Articles in Category Vedic Astrology
वर्गोत्तम ग्रह और उसका कुंडली पर असर
वैदिक ज्योतिष में नवांश कुंडली में वर्गोत्तम ग्रह की स्थिति बनती है. अब जब कोई ग्रह वर्गोत्तम स्थिति को पाता है तो उसके फलों का निर्धारण भी विशेष रुप से देखने को मिलता है. वर्ग का अर्थ है विभाजन और
अस्त मंगल का प्रभाव और महत्व
मंगल ग्रह को भारतीय ज्योतिष में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. इसे अंगारक के नाम से भी जाना जाता है. मंगल को पाप ग्रह के रुप में जाना जाता है. मंगल का प्रभाव जब अस्त होता है तो इसके
वृषभ राशि में बृहस्पति के मार्गी होने का प्रभाव : सभी राशियों पर इसका असर
बृहस्पति का वक्री से मार्गी होना सभी राशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, खासकर जब वह वृषभ राशि में हो. यह समय आर्थिक स्थिति, परिवार, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के संकेत देता है. प्रत्येक राशि के
प्रीति योग: ज्योतिष में जानें प्रीति योग और इसका महत्व
ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह और उनके योगों का विशेष महत्व होता है. इन्हीं योगों में से एक महत्वपूर्ण योग है ‘प्रीति योग’. यह योग व्यक्ति के जीवन में शुभता, प्रेम और सौहार्द लाने का प्रतीक माना
मकर राशि में बुधादित्य योग का सभी राशियों पर प्रभाव
मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है, मकर राशि में बुध के साथ सूर्य का असर यथार्थवादी बनाता है. जब मकर राशि में बुधादित्य योग होता है, तो यह व्यक्ति की बुद्धि, सोचने की क्षमता, और जीवन के प्रति दृष्टिकोण
धनु राशि में अस्त बुध का प्रभाव : अस्तगत बुध के कारण मेष राशि से मीन राशि पर होगा असर
अस्त बुध का धनु राशि में गोचर ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, व्यापार, शिक्षा, व्यापार, तर्क क्षमता का कारक माना जाता है। जब बुध ग्रह किसी राशि में अस्त यानि के जब वह सूर्य के पास होता
नवमांश में शुक्र का विभिन्न भावों में शुक्र का परिणाम
नवमांश कुंडली में शुक्र का प्रभाव रिश्तों और विवाह संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है. शुक्र ग्रह वैवाहिक जीवन, प्रेम और रिश्तों की स्थिति को दर्शाता है. शुक्र ज्ञान में परिष्कार करने वाला होता है.
अतिचारी ग्रह और इनका प्रभाव
ग्रहों का अतिचारी होना मिलेजुले असर दिखाता है. कोई ग्रह जब अतिचारी होता है तो उसके परिणामों में भी तेजी आती है. इस समय फल की प्राप्ति होना मुश्किल होता है. इस समय ग्रह अपने प्रभाव को अनुकूल रुप में
शुक्र का धनु राशि में गोचर 2025 : प्रतिभा में आएगा निखार
शुक्र का धनु राशि में गोचर : प्रतिभा में आएगा निखार शुक्र का गोचर धनु राशि में होने पर शुक्र का प्रभाव अब काफी गतिशील दिखाई देने लगता है. इस समय के दौरान नई चीजों को अपनाना आसान होता है. कुशलता
नव तारा चक्र : जानें नवतारा चक्र में शुभ अशुभ तारा
वैदिक ज्योतिष में जन्म नक्षत्र उस नक्षत्र को कहते हैं जिसमें चंद्रमा जन्म के समय स्थित होता है. सत्ताईस नक्षत्र इस प्रकार हैं : अश्विनी नक्षत्र , भरणी नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा
भाव चलित कुंडली और उसका प्रभाव
ज्योतिष की विद्याओं में कई तरीके से कुंडली का अध्ययन किया जाता है. इसी में से एक तरीका भाव चलित कुंडली की जांच से भी देखा जाता है. ज्योतिष में कुंडली का विश्लेषण करते समय यदि चलित कुंडली से कुंडली
कुंडली में त्रिषडाय भाव घातक भाव स्थान
ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली के सभी 12 भावों का जीवन पर खास प्रभाव होता है. इसी में से कुछ भाव त्रिषडाय कहलाते हैं जो कष्टदायक माने गए हैं. कुंडली का तीसरा भाव, छठा भाव और ग्यारहवां भाव
सूर्य शनि का षडष्टक योग
सूर्य और शनि से बनने वाला षडाष्टक योग परेशानी और मुश्किल स्थिति का समय बताता है. सूर्य और शनि से बनने वाले 6/8 एक्सिस को ही षडाष्टक योग कहा जाता है. ज्योतिष अनुसार कुछ योग नकारात्मक रुप से असर दिखाते
मीन राशि में शनि - तुला राशि पर शनि के गोचर का प्रभाव
शनि का गोचर मीन राशि में होना तुला राशि वालों के लिए रहेगा बेहद खास. तुला राशि के लिए शनि योगकारक ग्रह होते हैं. जब शनि मीन राशि में होते हैं तो तुला राशि वालों के छठे भाव को प्रभावित करने वाले होते
ज्योतिष में D6 षष्ठ्यांश चार्ट क्यों है महत्वपूर्ण
ज्योतिष अनुसार लग्न कुंडली के साथ गर्ग कुंडलियों का महत्व प्रत्येक भाव को गहराई से समझने में मदद करता है. हर एक वर्ग कुंडली व्यक्ति के जीवन के किसी न किसी पक्ष को प्रभावितकरने वाली होती है. ज्योतिष
त्रिपाद नक्षत्र क्यों हैं अनिष्टकारी
ज्योतिष शास्त्र में कुछ नक्षत्रों को त्रिपाद नक्षत्र के रुप में जाना जाता है. इन नक्षत्रों का प्रभाव जीवन में कई तरह के उता्र-चढ़ाव देने वाला भी होता है.त्रिपाद नक्षत्र को दोष के रुप में भी जाना जाता
मंगल की होरा और ज्योतिष प्रभाव
होरा का प्रभाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है. ज्योतिष में होरा का प्रभाव जीवन को कई तरह से प्रभावित करता है. ऐसे में होरा आर्थिक जीवन, विवाह, सुख या मुहूर्त आदि को प्रभावित करती है. मुहूर्त शास्त्र में
Signature Astrology: सिग्नेचर हस्ताक्षर ज्योतिष खोल सकता है आपकी पर्सनालिटी के राज
ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं में सिग्नेचर ज्योतिष जिसे हस्ताक्षर ज्योतिष के नाम से भी जाना जाता है, आपके जीवन पर असर दालता है. आपके व्यक्तित्व को समझने में मदद करता है. हस्ताक्षर ज्योतिष काफी गहन
मांगलिक दोष के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए कुंभ विवाह कितना कारगर
हम सभी ने प्रसिद्ध मांगलिक दोष के बारे में सुना है. ज्योतिष भविष्यवाणियों में जब भी मंगल दोष की बात आती है तो इसको सुनकर एक तरह का डर भी देखने को अधिक मिलता है. लोग मंगल दोष से सबसे अधिक डरते हैं.
शुक्र का तुला राशि प्रवेश और प्रभाव
शुक्र का तुला राशि प्रवेश होना ज्योतिष में शुक्र के प्रबल होने का उसके शुभ होने का खास समय होता है. शुक्र ज्योतिष में तुला राशि का स्वामित्व पाता है ओर ऎसे में शुक्र जब अपनी स्वराशि तुला में जाता है