Articles in Category Vedic Astrology

कुंडली में चंद्रमा कब अस्त होता है और उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और इससे प्रभावित व्यक्ति हमेशा भावनात्मक रूप से अस्थिर रहता है. उत्तर कालामृत में चंद्रमा को मन का कारक भी कहा गया है. चंद्रमा को भगवान शिव

मंगल तुला राशि में जानें इसका आपके जीवन पर प्रभाव

मंगल जब तुला में होता है तो यह काफी जबरदस्त तरह से अपना असर दिखा सकता है. मंगल एक अग्नि तत्व युक्त ग्रह है ओर तुला राशि शुक्र के स्वामित्व की परिवर्तनशील वायु तत्व राशि है. ऎसे में तुला पर मंगल का

सूर्य से बनने वाला नीच भंग राजयोग

नीच भंग को ज्योतिष में किसी ग्रह की कमजोर स्थिति का प्रबल होने का संकेत बनता है. यह ग्रहों की उनकी राशि भाव स्थिति के अनुसार अपना असर दिखाता है.  जब पंचधा मैत्री, नैसर्गिक मैत्री, तत्कालित

सूर्य की होरा का ज्योतिष अनुसार प्रभाव

होरा का असर कई मायनों में महत्व रखता है. ज्योतिष में होरा का असर कई तरह से जीवन पर असर डालता है.ऎसे में होरा आर्थिक जीवन, विवाह, सुख या मुहूर्त इत्यादि पर अपना असर डालने वाला होता है. मुहूर्त शास्त्र

बुध का कर्क राशि प्रवेश जानें अपनी राशि पर इसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में बुध को एक राजकुमार के रूप में वर्णित किया गया है. बुध अन्य ग्रहों की तुलना में सूर्य के बहुत निकट है. यह व्यक्ति में बुद्धि और हास्य का प्रतिनिधित्व करता है और कई स्थितियों में यह

नवांश कुंडली में राशियों का प्रभाव

नवांश कुंडली वर्ग चार्ट में बहुत ही विशेष कुंडली मानी जाती है. यह किसी व्यक्ति के भीतर की क्षमताओं की अच्छी जानकारी देने में भी सक्षम होती है. नवाम्श कुंडली में चंद्रमा जिस राशि में मौजूद होता है वह

विवाह के लिए बृहस्पति और शुक्र आखिर क्यों है इतने महत्वपूर्ण

ज्योतिष शास्त्र में कुछ ग्रह विशेष चीजों के कारक रुप में जाने जाते हैं. कारक होने के कारण ग्रह की अहमियत उस चीज के लिए बढ़ जाती है जिस चीज के वह कारक होते हैं. जैसे सूर्य सरकार का कारक है तो मंगल

राहु - चंद्रमा का मीन राशि में गोचर फल

राहु के साथ चंद्रमा का गोचर मीन राशि पर होने के विभिन्न फल प्राप्त होते हैं. इसका असर मीन राशि के अलावा अन्य राशियों पर भी गहराई से पड़ता है. राहु एक पाप ग्रह है चंद्रमा एक शुभ ग्रह है और मीन राशि एक

मकर लग्न के लिए सभी ग्रहों का प्रभाव

मकर लग्न दसवें स्थान पर आने वाला लग्ब्न है. यह शनि के स्वामित्व का लग्न है और जीवन में व्यवहारिक रुप से आगे बढ़ने की इसकी क्षमता भी बेहतरीन है. किसी भी लग्न के लिए तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव के

वक्री शनि का कुंभ राशि गोचर फल 29 जून 2024

शनि 29 जून, 2024 को 24:29 पर अपनी वक्री गति से चलने वाले हैं. शनि वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह है, जिसे कर्म का ग्रह कहा जाता है और इसलिए जब शनि वक्री होता है तो जीवन में कई बदलाव लाता है. हर

