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मूल त्रिकोण राशि में मंगल का गोचर, सबसे ताकतवर गोचर
मंगल का गोचर अर्थात “भ्रमण काल”. मंगल जब किसी राशि में होता है घूम रहा हो उस समय को मंगल के गोचर की संज्ञा दी जाती है. राशि में उसकी स्थिति बहुत मजबूर होती है. ऎसे में जब भी मंगल अपनी मूलत्रिकोण राशि
सिंह संक्रांति 2024, इस समय स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त
सिंह संक्रांति का समय अगस्त माह के मध्य समय पर आता है. सिंह संक्रांति सूर्य के सिंह राशि में गोचर करने के समय को कहा जाता है. सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश ही सूर्य संक्रांति होता है. सूर्य संक्रांति
शुक्र का कर्क राशि में गोचर, जाने सभी राशियों के लिए कैसा रहने वाला है?
शुक्र मिथुन राशि से निकल कर कर्क में प्रवेश करने वाले हैं. 6 अगस्त 2024 को शुक्र का कर्क राशि में प्रवेश होगा और वहां पर शुक्र 31 जुलाई तक रहेंगे. . इससे पहले शुक्र मिथुन राशि में गोचर कर रहे थे पर
बुध का कर्क राशि में गोचर
बुध अपनी स्वराशि मिथुन को छोड़ कर अब कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन से निकल कर कर्क राशि में जाने पर बुध की स्थिति में बहुत तरह से बदलाव दिखाई देगा. इसका मुख्य करण यह है की बुध अभी तक अपनी ही
वक्री मंगल का मेष राशि में गोचर, इन राशियों को रहना होगा संभल कर
वक्री मंगल का मेष राशि में होने का प्रभाव मंगल का मेष राशि में गोचर कई तरह से व्यक्ति को प्रभावित करता है. मंगल एक ऊर्जा से भरपूर ग्रह है. जब वह अपनी राशि में होता है तो उसकी उर्जा ओर अधिक विकसित
केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, जाने सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव
ग्रहों का गोचर प्रत्येक राशि पर अपने अनुरुप शुभाशुभ फल देने में समर्थ होता है. जब भी कोई ग्रह एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में जाता है वह समय किसी न किसी रुप में प्रभवित अवश्य करता है. इस साल के अंत
केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, उच्च का केतु बदलेगा भाग्य
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में केतु का स्थान छाया ग्रह के रुप में है. इसे ग्रह न समझ कर परछाई कहा गया है. इस छाया ग्रह होने के कारण केतु बहुत ही गहरा असर डालने में सक्षम होता है. राहु ओर केतु यह दोनों ही
शुक्र का मिथुन राशि गोचर 2025 में जाना बदल सकता है आपका भाग्य
शुक्र अपनी स्वराशि वृष से निकल कर मिथुन राशि की ओर संचार करेंगे. शुक्र अपनी स्वराशि को त्यागकर बुध की राशि मिथुन में जाएंगे. शुक्र का बुध की राशि में जाना अनुकूल स्थिति की ओर इशारा करता है. शुक्र ओर
कैसा रहेगा वृषभ राशि वालों के लिए राहु का गोचर
राहु का प्रभाव वृषभ राशि पर होने के कारण वृष राशि वालों के लिए तो अब आने वाला समय काफी बदलावों को दिखा सकता है. राहु एक ऎसा ग्रह है जो अपने प्रभाव का पूर्ण प्रभाव जिस स्थन में बैठा होता है या जिसके
मंगल का मेष राशि में गोचर, लाएगा कठोर बदलाव
मंगल एक उग्र व अग्नि युक्त ग्रह हैं. सभी ग्रहों में से मंगल को ही ऎसे कार्यों का सौंपा जाता है जिनमें शक्ति और साहस का परिचय दिया जा सके. यह एक योद्धा की भांति है जिसमें अदम्य साहस है विपत्तियों से
