चामर योग | Chamar Yoga | Chamar Yoga in Kundli
जातक परिजात के अनुसार “लग्नेश केन्द्रगते स्वतुग्डें जीवेक्षिते चामरनाम योग:” अर्थात कुण्डली में यदि लग्नेश उच्च राशि में स्थित होकर केन्द्र में हो और यह योग केवल मेष, मिथुन कन्या, मकर लग्न में उपन्न जातकों के जन्मांग में विद्यमान होना संभव है. अन्य लग्न होने पर अगर लग्नेश उच्चराशि में होगा, तो केन्द्र में नहीं हो पाएगा.
जातक परिजात में इसके फल का विचार करते हुए कहा गया है कि -
योगे जातश्चामरे राजपूज्यो विद्वान् वाग्मी पण्डितो वा महीप: ।
सर्वज्ञ: स्याद्वेदशास्त्राधिकारी जीवेल्लोके सप्ततिर्वत्सराणाम्।।
“सौम्यद्वये लग्नगृहे कलत्रे नवास्पद वा यदि चामरः स्यात् ।।”
ज्योतिषतत्वम के अनुसार | According to Jyotishtatvama
लेखाच्र्येन विलोकिते हरिहपे केन्द्रस्थिते तुग्ड़भे
कि पौरे पथिभेSथ वा पथि पदे चरुद्वये चामर: ।
सर्वज्ञ: श्रुतिशास्त्र विन्मनुभवेद् पूज्यो बुधोSत्राद्भव
आयुर्वर्षमुपैति खाश्वतुलितं वाग्ग्मी च विद्वान्नृप: ।।
इस प्रकार के कई और तथ्यों के आधार पर ही चामर योग को राजयोग की संज्ञा दी गई है. इस योग में जातक राजा के समान होता है, विशेषज्ञ होता है शस्त्रों को जानने में रुचि रखने वाला होता है.
चामर योग निर्माण | Formation of Chamar Yoga
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में चामर योग चार प्रकार से बनता है, अर्थात चामर योग बनने की चार प्रकार की शर्ते होती हैं. इन चारों में से किसी एक शर्त के पूरा होने पर चामर योग बनता है. कुण्डली में लग्नेश यदि अपनी उच्च राशि में स्थित हो तथा उसे गुरू देख रहा हो तब चामर योग बनता है. दूसरी अवस्था में यदि आपकी जन्म कुंडली में दो शुभ ग्रह लग्न या नवम भाव में स्थित हैं तब भी चामर योग का निर्माण होता है.
तीसरी अवस्था में यदि कुंडली में दो शुभ ग्रह सप्तम और दशम भाव में स्थित हैं तब इस योग से भी चामर योग बनता है और अंत में यदि जन्म कुंडली में शुभ ग्रह लग्न में स्थित हों, शुभ ग्रह का भावेश या लग्नेश शुभ भावों में बैठा हो तब भी चामर योग का निर्माण होता है. इस शर्त में ग्रह अपनी स्व राशि या उच्च राशि में अर्थात दीप्त या मुदित अवस्था में होना चाहिए.
चामर योग प्रभाव | Effect of Chamar Yoga
जिन लोगों कि कुण्डली में चामर योग का निर्माण होता है वह प्रतिष्ठित, विद्वान और यश-प्रतिष्ठा पाने में सफल होते हैं. यह योग व्यक्ति को परिश्रमी और सफल बनाता है. जातक वह दीर्घायु प्राप्त करता है. चामर योग के प्रभाव से आप नेता या नेता के समान पद पाने की संभावना रखते हैं. इस योग के प्रभाव से सरकार द्वारा सम्मान प्राप्त व्यक्ति हो सकते हैं.
इसके द्वारा जातक दीर्घायु तथा विद्वान भी होता है. चामर योग में जन्म लेने पर आप अच्छे वक्ता तथा विभिन्न कलाओं में निपुण व्यक्ति हो सकते हैं. चामर योग में उत्पन्न जातक राजा के समान समान पाने वाला, सर्वज्ञ, वेदों को समझने वाला अच्छा वक्ता होता है. व्यक्ति इस योग में वृद्धि को प्राप्त करने में सहायक होता है. वह भाँति सुन्दर और सुशील तथा लक्ष्मीवान, कीर्तिवान होता है. कई व्यक्तियों में योग योग उन्हें सफलता के उच्च शिखर प्रदान करने वाला होता है. भगवान श्री राम जी की कुण्डली में भी यही योग निर्मित होने की बात कही गई है.