मंगल-केतु का तुला राशि में गोचर देगा गंभीर परिणाम

वैदिक ज्योतिष में केतु के साथ मंगल का गोचर बेहद परिवर्तन के साथ ही एक महत्वपूर्ण घटना का समय भी बन जाता है. मंगल ऊर्जा, साहस और पराक्रम का कारक है और केतु क्रोध अलगाव को दर्शाता है. ऎसे में तुला राशि

मंगल के साथ राहु का क्यों बनाता है दुर्घटना का योग

कुंडली में मंगल और राहु एक साथ होने पर दुर्घटना का योग बनाता है. यह एक ऐसा ज्योतिषीय योग है जिसे नकारात्मक योगों की श्रेणी में रखा जाता है. यह वैदिक ज्योतिष में कई चुनौतियों को दर्शाता है. यदि राहु

नौकरी में कब होगा बदलाव जानें अपनी कुंडली से

कार्यक्षेत्र में होने वाले बदलाव कई तरह के हो सकते हैं. यह कभी अच्छे तो कभी खराब या फिर सामान्य रुप से अपना असर डालने वाले होते हैं. नौकरी में प्रगत्ति के लिए कई बार व्यक्ति बदलाव को चुनते हैं तो कुछ

आठवें भाव में मंगल का होना मांगलिक प्रभाव क्यों देता है परेशानी

आठवें भाव में मंगल की स्थिति को व्यापकर रुप से शोध का विषय माना गया है. यहां मंगल की उपस्थिति को साधारण रुप से नहीं देखा जा सकता है. जन्म कुंडली में सभी ग्रहों का और भाव स्थिति का महत्व किसी न किसी

नवांश कुंडली में 12 लग्नों के उदय होने का फल

नवांश कुंडली का निर्माण ग्रहों के बल को मापने हेतु किया जाता है. यह कुंडली प्रत्येक ग्रह की स्थिति एवं उसके प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है. नवांश कुंडली में लग्न की विशेष भूमिका होती है. यह जीवन

पीड़ित चंद्रमा कुंडली के सभी भावों डाल सकता है अपना असर

चंद्रमा तेजी से बदलती प्रकृति का ग्रह है ओर इसका जीवन पर बहुत खास असर दिखाई देता है. चंद्रमा के साथ अन्य ग्रहों की युति इस तथ्य की ओर ले जाती है कि चंद्रमा व्यावहारिक रूप से कैसा अपना असर दालेगा इसके

ज्योतिष से संपत्ति के मामलों में समस्या या कोर्ट केस का कारण ?

मकान एवं संपत्ति ऎसी चीजें हैं जिनका सुख पाना एक बड़ा संघर्ष हो सकता है. कई बार इन चीजों में जीवन का संपुर्ण समय उलझा सा रहता है. संपत्ति के विवाद की स्थिति किसी न किसी रुप में जब जीवन पर आती है तो

आपकी कुंडली में चंद्रमा की एक से बारह भाव की कहानी

चंद्रमा ओर सुर्य यह ज्योतिष में दो मुख्य आधार स्तंभ हैं इनके द्वारा संपूर्ण व्यक्तित्व के सबसे प्रमुख गुण दृष्टिगोचर हो सकते हैं. जब चंद्रमा की बात आती है तो चंद्रम अके प्रत्येक पक्ष की स्थिति विशेष

कुंडली में पुष्कर नवांश का महत्व

पुष्कर नवांश एक शुभ नवांश है जो जन्म कुंडली में आशाजनक ऊर्जा लाता है. बृहस्पति एक लाभकारी ग्रह है और सौभाग्य, ज्ञान और ज्ञान का कारक है. पुष्कर नवांश और बृहस्पति के योग के अलावा अन्य ग्रहों की स्थिति

बृहस्पति की विवाह में भूमिका पर कैसे करें विचार

ग्रहों की शुभता की बात जब आती है तो बृहस्पति को सबसे अधिक शुभ ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है. यह सभी ग्रहों में विशेष होता है ओर अपनी शुभता का प्रभाव जब दिखाता है तो समय को पलट देने वाला भी होता है.