वर्षफल कुंडली के अष्टम भाव में कैसा रहेगा सभी ग्रहों का फल आईये जानें विस्तार से
ग्रह स्थिति के परिणाम पराशरी सिद्धांतों पर आधारित यह परिणाम वर्ष कुण्डली में भी उपयोगी होते हैं. ग्रह अपने विभिन्न भावों में अपने आधिपत्य व अपनी स्थिति के अनुसार फल देता है. ग्रहों द्वारा लग्न, पंचम और नवम भाव के स्वामी होना सदैव शुभता से युक्त माना जाता है. इसके विपरित छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी अशुभ फल दायक माने गए हैं. सभी ग्रह चाहें वह शुभ हों अथवा अशुभ, सदा ही शुभ परिणामदायक होंगे यदि वह उच्चता युक्त या स्वराशि में स्थित हों. यही सिद्धांत राजयोग कारक ग्रहों पर भी लागू होता है.
सूर्य ग्रह | Sun Planet
अष्टम भाव में स्थित सूर्य जीवन में अनेक कठिन परिस्थितियां देता है. व्यक्ति को संघर्ष अधिक करना पडता है. धोखेबाज व लंपट हो सकता है. यात्राओं को अधिक करते है. पीडित होने पर नैतिकता से हीन, अग्नि से भय रह सकता है. जीवन साथी के स्वास्थ्य में कमी बनी रह सकती है.
चंद्र ग्रह | Moon Planet
चंद्रमा कुण्डली में अष्टम भाव में गम्भीर रोग हो सकते हैं, शत्रु हावी रह सकते हैं. इसी के साथ अशुभ राशि में होने पर आयु में कमी हो सकती है. दमा हो सकता है, जोडों में दर्द व मिर्गी का रोग हो सकता है. आपदाओं से ग्रस्त और परेशान रह सकता है.
मंगल ग्रह | Mars Planet
सत्ताप्रेमी, व स्वभाव में कूटनीतिज्ञ होता है, पीडित होने भ्रष्टाचार में लिप्त हो सकता है. इस भाव में मांगल्य का अभाव हो सकता है. स्त्री की कुण्डली में होने पर परेशानी युक्त हो सकता है. दुर्घटना, घाव या चिकित्सा, उच्च रक्तचाप, गर्भपात इत्यादि का कारण बन सकता है.
गुरू ग्रह | Jupiter Planet
स्वभाव से झगडालू हो सकता है. अत्यधिक क्रोध व गुस्सा हो सकता है. परिवार में कलह हो सकती है या संपत्ति को लेकर कोई विवाद उभर सकता है. यदि यह अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो तो धन हानी या पैतृक संपत्ति विवाद हो सकता है. आंडबर से युक्त, फिजूलखर्च करने वाला और खाने का शौकीन होता है. लम्बी बीमारियां हो सकती हैं.
शुक्र ग्रह | Venus Planet
कमजोर होने पर उत्साह में कमी बनी रहती है व स्मरण शक्ति कमजोर हो सकती है. पीडित होने पर जातक धोखेबाज हो सकता है. वैवाहिक जीवन के लिए सुखद नहीं रहता. विलासिता, व्यभिचार, शराब, नशीले पदार्थों, से युक्त होता है. आयु में कमी व व्याधि का डर बना रह सकता है. परंतु शुभता से युक्त होने पर धन लाभ भी देता है. बलिष्ठ होने पर भोग विलास, आभूषणों, सुंदरता, सुगंधित वस्तुओं को प्रदान करता है.
शनि ग्रह | Saturn Planet
यहा स्थित शनि शुभ फल देने वाला होता है. आयु में वृद्धि करता है, जायदाद से युक्त होता है. सुन्दर बडी आंखे व दिखने में आकर्षक होता है. परंतु इसी के साथ विदेश में निवास देता है. धन की हानि करा सकता है. अपने लोगों से दूर भी कर सकता है.
राहु ग्रह | Rahu Planet
मजबूत होने पर प्रतिष्ठा देता है, सम्मान में वृद्धि कराता है, खराब होने पर गुस्सैल स्वभाव, जीवन साथी के साथ तनाव बने रहना, सरकार से धन लाभ और हानी भी हो सकती है. विदेश यात्राएं भी देता है.
केतु ग्रह | Ketu Planet
केतु के प्रभाव स्वरूप जातक घमंडी व अहंकारी बनता है, छोती बातों में गुस्सा करने वाला होता है. पिता के साथ संबंधों में तनाव की स्थिति बनी रहती है.