, रविवार 26:43 घण्टे घण्टे अगले दिन प्रात: 90:07 तक
फाल्गुन संक्रान्ति 13 फरवरी, मंगलवार 15:43 घण्टे घण्टे प्रात:काल 09:01 से सारा दिन
चैत्र संक्रान्ति 14 मार्च, बृहस्पतिवार 12:36 घण्टे घण्टे सूर्य उदय के बाद सारा दिन
वैशाख संक्रान्ति 14 अप्रैल, शनिवार 21:04 घण्टे घण्टे मध्याह्न बाद से
ज्येष्ठ संक्रान्ति 15 मई, मंगलवार 05:44 घण्टे घण्टे दोपहर 11:30 बाद से
आषाढ़ संक्रान्ति 15 जून, शुक्रवार 24:27 घण्टे घण्टे अगले दिन प्रात:काल 06:52 तक
श्रावण संक्रान्ति 16 जुलाई, मंगलवार 11:19 घण्टे घण्टे सूर्योदय से शाम 17:43 तक
भाद्रपद संक्रान्ति 16 अगस्त, शुक्रवार 19:44 घण्टे मध्याह्न बाद से
आश्विन संक्रान्ति 16 सितम्बर, सोमवार 19:43 घण्टे मध्याह्न बाद से
कार्तिक संक्रान्ति 17 अक्तूबर, बृहस्पतिवार 07:42 घण्टे दोपहर 14:06 तक
मार्गशीर्ष संक्रान्ति 16 नवम्बर, शनिवार 07:32 घण्टे दोपहर 13:56 तक
पौष संक्रान्ति 15 दिसम्बर, रविवार 22:10 घण्टे मध्याह्न बाद से