Articles in Category Ascendant
कुंडली में कर्क राशि का गुरु बदल सकता है आपका जीवन
गुरू का गोचर मुख्यत स्वराशि, उच्च और नीच राशि स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला होता है. जब गुरू कर्क राशि में गोचर करता है तो वह अपनी उच्च स्थिति एवं अनुकूल स्थिति को दर्शाने वाला होता है. इस
बुध ग्रह से जाने कैसी होगी आपकी नौकरी और कैसा रहेगा आपका व्यवसाय
बुध के कारक तत्वों में जातक को कई अनेक प्रकार के व्यवसायों की प्राप्ति दिखाई देती है. बुध एक पूर्ण वैश्य रूप का ग्रह है. व्यापार से जुडे़ होने वाला एक ग्रह है जो जातक को उसके कारक तत्वों से पुष्ट
कर्क लग्न का तीसरा नवांश | Third Navamsha of Cancer Ascendant
कर्क लग्न का तीसरा नवांश कन्या राशि का होता है. इस नवांश के स्वामी बुध हैं. इस नवांश के होने से जातक का रंग साफ और गोरा होता है. आंखें सुंदर तथा पैनी दृष्टि होती है व शरीर कोमल होता है. जातक में अधिक
मिथुन लग्न का प्रभाव और इसमें जन्मे जातक की विशेषताएं
वैदिक ज्योतिष हो, जैमिनी हो या फिर पाश्चात्य ज्योतिष की ही बात क्यूँ ना करे, सभी में राशियों का महत्व माना गया है. जैमिनी ज्योतिष में तो सारी दशाएँ ही राशियों की होती है. राशियों की इस श्रृंखला में
कर्क लग्न : होते हैं भावुक, आईये जानते हैं इनके जीवन के रहस्यों को
भचक्र में स्थित सभी बारह राशियों का अपना स्वतंत्र महत्व होता है. सभी के अपने कारकत्व, विशेषताएँ और महत्व होता है. जब कोई एक राशि लग्न में उदय होती है तब उसका प्रभाव व्यक्ति विशेष की कुंडली पर पड़ता
मिथुन लग्न का आठवां नवांश | Eighth Navamsha of Gemini Ascendant
मिथुन लग्न का आठवां नवांश वृष राशि का होता है. इस राशि के नवांश स्वरूप जातक देखने में हष्ट-पुष्ट व बलशाली होता है.गठा हुआ शरीर होता है. इस नवांश के स्वामी ग्रह शुक्र हैं इसमें जन्मे जातक की त्वचा
सिंह लग्न: सब पर भारी पड़ते हैं सिंह लग्न वाले
अभी तक हम आपके समक्ष वैदिक ज्योतिष की बहुत सी बातों की चर्चा हम करते आ रहे हैं. वैदिक ज्योतिष के मूलभूत आधार बिंदुओ की हम चर्चा करते आ रहे है. इन्हीं कड़ियों को आगे बढ़ाते हुए आज हम सिंह राशि की
कन्या लग्न में जन्मे जातक की विशेषताएं और फलकथन
आज हम आपको कन्या लग्न के बारे में सामान्य जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा. आने वाले समय में इसकी आपको विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. कन्या लग्न के व्यक्ति की विशेषताएँ, उसके लिए शुभ्-अशुभ
तुला लग्न | Libra Ascendant | Characteristics of Libra Sign
वैदिक ज्योतिष में व्यक्ति विशेष के लग्न पर काफी जोर दिया गया है. जन्म कुंडली में लग्न के आधार पर ही फलकथन किया जाता है. लग्न यदि बली है तब व्यक्ति बहुत सी परेशानियों को झेलने में कामयाब रहता है और
वृश्चिक लग्न | Scorpio Ascendant - Characteristics of Scorpio Sign
आज हम आपको वृश्चिक लग्न के बारे में बताने का प्रयास करेगें. वृश्चिक लग्न की क्या विशेषताएं होती है और कौन से ग्रह इस लग्न के लिए शुभ होते हैं और कौन से अशुभ होते हैं. साथ ही यह भी बताया जाएगा कि इस
