सूर्य दृष्टि योगा फल - भाग 2 | Yoga Results of Aspecting Sun - Part 2

कर्कगत सूर्य का फल | Results For Sun Aspecting Cancer

कर्क गत सूर्य के होने से सूर्य का चंद्रमा की राशि में होना और अपने मित्र राशि में होना माना जाता है. यह एक अच्छी स्थिति ही मानी जाती है जिसमें व्यक्ति को कार्यों को करने में चपलता प्राप्त होती है, जीवन के सभी क्षेत्रों में वह जल्दी करने की चाह रखता है. गुणों से युक्त होता है और उनमें काफी प्रसिद्धि पाता है. काम को लेकर काफी तेजी दिखाता है फिर बाद में उसे चाहे कोई भी परिणाम प्राप्त हो.

सरकार के निजी लोगों से द्वेष रख सकता है, स्त्रियों में कम प्रिय होता है. कुछ तनाव भी पा सकता है उनसे. दिखने में आकर्षक और सुंदर होते हैं. किसी को भी अपनी ओर करने की कला अच्छे से जानते हैं. मेहनत खूब करता है जिस कारण उसे थकावट भी खूब महसूस होती है. मन से कुछ कोमल भी होता है, दूसरों के प्रति कुछ उदारता भी रखता है.

धार्मिकता के गुणों से युक्त, स्वाभिमानी तथा स्थिति के अनुरूप बोलने वाला होता है. व्यक्ति में विचारशीलता अधिक होती है सभी बातों के विषय में पूर्ण रूप से विचार करता है, हर समय दिमाग में कुछ न कुछ चलता ही रहता है. कफ प्रकृति वाला होता है, बुजुर्गों के साथ कुछ न कुछ विवाद बना रहता है.

सिंहस्थ सूर्य का फल | Results For Sun Aspecting Leo

सिंहस्थ सूर्य के होने पर यह स्थिति सूर्य को अपनी ही राशि में होने पर वह अधिक बल पता है. इसमें होने पर उसके गुणों में वृद्धि होती है. इससे प्रभावित व्यक्ति साहसी और शत्रु का नाश करने वाला होता है. स्वभाव से क्रोधी और विशिष्ट क्रियाओं में निपुण होता है. अलग -अलग तरह के कामों को में प्रविणता पा लेता है और जीवन में आगे बढ़ता है. काम काज में पदोन्नती पाता है ओर प्रतिष्ठित व्यक्तियों के मध्य रहने का मौका मिलता है.

व्यक्ति को वनों पर्वतों जैसे स्थानों में विचरण करना अच्छा लगता है, एकांत प्रिय होता है. अपने में मस्त और जीवन को अपने अनुसार जीने की कोशिश करने वाला होता है. शौर्य से पूर्ण कामों को करने की चाह रखने वाला होता, शूरवीर और तेजस्वी होता है. समाज में अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ने वाला होता है, राज्य की ओर से संतुष्ट व सरकार के कामों को करने में तत्पर रहता है. राजा का सलाहकार बनकर या मंत्राल्य के पद को पाने में भी सक्षम होता है.

धीर-गम्भीर विचारों वाला होता है, अपनी बातों पर अडिग, नेतृत्व की चाह रखने वाला कुछ अंहकारी भी हो सकता है. विचारों में स्थिरता पाता है और अधिक सोच विचार में नहीं लगा रहता. धन से युक्त होता है अपने बूते पर काफी कुछ अर्जित भी कर सकता है. भीड़ से अलग ने की चाह भी रखता है, बोलने में कुशल और धार्मिक गुणों से युक्त होता है.

कन्यागत सूर्य का फल

कन्या में सूर्य के होने से जातक के व्यवहार में शलिनता का पुट होता है. स्त्रीवत कोमलता होती है. जातक कई सारी लिपियों का जानकार होता है और उसमें वह काफी दक्षता पा लेता है, इसकी भाषा को समझने की अच्छी समझ भी होती है. प्रिय वचन बोलने वाला होता है. कटुता से दूर रहने का प्रयास ही करता है. कई मामलों में यह मध्यस्थ बनकर उचित तरिके से गंभीर मसलों को सुलझा सकते हैं.

जातक मेधावी होता है, वेद शास्त्रों को पढ़ने का इच्छुक व जानकार भी हो सकता है. बोलने में कुशलता पाता है, हंसमुख विचारों से युक्त, मनोवोनोद प्रवृत्ति वाला, मित्रों के साथ प्रसन्न रहने वाला होता है. विद्वान लोगों की संगत में समय व्यतीत करने का मौका भी पाता है, बुद्धिजीवियों के संसर्ग में रहता है.

गुरू की सेवा करने वाला व धर्म के प्रति आसक्त होता है. मनोबल से कुछ कम हो सकता है जिस कारण कार्यों को करने में देरी कर सकता है. शर्मिला व सौम्य गुणों से युक्त होता है. सेवा कार्यों को कुशलता से करने वाला होता है. गीत संगीत के प्रति रूचि रखता है तथा कला के क्षेत्र से लगाव रखने वाला होता है.

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