बुध का मकर, कुम्भ और मीन राशि के जातकों पर कैसा रहेगा असर आईये जानते हैं
मकरगत बुध का योगफल | Mercury Aspecting Capricorn
बुध के मकर में होने पर शनि की इस राशि में बुध का प्रभाव व्यक्ति की शिक्षा के लिए अच्छा माना जाता है. जातक को अपने क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त होती है. जातक अपने ज्ञान में अनुकूल होता है और विद्या में भी श्रेष्ठ कार्य करता है. इन्हें समाज में मान-सम्मान भी प्राप्त होता है. बुध के प्रभाव से ऐसे लोग सुंदर, स्वाभिमानी, सुखी और धनवान बन सकते हैं
इस राशि में बुध होने पर व्यक्ति अपने शत्रुओं से हार नहीं मानता वह अपने पराक्रम द्वारा शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की कोशिश करता है. जातक अपनी समझ और बुद्धि से अन्य लोगों पर प्रभाव जमाने में सफल होता है. साथ ही वह दूसरों से अपना काम निकालने की कला भी जानता है. जातक को अपने ननिहाल पक्ष से भी लाभ प्राप्त होता है. अधिक सुंदर नहीं होता परंतु प्रभावित करना जानता है.
जातक दुसरों का काम करने वाला होता है और सेवा कर्म में लगा रह सकता है. पिता की ओर से अधिक सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता है. जातक सपनों, कल्पनाओं की दुनिया में अधिक जीना चाहता है. मन में इसके बेचैनी रह सकती है और इसकी अस्थिरता इसे परेशान कर सकती है. लोगों के साथ मतभेदों एवं गलतफहमियों का शिकार हो सकता है.
कुम्भगत बुध का योगफल | Mercury Aspecting Aquarius
जिस व्यक्ति के कुम्भ राशि में बुध होता है तो वह उसकी बौधिकता में शुभ कर्मों की कमी कर सकता है. जातक कुछ गलत कामों की ओर लिप्त रह सकता है. उसका धर्म कर्म के कामों में अधिक लगाव न हो सके क्योंकि उसकी चिंतन शैली अस्थिर रह सकती है. वह अपने फैसलों में अधिक अडिग न रह पाए. शास्त्रों के संबंध में उसका मत काफी आलोचनात्मक रूख अपना सकता है. और वह इन विचारों से अधिक सहमत भी न हो पाए.
जातक का वैवाहिक जीवन में प्रेम की जगह क्लेश फलता फूलता है. मकर और कुम्भ शनि की राशि हैं और बुध शनि का मित्र है फिर भी दोनों में मन मुटाव का कारण यह है कि शनि स्त्री ग्रह है जिससे बुध का स्वभाव भी स्त्री के समान हो जाता है जिसके कारण पति पत्नी में असंतोष पैदा होता है जो दाम्पत्य जीवन में असंतुष्टि और क्लेश लाता है.
जातक के बोलने में भी दोष रह सकता है वह कठोर भाषा का उपयोग कर सकता है. साहस से दूर रहने वाला और अधिक संघर्ष से बचने की चाह ही रखता है. जातक का व्यक्तिगत स्वरूप अधिक प्रभावशाली नहीं बन पाता है. वह मलिनता की ओर अधिक अग्रसर रह सकता है. जीवन तनाव, आंदोलन, बाधाओं एवं अनोखी चिंताओं से बुरी तरह अस्तव्यस्त हो सकता है. लेकिन यह इस बात से अधिक प्रभावित नहीं होंगे बल्कि खुद को बदलते हुए वातावरण एवं परिस्थितियों के अनुसार न ढाल पाने के कारण निराश हो सकते हैं.
मीनगत बुध का योगफल | Mercury Aspecting Pisces
मीनगत बुध के होने पर बुध इस स्थान पर अपना बल खो देता है ओर यह अवस्था उसकी नीच अवस्था की ओर संकेत देती है. जिसके फलस्वरूप जातक को अनुकूल फलों की प्राप्ति नहीं हो पाती है. वह अपने विचारों से दूसरों को परेशान कर सकता है. परंतु जातक का आचरण शील पूर्ण होता है वह मुहंफट हो सकता है किंतु पवित्रता का साथ पाता है. धर्म के प्रति अधिक रूचि नहीं रखता है. वैदिक विधियों से रहित होता है. तथा आर्थिक रूप से कमी झेल सकता है.
जातक को जीवन साथी का सहयोग मिलता है किंतु उसे संतान की ओर से कष्ट सहन करने पड़ सकते हैं और संतान सुख में बाधा भी झेल सकता है. जातक पेट, गले या नर्वस तंत्र से संबंधित समस्याओं अथवा बिमारियों से पीड़ित हो सकता है.
जीवन में संघर्ष एवं उतार-चढ़ाव दे सकता है. जातक के सोचने और समझने की शक्ति कमजोर होती है भ्रम की स्थिति अधिक बनी रह सकती है. व्यापार में भी बार-बार घाटा हो सकता है या व्यापार बदलाव की स्थिति बनी रहती है.
"बुधगतदृष्टि फलाध्याय - भाग 1"
"बुधगतदृष्टि फलाध्याय - भाग 2"