कुंडली में शुभ ग्रह की दृष्टि से दूर होते हैं अशुभ प्रभाव
शुभ दर्शन बल सहित: पुरूषं
कुर्याद्धनान्वितं ख्यातम् ।
सुभंग प्रधानमखिलं सुरूपदेहं
सुसौख्यं च ।।
अर्थात शुभ ग्रह की दृष्टि किसी ग्रह पर पड़ने पर जातक को शुभ फलों की प्राप्ति में सहायक बनती है. जातक को सौभाग्य और रूप-गुण की प्राप्ति होती है. जातक धन वैभव से सुखी और संपन्न बनता है.
सूर्य | Sun
सूर्य पर शुभ ग्रह की दृष्टि होने से जातक का स्वास्थ्य उत्तम और स्वस्थ देह का निर्माण होता है. जातक को अपने द्वारा किए गए कामों में उच्च सफलता की प्राप्ति होती है. राज्य की ओर से भी सहायता तथा सम्मान की प्राप्ति होती है. व्यक्ति गुरू जनों के प्रति आदर भाव रखने वाला होता है तथा ब्राह्मणों की सेवा में तत्पर रहता है. कर्मठता द्वारा भाग्य का निर्माण करता है और ज्ञान की उच्चता को ग्रहण करने वाला होता है.
चंद्रमा | Moon
चंद्रमा के शुभ ग्रह से दृष्ट होने पर जातक को शुभ एवं सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है. मन में दृढ़ता आती है और व्यक्ति अपने प्रयासों से दूर नहीं रहता है. साहस और पराक्रम द्वारा वह अपने कामों को पूरा कर लेने में सफल रहता है. धन वैभव से संपन्न होता है, जातक को वाहन सुख व आभूषणों की प्राप्ति होती है. भ्रम की स्थिति से बचाव होता है तथा भटकाव से मुक्ति मिलती है.
मंगल | Mars
मंगल पर शुभ दृष्टि होने पर जातक सुंदर सुशील बनता है. उसका साहस व्यर्थ नहीं होता है और वह अपने प्रयासों से दूसरों के लिए भी सहायक होता है. जीवन साथी का अनुकूल सहयोग प्राप्त होता है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. व्यक्ति में कठिनाईयों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है. विरोधियों को परास्त करने में सफलता मिलती है. जातक धनी व मान सम्मान से युक्त होत है. उसके वचनों को मनने वाले होते हैं. व्यक्ति को उच्च पद व अधिकारों की प्राप्ति होती है.
बुध | Mercury
बुध पर शुभ ग्रह दृष्टि होने पर जातक का ज्ञान उन्नत होता है और उसकी समझ का दायरा भी विस्तृत होता है. जातक अपनी वाणी द्वारा अन्यों को मोहित करने का गुण पाता है उसके वचनों में जो मधुरता होती है वह सभी को उसकी ओर प्रस्तुत करने में सहायक होती है. व्यक्ति अपने कार्यों को चतुरता के साथ पूर्ण करता है. शुरवीर होकर व्यक्ति अपने मान सम्मान की रक्षा करने वाला होता है. पुण्य कर्मों को करने वाला होता है तथा दूसरों के हितों का ख्याल रखता है.
बृहस्पति | Jupiter
बृहस्पति स्वयं में ही एक बहुत पवित्र ग्रह हैं अत: जब इन पर अन्य शुभ दृष्टि प्रभाव डालती है तो जातक के लिए यह स्थिति बहुत उत्तम होती है. व्यक्ति को कई प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है उसकी ज्ञान क्षमता भी उन्नत होती है वह उपदेशात्मक व शुभ वचनों को कहने वाला होता है. सरकार की ओर से व्यक्ति को लाभ और पद की प्राप्ति होती है. व्यक्ति को तीर्थाटन करने के अनेकों अवसर मिलते हैं वह धार्मिक स्थलों में जाकर अपने पुण्यों में वृद्धि करता है. दूसरों के लिए सहायक व प्रिय भाषी होता है. व्यक्ति की देवार्चन व सदवचनों को श्रवण करने की इच्छा होती है.
शुक्र | Venus
शुक्र के शुभ दृष्टि आने पर व्यक्ति को सुख और वैभव की प्राप्ति होती है. व्यक्ति ऎश्वर्य के साथ जीवन जीने वाला होता है. आभूषणों व रत्नों की प्राप्ति होत है. जातक में सदाचारी गुणों का विकास होता है. अच्छे कामों द्वारा वह सभी के समक्ष सम्मान भी पाता है, शौर्य व साहस द्वारा सभी का हित करने वाला होता है. स्वास्थ्य से सुखी व सौंदर्य से युक्त होता है.
शनि | Saturn
शनि के शुभ दृष्टि से युक्त होने पर जातक भूमि अथवा कृषि संबंधि कार्यों से लाभ कमाने वाला होता है. वैभव संपन्न तथा सेवकों का सुख पाने वाला होता है. कठोरता में कमी आती है जिस कारण दूसरों के समक्ष प्रिय होता है. परोपकारी कार्यों में रूचि रहती है तथा सामाजिक मान- सम्मान की प्राप्ति होती है. नौकरी व्यवसाय के काम हेतु परदेस गमन भी करना पड़ता है. जातक में क्रोध की कमी होती है और उसके शुभ कर्मों का विकास होता है.