आईये जानें, कैसा होगा गुरु महाराज वक्री होकर धनु मे जाना
गुरु का गोचर इस समय मकर राशि पर हो रहा है. मकर राशि में ही गुरु इस समय वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. पर आने वाले 30 जून 2020 को गुरु मकर से निकल कर अपनी पूर्व राशि धनु में प्रवेश करेंगे. गुरु वक्री
कर्क संक्रांति, सही समय पर किया गया कार्य होगा सफल
सूर्य का मिथुन राशि से निकल कर कर्क राशि में जाना ही “कर्क संक्रांति” कहलाता है. कर्क राशि वालों के लिए सूर्य उनकी राशि में ही गोचर करेंगे. सूर्य राशि द्वारा सूर्य का कर्क राशि में गोचर का फल
अब मिथुन राशि में बुध होंगे मार्गी, मिल सकते हैं नए मौके
बुध एक ऎसा ग्रह है जो बुद्धि विवेक पर अपना आधिपत्य रखता है. बुध ग्रह का प्रभाव किसी भी व्यक्ति को एक अच्छा जानकार और बेहतर वक्ता बनाने के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है. किसी व्यक्ति विशेष, संस्था,
शनिदेव ने बदली अपनी चाल, अब बदल जाएगा सभी का हाल
एक लम्बे समय से शनि राशि गोचर कर रहे हैं. मकर और कुंभ राशि शनि के स्वामित्व की राशि हैं. शनि का मकर या कुंभ राशि में गोचर करना शनि के कारक तत्वों में वृद्धि करने वाला हो सकता है. पर इसी बीच में शनि
मंगल का मीन राशि में गोचर लाएगा नए बदलाव
17 मई 2022 को मंगलवार के दिन मंगल का मीन राशि में प्रवेश होगा. वर्तमान में मंगल पिछले काफी समय से कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. पर अब आने वाली 17 मई से मंगल अपनी राशि में बदलाव करेंगे. मंगल अब अपनी
21 जून को लगने वाला कंकण सूर्यग्रहण बढ़ा सकता है परेशानियां, इस राशि और नक्षत्र पर होगा खास असर
21 जून को लगने वाला कंकण सूर्य ग्रहण एक बहुत बड़ा और अधिक प्रभावशाली ग्रहण होगा. कंकण सूर्य ग्रहण को भारत समेत अन्य कई देशों में भी देखा जा सकेगा. इस कंकण सूर्य ग्रहण के प्रभाव के चलते राजनैतिक,
2025 में इन पर रहेगी शनि की साढे़साती और शनि ढैय्या
शनि एक धीमी गति के ग्रह हैं ऎसे में इनका गोचर एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है. शनै: शनै: चलने वाले शनि की गति और उनका किसी राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा इन सभी बातों को जानने की उत्सुकता तो रहती ही है,
वाहन खरीदारी का शुभ मुहूर्त समय
नए और अच्छे वाहन की चाहत तो सभी के मन में रहती है, पर इसके साथ ही जो वस्तु हम ले रहे हैं वो सही रहे कोई दिक्कत न आई और हमारे लिए शुभदायक हो यह सभी बातें मन में चलती ही रहती हैं. इन सभी बातों को ध्यान
नई दुकान या व्यवसाय शुरू करने का शुभ मुहूर्त
काम को लेकर सभी के मन नई-नई योजनाएं बनती ही रहती है. हर व्यक्ति यह चाहता है की जब भी वह कोई नय काम शुरू करे तो उसे उक्त काम में अच्छी सफलता मिले. अपने काम से वह धन और मान सम्मान की प्राप्ति करे और
2025 में ग्रहों के वक्री और मार्गी होने का समय
नव ग्रहों का गोचर प्रभाव बहुत महत्व रखता है. हर बार ग्रहों की स्थिति में आने वाला बदलाव जीवन पर गहरे असर डालता है. देश दुनिया ओर जीवन पर पड़ने वाले असर इन ग्रहों के द्वारा प्रभावित होते हैं. आइये जान