Articles in Category Prashna Shastra
प्रीति योग: ज्योतिष में जानें प्रीति योग और इसका महत्व
ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह और उनके योगों का विशेष महत्व होता है. इन्हीं योगों में से एक महत्वपूर्ण योग है ‘प्रीति योग’. यह योग व्यक्ति के जीवन में शुभता, प्रेम और सौहार्द लाने का प्रतीक माना
प्रश्न कुंडली से कैसे जाने अपने जीवन के छुपे हुए रहस्य, जानते हैं विस्तार से
प्रश्न कुण्डली में लग्न, चन्द्र तथा नवाँश की भूमिका अहम मानी जाती है. प्रश्न कुण्डली में लग्न को पुष्प माना गया है. प्रश्न कुण्डली में चन्द्र को बीज की संज्ञा दी गई है. नवाँश कुण्डली में प्रश्न का
वर्षफल और ताजिक योग | Varshaphal and Tajik Yoga
वर्ष कुण्डली में ताजिक योगों का उपयोग किया जाता है. वर्ष फल में इन योगों का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक होता है. बिना ताजिक योगों के वर्ष कुण्डली का अध्ययन अधूरा होता है. कार्य की सिद्धि होगी अथवा
इत्थशाल योग | Ithasala Yoga | Ithasala Yoga Importance
इत्थशाल योग का उपयोग ताजिक शास्त्र में देखा जा सकता है. ताजिक ज्योतिष वर्ष फल बताने की एक पद्धति है. इत्थशाला योग का ताजिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है. इत्थशाला शब्द का अर्थ है अवश्य संभावी
प्रश्न कुण्डली से जानिये कि आपकी यात्रा फलेगी या नहीं
प्रश्न कुण्डली व्यक्ति द्वारा पूछे प्रश्न पर आधारित होती है. जिस समय किसी व्यक्ति विशेष द्वारा कोई प्रश्न किया जाता है उसी समय की एक कुण्डली बना ली जाती है. इसे ही प्रश्न कुण्डली कहा गया है. प्रश्न
मुन्था और विभिन्न ग्रहों का प्रभाव
मुन्था वर्षफल में उपयोग की जाती है. मुन्था में प्रत्येक ग्रह का अपना प्रभाव फलिभूत होता है. सभी ग्रह अपने अनुसार फल प्रदान करते हैं. मुन्था सूर्य से युक्त | Muntha including Sun यदि मुन्था सूर्य से
कुण्डली के बारह भावों में मुंथा
वर्ष कुण्डली में मुंथा का अत्यधिक उपयोग किया जाता है. जन्म कुण्डली में मुन्था सदैव लग्न में स्थित रहती है और प्रत्येक वर्ष मुंथा एक राशि आगे बढ़ जाती है. मुंथा नवग्रहों के समान ही महत्व रखती है.
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