शुक्र का ज्योतिष में महत्व | Importance of Venus in astrology
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को मुख्य रूप से पत्नी का का कारक माना गया है. यह विवाह का कारक ग्रह है, ज्योतिष में शुक्र से काम सुख, आभूषण, भौतिक सुख सुविधाओं का कारक ग्रह है. शुक्र से आराम पसन्द होने की प्रकृति, प्रेम संबन्ध, इत्र, सुगन्ध, अच्छे वस्त्र, सुन्दरता, सजावट, नृ्त्य, संगीत, गाना बजाना, काले बाल, विलासिता, व्यभिचार, शराब, नशीले पदारथ, कलात्मक गुण, आदि गुण देखे जाते है. पति- पत्नी का सुख देखने के लिए कुंडली में शुक्र की स्थिति को विशेष रुप से देखा जाता है. शुक्र को सुंदरता, ऐश्वर्य तथा कला के साथ जुड़े क्षेत्रों का अधिपति माना जाता है.
रंगमंच, चित्रकार, नृत्य कला तथा फैशन भोग-विलास से संबंधित वस्तुओं को शुक्र से जोडा़ जाता है. कुंडली में शुक्र की प्रबल स्थिति जातक को शारीरिक रूप से सुंदर और आकर्षक बनाती है. शुक्र के प्रबल प्रभाव से महिलाएं अति आकर्षक होती हैं. शुक्र के जातक आम तौर पर फैशन जगत, सिनेमा जगत तथा ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में सफल होते हैं. शुक्र शारीरिक सुखों के भी कारक हैं प्रेम संबंधों में शुक्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
शुक्र का प्रबल प्रभाव जातक को रसिक बनाता है शरीर के अंगों में शुक्र जननांगों के कारक होते हैं तथा महिलाओं के शरीर में शुक्र प्रजनन प्रणाली का प्रतिनिधित्व करते हैं. स्त्रियों की कुंडली में शुक्र पर बुरे ग्रह का प्रभाव होने पर उनकी प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव दालता है. शुक्र पर बुरे ग्रहों का प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन एवं प्रेम संबंधों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. कुंडली में शुक्र पर राहु का प्रभाव जातक को वासनाओं से भर देता है. अशुभता के कारण व्यक्ति किसी गुप्त रोग से पीड़ित भी हो सकता है.
शनि व बुध शुक्र के मित्र ग्रहों में आते है. शुक्र ग्रह के शत्रुओं में सूर्य व चन्द्रमा है. शुक्र के साथ गुरु व मंगल सम सम्बन्ध रखते हैं. शुक्र वृ्षभ व तुला राशि के स्वामी हैं. शुक्र तुला राशि में 0 अंश से 15 अंश के मध्य होने पर मूलत्रिकोण राशिस्थ होता है. शुक्र मीन राशि में 27अंश पर होने पर उच्च राशि अंशों पर होता है. शुक्र कन्या राशि में 27अंश पर होने पर नीच राशि में होता है. शुक्र ग्रह की दक्षिण-पूर्व दिशा है. शुक्र का भाग्य रत्न हीरा है और उपरत्न जरकन होता है.
शुक्र का बीच मंत्र | Beej mantra of Venus
ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राये नम:
एक संकल्प समय में 6000 बार)
शुक्र का वैदिक मंत्र | Vedic mantra for Venus
हिमकुन्द मृ्णालाभं दैत्यानां परमं गुरुम।
सर्व शास्त्र प्रवक्तारं भर्गव प्रणामाम्यहम ।।
शुक्र के लिए वस्तुओं का दान | What are the things that can be donated for Venus
शुक्र के लिए घी, कपूर, दही, चांदी, चावल, चीनी, सफेद वस्त्र और फूल या गाय. इन वस्तुओं का दान शुक्रवार को सूर्यास्त के समय करना चाहिए.
शुक्र ग्रह का रंग-रुप | Physical features of a person with Venus sign
शुक्र ग्रह को सुन्दर शरीर वाला, बडी आंखे दिखने में आकर्षक, घुंघराले बाल, काव्यात्मक, कफमय कम खाने वाला, छोटी कद-काठी, दिखने में युवा बताया गया है.
शुक्र से संबंधित रोग | Diseases caused by the influence of Venus
शुक्र शरीर में वायु, कफ. आंखें, जननागं पेशाब, वीर्य का प्रतिनिधित्व करता है. शुक्र के कमजोर होने पर व्यक्ति को यौन संबन्धित रोग, मधुमेह, पेशाब की थैली, गुरदे में पथरी, मोतियाबिन्द, बेहोशी, के दौरे, जननांग संबन्धित परेशानियां, सूजन, शरीर में यंत्रणात्मक दर्द, श्वेत प्रदर, मूत्र सम्बन्धित रोग, चेहरे, आंखों और गुप्तागों से संबन्धित रोग, खसरा, स्त्रियों में माहवारी और उससे संबन्धित रोग परेशान कर सकते हैं.
शुक्र के विशिष्ट गुण | Specific qualities of a person with Venus
शुक्र व्यक्ति में काव्यात्मक प्रकृ्ति देता है, शुक्र इन्द्रिय सुख, उत्तेजना, जीव आदि का कारक ग्रह है. वह भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह है. चमक-दमक का प्रतिनिधित्व करता है. शुक्र से काम सुख, कला और संस्कृति देखी जाती है.
शुक्र के व्यवसाय और कार्यक्षेत्र | Venus related profession and business
शुक्र आजीविका भाव में बली अवस्था में हो, दशमेश हो, या फिर दशमेश के साथ उच्च राशि का स्थित हो, तो व्यक्ति में कलाकार बनने के गुण होते है. वह नाटककार और संगीतज्ञ होता है. उसकी रुचि सिनेमा के क्षेत्र में काम करने की हो सकती है. शुक्र से प्रभावित व्यक्ति कवि, चित्रकार, वस्त्र विक्रेता,वस्त्र उद्योग, कपडे बनाने वाला, इत्र, वाहन विक्रेता, वाहन बनाने वाले, व्यापारिक संस्थान, आभूषण विक्रेता, भवन बनाने वाले इंजिनियर, दुग्धशाला, नौसेना, रेलवे, आबकारी, यातायात, बुनकर, आयकर, सम्पति कर आदि का कार्य करता है.