जानिये धनु लग्न और इसमें जन्मे जातक के बारे में विस्तार से
वैदिक ज्योतिष में बारह राशियों का वर्णन किया गया है. इन्हीं बारह राशियो में से ही कोई एक राशि व्यक्ति विशेष के लग्न में उदय होती है. जो राशि लग्न में उदय होती है उसी के अनुसार व्यक्ति का व्यक्तित्व
धनु लग्न | Sagittarius Ascendant | Characteristics of Sagittarius Sign
वैदिक ज्योतिष में बारह राशियों का वर्णन किया गया है. इन्हीं बारह राशियो में से ही कोई एक राशि व्यक्ति विशेष के लग्न में उदय होती है. जो राशि लग्न में उदय होती है उसी के अनुसार व्यक्ति का व्यक्तित्व
आईये जाने मकर लग्न और उसकी विशेषताएं
वैदिक ज्योतिष में बहुत सी बातो की जानकारी मिलती है. जब तक हम वैदिक ज्योतिष की सामान्य जानकारी नहीं रखेगें तब तक इसकी बारीकियों को नहीं समझ पाएंगे. किसी भी विद्या को समझने के लिए पहले उसकी मूलभूत
मीन लग्न | Pisces Ascendant | Characteristics of Pisces Sign
लग्नों की श्रृंखला में आपको सभी ग्यारह लग्नों के बारे में बताया गया है. उसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए हम आज भचक्र के अंतिम लग्न अर्थात मीन लग्न की बात करेगें. इस लग्न के लिए शुभ्-अशुभ ग्रहों के बारे
कुंभ लग्न | Aquarius Ascendant | Characteristics of Aquarius Sign
वैदिक ज्योतिष एक अथाह सागर है जिसे जानने के लिए सारी उम्र भी कम है. लेकिन हम यदि दिल से सीखना चाहें तो काफी कुछ सामान्य ज्ञान पा ही सकते हैं. इसके लिए वैदिक ज्योतिष की मूल बातों को समझना आवश्यक है.
वृष लग्न | Tauras Ascendant | Characteristics of Taurus Sign
वैदिक ज्योतिष में सभी राशियों का अपना महत्व होता है और सभी के अलग कारकत्व होते हैं. कुछ राशि शुभ तो कुछ अशुभ मानी जाती है. भिन्न लग्नों की कुंडलियों की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए हम आज वृषभ राशि की बात
मेष लग्न | Aries Ascendant | Characteristics of Aries Sign
वैदिक ज्योतिष का मुख्य आधार जन्म कुंडली और उसमें स्थापित नौ ग्रह, बारह राशियाँ व 27 नक्षत्र हैं. इन्हीं के आपसी संबंध से योग बनते हैं और इन्हीं के आधार पर दशाएँ होती है. ज्योतिष में बारह राशियों का
कमजोर बृहस्पति के फल | Effects of Weak Jupiter in Different Houses
कोई ग्रह कुण्डली में किस अवस्था में है यदि ग्रह नीच का है, वक्री है, पाप ग्रहों के साथ है या इनसे दृष्ट है, खराब भावों में स्थित है, षडबल में कमजोर है, अन्य अवस्थाओं में निर्बल हो इत्यादि तथ्यों से
मेष राशि और मेष जातक के बारे में जाने संपूर्ण जानकारी
वैदिक ज्योतिष का मुख्य आधार जन्म कुंडली और उसमें स्थापित नौ ग्रह, बारह राशियाँ व 27 नक्षत्र हैं. इन्हीं के आपसी संबंध से योग बनते हैं और इन्हीं के आधार पर दशाएँ होती है. ज्योतिष में बारह राशियों का
जन्म कुंडली में कैंसर रोग के कारण | Causes for Cancer Disease in Janam Kundli
किसी भी रोग के होने की संभावना को एक कुशल ज्योतिषी अपने पूर्वानुमान से बता सकता है लेकिन इसके लिए कुंडली में मौजूद बहुत सी बातों का मिलना जरुरी है. पाठको को किसी एक बात को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम