कुंडली में कर्क राशि का गुरु बदल सकता है आपका जीवन
गुरू का गोचर मुख्यत स्वराशि, उच्च और नीच राशि स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला होता है. जब गुरू कर्क राशि में गोचर करता है तो वह अपनी उच्च स्थिति एवं अनुकूल स्थिति को दर्शाने वाला होता है. इस स्थिति में गुरू के गोचर का प्रभाव जातक के जीवन में कई रूप से प्रभावित करने वाला होता है.
गुरू के उच्च्स्थ रूप में विभिन्न लग्नों पर इसका प्रभाव विशेष रूप से पड़ने वाला होता है. गुरू कुण्डली में किसी भी स्थान पर स्थित हों वह अपनी सप्तम, पंचम और नवम दृष्टि से अन्य भावों को अवश्य देखते हैं. इस स्थिति में गुरू का प्रभाव जातक के जीवन के अनेक क्षेत्रों पर स्पष्ट रूप से पड़ता दिखाई दे सकता है.
मेष लग्न प्रभाव - Aries Ascendant
कर्क राशि पर गुरू का गोचर मेष लग्न वालों के छठे भाव पर होने से गुरू वहां से दसवें, बारहवें और दूसरे भाव पर दृष्टि देते हैं. इस स्थिति में गुरू महाराज इन भावों पर दृष्टि देते हुए जातके कर्म क्षेत्र, व्यय भाव और कुटुम्ब भाव को शुभता देने वाले गुरू रहेंगे. जातक को उच्च पद प्राप्ति, योग्य स्थान की प्राप्ति होगी. भ्रमण के मौके मिल सकते हैं साथ ही परिवार के लोगों का सहयोग और प्रेम भी प्राप्त होगा यदि कोई परेशानी उत्पन्न होती है तो काफी हद तक उसे सुलझाने की भी योग्यता प्राप्त होगी.
वृषभ लग्न प्रभाव - Taurus Ascendant
वृषभ लग्न के लिए गुरू तीसरे भाव में गोचर करेंगे और वहां से सप्तम भाव, नवम भाव और एकादश भाव पर दृष्टि डालेंगे. यहां गुरू जातक के दांपत्य जीवन और वैवाहिक संबंधों के आरंभ की स्थिति को दर्शाते हैं, नवम पर दृष्टि डालते हुए भाग्य को मजबूती देने वाले बनते हैं और प्रयास द्वारा भग्य को बेहतर स्थिति देने की कोशिशों में लगते दिखाई देते हैं वहीं एकादश भाव में दृष्टि होने से आर्थिक स्थिति को स्थाई बनाने में सहायता करते हैं.
मिथुन लग्न प्रभाव - Gemini Ascendant
मिथुन लग्न वालों के लिए गुरू दूसरे भाव पर गोचर करेंगे यहां पर गुरू जातक के परिवार के सुख को बनाए रखने में मददगार होंगे. इस स्थान पर बैठकर गुरू छठे भाव, आठवें भाव और दशम भाव पर दृष्टि डालेंगे. इसके प्रभाव से जातक अपने शत्रुओं को दबाने में सक्षम होगा उसके जीवन में चले आ रहें विवाद कुछ सुधार की तरफ अग्रसर हो सकते हैं कानूनी कार्यवाही इत्यादि में कुछ राहत मिलने की संभावना बनती है. वहीं जीवन में अचानक से घटने वाली स्थितियों एवं लम्बी व्याधी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है. कार्यक्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने के कुछ बेहतर मौके मिल सकते हैं.
कर्क लग्न प्रभाव - Cancer Ascendant
कर्क लग्न वालों के लग्न भाव पर गुरू का गोचर होगा. यहां स्थित गुरू लग्न से पंचम भाव, सप्तम भाव और नवम भाव को देखेंगे. जातक को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं साथ ही संतान पक्ष की ओर से भी कुछ संतोषजनक फल मिलेंगे. वैवाहिक प्रस्तावों की प्राप्ति होगी और नए संबंधों की शुरूआत हो सकती है. भाग्य का साथ मिलेगा, धार्मिक क्षेत्र मंत्र साधना इत्यादि कामों में आपका रूझान उत्पन्न हो सकता है.
सिंह लग्न प्रभाव - Leo ascendant
सिंह लग्न के जातकों के लिए गुरू का गोचर बारहवें भाव पर होगा. यहां पर स्थित गुरू चतुर्थ भाव, छठे भाव और अष्टम भाव पर दृष्टि देंगे. जीवन में इस गोचर के कारण मकान, वाहन, वस्त्र इत्यादि पर आपका खर्च बढ़ सकता है. प्रतिद्वंदिता और आगे बढ़ने की ललक बनी रहेगी. कुछ गुप्त योजनाओं पर भी आपका धन व्यय हो सकता है साथ ही पैतृक संपत्ति इत्यादि के मुद्दे भी उभर सकते हैं.
कन्या लग्न - Virgo ascendant
कन्या लग्न वालों के एकादश भाव पर गुरू का गोचर होगा. यहां से गुरू तृतीय भाव, पंचम भाव और सातवें भाव पर दृष्टिपात करेंगे. यहां आपका खर्च और लाभ अपने प्रयासों, शिक्षा, भाई बहनों, यात्राओं, संतान और दांपत्य जीवन व सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने से संबंधित होगा. गुरू के प्रभाव में आपके यह क्षेत्र प्रभावित होंगे और जीवन के अनेक रास्तों में आपके मार्ग दर्शक बनेंगे.
तुला लग्न प्रभाव - Libra Ascendant
तुला लग्न पर गुरू का गोचर दशम भाव पर होगा यहां स्थित गुरू दूसरे भाव, चौथे भाव और छठे भाव पर दृष्टि देंगे. अत: कर्म की प्रधानता के साथ ही घर के सुख की ओर आपका मन रहेगा और कार्यक्षेत्र की अधिकता से आपके समक्ष स्पर्धा की स्थिति उभरेगी.
वृश्चिक लग्न प्रभाव - Scorpio Ascendant
वृश्चिक लग्न पर गुरू का गोचर इनके नवें भाव पर होने से भाग्य का उदय होगा. पिता और वरिष्ठ लोगों की ओर से सहायता प्राप्त होगी. यहां स्थित गुरू लग्न, तृतीय भाव और पंचम भाव पर दृष्टि देंगे. जातक के जीवन में शुभ समाचारों का आगमन होगा. कुछ मामलों में आप आलस्य की स्थिति को दिखाने वाले रह सकते हैं अगर आप ऎसा करते हैं तो आपके प्रयास पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाएंगे.
धनु लग्न प्रभाव - Sagittarius Ascendant
धनु लग्न वालों पर गुरू का गोचर कुण्डली के आठवें स्थान पर होगा यहां आपके लिए काफी संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. आपके प्रयास भी पूर्ण सिद्ध न हो सकें साथ आपके खर्चों में भी वृद्धि रह सकती है. आपके कुटुम्ब भाव पर दृष्टि करते हुए कहीं से अचानक धन की प्राप्ति या धन का व्यय होना दोनों ही स्थितियां देखने को मिलती हैं.
मकर लग्न प्रभाव - Capricorn Ascendant
मकर लग्न के सातवें भाव, तृतीय भाव और लग्न पर गुरू की दृष्टि पड़ रही है. मकर लग्न वालों के जीवन में नए प्रेम संबंधों का सूत्रपात हो सकता है. आपका मन अन्य लोगों की भागीदारी को पसंद करने वाला होगा. इस संदर्भ में आपके द्वारा किए गए प्रयास काफी सफल रह सकते हैं. इस समय आपकी सामाजिक गतिविधियां भी तेज रहेंगी.
कुम्भ लग्न प्रभाव - Aquarius Ascendant
कुम्भ लग्न वालों के छठे भाव, दशम भाव और द्वादश भाव पर गुरू का गोचर होगा. आपकी कार्यक्षेत्र में अच्छी स्थिति बनेगी. उच्च पद प्राप्ति कि स्थिति बनती दिखाई देती है. यहां द्वादश से संबंधित फलों से भी प्रभावित दिखाई देगा.
मीन लग्न प्रभाव | Pisces Ascendant
मीन लग्न वालों पर गुरू का गोचर उनके पंचम भाव पर होगा. यहां से गुरू नवम भाव, एकादश भाव और लग्न भाव पर दृष्टि डालेंगे. संतान पर खर्च बढ़ सकता है और भाग्य द्वारा कुछ अच्छे फल मिल सकते हैं. इस समय जातक की गतिविधियों में नई चिजों से जुड़ने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो सकती है धार्मिक पहलू मजबूत होकर उभरेगा.