कन्या लग्न होने पर धन योग कैसे बनता है
भौतिक समृद्धि के लिए लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदैव आवश्यक होती है. कन्या लग्न में जन्में जातक की कुण्डली में यदि बुध बलवान होकर स्थित हो तो जातक बुद्धिमान, बलवान, कुशल वक्ता तथा सुंदर गुणों से युक्त होता है. उसे संगीत का शौक तथा मनोविनोद में रुचि लेने वाला होता है. परंतु यदि बुध निर्बल या पीड़ित होने पर रोग, चर्म रोग तथा वाणी में दोष जैसे विकार प्रभावित कर सकते हैं.
इस लग्न के व्यक्ति अच्छे औषधि विक्रता बन सकते है. यह वित्त से सम्बन्धित सलाहकार बन सकते है. व्यापारी, किसान, पानी के क्षेत्र से जुडे इंजिनियर बन सकते है. वृश्चिक राशि को रहस्यमयी राशि कहा गया है इसलिये इस लग्न के व्यक्ति मनोचिकित्सक बन यश व आय दोनों प्राप्त कर सकते है.
बुध का प्रभाव होने से जातक बुद्धिमान होते हैं, व्यक्तित्व ऎसा होता है कि कोई भी सहजता से आकर्षित हो जाता है. रचनात्मक विचारों पर कार्य करने का स्वभाव बनता है. कार्य को करने के लिए रणनीति का इस्तेमाल अवश्य करते हैं. प्रत्येक कार्य की लाभ-हानि सोचकर ही कार्य करते हैं.
इस लग्न के व्यक्ति शल्य चिकित्सक बनने की योग्यता रखते है. रिसर्च व अध्ययन के कामों के लिये भी यह लग्न अच्छा समझा जाता है. इसलिये व्यक्ति अनुसंधान में रुचि ले सकता है. कन्या लग्न बुध की राशि होने के कारण व्यक्ति अंकेक्षक बनने या कर निर्धारण करने की योग्यता भी रखता है.
द्विस्वभाव लग्न होने से जातक का मन एक जगह स्थिर नहीं रहता, यदि जातक एक सोच रख कर कार्य करे तो प्रत्येक क्षेत्र में अच्छी सफलता पाने वाले होता है. बुध प्रधान लग्न होने के कारण व्यक्ति का बौद्धिक स्तर अच्छा होता है.
लग्नेश की स्थिति दशम भाव में हो तो जातक पैतृक कार्य को आगे बढा सकता है तथा पिता के व्यापार में सहयोगी बन अच्छा लाभ भी कमा सकता है. बुध स्वराशिस्थ होने से भद्र योग का निर्माण व्यक्ति को उच्चाइयां प्रदान करने में सहायक होता है और इसी के साथ साथ व्यक्ति राजनीति में भी अपनी पैठ बनाने में कामयाबी पा सकता है.
द्वितीय भाव | Second House
यदि कुण्डली के द्वितीय भाव में तुला राशि स्थित हो तो शुक्र को नवम भाव का स्वामी होने के कारण व्यक्ति को अचानक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है.
नवम भाव | Ninth House
नवम भाव में यदि वृषभ राशि में होने पर शुक्र यदि बली अवस्था में स्थित हो तो वह अपनी दशा में खूब धन देने वाला बनता है.
दशम भाव | Tenth House
दशम भाव में मिथुन होने पर बुध लग्नेश तथा दशमेश होने के कारण शुभ होता है तथा अपनी दशा में यदि बली हो तो अचानक राज्यपद की प्राप्ति यश की प्राप्ति होती है.
एकादश भाव | Eleventh House
मिथुन होने पर बुध एकादश तथा द्वितीय भावों का स्वामी बनता है यह दोनो भाव धन कारक होते हैं. यदि बुध बलवान हो तो धन संपदा प्राप्त होती है. राहु-केतु यदि एकादश या द्वादश भाव में स्थित हों और बुध भाग्य अथवा पंचम भाव में शुभ दृष्टि हो तो अपनी दशा में लॉटरी इत्यादि से धन की प्राप्ति होती है.