आपकी कुण्डली में नौकरी के योग. देखिए आपको किस तरह कि जाब मिलेगी

नौकरी से संबंधित बहुत से प्रश्नों पर ज्योतिष शास्त्र में विचार किया जाता है. नौकरी में बने रहना या पद्दोन्नती होना या स्थान परिवर्तन जैसी अनेक बातों का विवेचन कुण्डली में बनने वाले विभिन्न योगों से किया जा सकता है.  नौकरी में तरक्की के लिए कुण्डली के दूसरे और ग्यारहवें भाव का अनुमोदन किया जाता है. इसके साथ ही साथ तरक्की की जानकारी जानने के लिए दशम भाव का विश्लेषण भी किया जाएगा.  नौकरी में स्थान परिवर्तन के बारे में विचार करन अहो तो तीसरे और नवम भाव का विश्लेषण किया जाता है. विदेश में जाकर नौकरी करने के बारे में जानने के लिए आठवें और बारहवें भाव का विश्लेषण किया जाएगा.  बारहवें भाव से सेवानिवृति देखी जाती है या व्यक्ति में नौकरी में बना रहेगा अथवा नहीं रहेगा.

लग्न बली होने पर व्यक्ति अपनी चाहतों को पूरा करने में काफी हद तक कामयाब होता है. दशम भाव का स्वामी बली होने पर जातक को अपनी नौकरी की प्राप्ती होती है. नौकरी में बने रहना या नौकरी का छूट जाने का विचार चर लग्न और चर नवाँश होने पर देखा जा सकता है ऎसी स्थिति में नौकरी छूट सकती है. इसके अतिरिक्त लग्नेश के अस्त होने पर भी नौकरी छूट सकती है. लग्नेश या दशमेश नीचे के ग्रहों से संबंधित है तो नौकरी छूट सकती है.

चन्द्रमा बली है तो जातक को नौकरी से मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है. द्वित्तीयेश तथा द्वित्तीय भाव, एकादशेश तथा एकादश भाव बली हैं तो व्यक्ति को अपनी मनपसंद नौकरी मिल सकती है. यदि चतुर्थ भाव में शुभ ग्रह हैं तो नौकरी में उसे संतोष मिलेगा और उसे स्थान परिवर्तन की चाह नहीं होगी. यदि चतुर्थ भाव में अशुभ ग्रह स्थित हों तो व्यक्ति को अपनी नौकरी से संतुष्टी नहीं मिलेगी और वह स्थान परिवर्तन की चाह रखना चाहेगा. चतुर्थ भाव से आमदनी का आंकलन भी करते हैं इसलिए इसमे शुभ ग्रह स्थित हों तो व्यक्ति को अच्छा लाभ भी प्राप्त हो सकता है.

नौकरी से संबंधित कुछ अन्य योगों को भी समझना आवश्यक होता है. नौकरी के सामान्य नियमों के बारे में . सूक्ष्मता से अध्ययन करने के लिए दशमाँश कुण्डली का अध्ययन करना भी आवश्यक होता है. नौकरी से संबंधित विचार करने के लिए यदि दशमेश लग्न में है या लग्नेश दशम में है तब नौकरी जल्दी लग जाएगी. दशमेश तथा लग्नेश एक साथ स्थित है तो कार्यसिद्धि शीघ्र होगी. दशमेश तथा लग्नेश का शुभ है तो कार्य जल्दी सिद्ध होगा.

किसी ग्रह के वक्री होने पर नौकरी छोडी़ है तब उस ग्रह के मार्गी होने पर पुन: नौकरी लग सकती है. इसी प्रकार अगर किसी ग्रह के राशि परिवर्तन के समय नौकरी छोडी़ है तब उस ग्रह के अगली राशि बदलने पर नौकरी लगने की संभावनाएं बहुत रहती है. चर लग्न शुभ दृष्ट तो वर्तमान नौकरी से संतुष्ट होगा. यदि चर लग्न यदि अशुभ ग्रहों से दृष्ट होगा तो नौकरी में असंतोष रहता है या बदलाव की संभावना देखी जा सकती है.  स्थिर लग्न पाप ग्रहों से दृष्ट है तो नौकरी में बदलाव नहीं होता. यदि स्थिर लग्न शुभ दृष्ट तो वर्तमान नौकरी में व्यक्ति को अच्छा लगता है.