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बुध का सिंह राशि गोचर, आज होगा बुध राशि परिवर्तन

बुध सिंह राशि में प्रवेश जुलाई 2024 बुध की स्थिति ग्रहों में एक कौमल ओर प्रसन्नचित स्वरुप ग्रह की है. बुध की स्थिति व्यक्ति को दिशाज्ञान देने में अत्यंत ही सक्षम ओर सुलभ होती है. बुध का एक राशि से

2024 में शुक्र का सिंह राशि में गोचर जानना होगा जरूरी

वर्तमान में शुक्र का गोचर कर्क राशि में हो रहे हैं, पर जल्द ही शुक्र का प्रवेश सिंह राशि में होगा. शुक्र का सिंह राशि में जाना कुछ न कुछ परिवर्तनों की ओर इशारा करते हुए दिखाई देगा. जिस समय पर शुक्र

मीन राशि में वक्री मंगल का गोचर, तैयार हो जाएं चेंज के लिए

मंगल का गोचर इस बार मेष राशि से पुन: मीन में होगा और ऎसा इस कारण होगा क्योंकि मंगल वक्री होंगे. मंगल की चाल में बदलाव के कारण वह मेष राशि से निकल कर उलटे मीन राशि में प्रवेश करेंगे. 4 अक्टूबर 2020 को

मूल त्रिकोण राशि में मंगल का गोचर, सबसे ताकतवर गोचर

मंगल का गोचर अर्थात “भ्रमण काल”. मंगल जब किसी राशि में होता है घूम रहा हो उस समय को मंगल के गोचर की संज्ञा दी जाती है. राशि में उसकी स्थिति बहुत मजबूर होती है. ऎसे में जब भी मंगल अपनी मूलत्रिकोण राशि

सिंह संक्रांति 2024, इस समय स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त

सिंह संक्रांति का समय अगस्त माह के मध्य समय पर आता है. सिंह संक्रांति सूर्य के सिंह राशि में गोचर करने के समय को कहा जाता है. सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश ही सूर्य संक्रांति होता है. सूर्य संक्रांति

शुक्र का कर्क राशि में गोचर, जाने सभी राशियों के लिए कैसा रहने वाला है?

शुक्र मिथुन राशि से निकल कर कर्क में प्रवेश करने वाले हैं. 6 अगस्त 2024 को शुक्र का कर्क राशि में प्रवेश होगा और वहां पर शुक्र 31 जुलाई तक रहेंगे. . इससे पहले शुक्र मिथुन राशि में गोचर कर रहे थे पर

बुध का कर्क राशि में गोचर

बुध अपनी स्वराशि मिथुन को छोड़ कर अब कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन से निकल कर कर्क राशि में जाने पर बुध की स्थिति में बहुत तरह से बदलाव दिखाई देगा. इसका मुख्य करण यह है की बुध अभी तक अपनी ही

वक्री मंगल का मेष राशि में गोचर, इन राशियों को रहना होगा संभल कर

वक्री मंगल का मेष राशि में होने का प्रभाव मंगल का मेष राशि में गोचर कई तरह से व्यक्ति को प्रभावित करता है. मंगल एक ऊर्जा से भरपूर ग्रह है. जब वह अपनी राशि में होता है तो उसकी उर्जा ओर अधिक विकसित

वारुणी योग 2025, दुर्लभ और शुभदायक मुहूर्त होता है वारुणी योग

वारुणी योग एक अत्यंत ही शुभ एवं उत्तम गति प्रदान करने वाला समय होता है. हिन्दू पंचांग का एक अत्यंत ही पावन शुभ समय मुहूर्त भी है. यह उन शुभ मुहूर्तों की ही तरह है जो अबूझ मुहूर्त के महत्व को दर्शाते

केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, जाने सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव

ग्रहों का गोचर प्रत्येक राशि पर अपने अनुरुप शुभाशुभ फल देने में समर्थ होता है. जब भी कोई ग्रह एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में जाता है वह समय किसी न किसी रुप में प्रभवित अवश्य करता है. इस साल के अंत

केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, उच्च का केतु बदलेगा भाग्य

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में केतु का स्थान छाया ग्रह के रुप में है. इसे ग्रह न समझ कर परछाई कहा गया है. इस छाया ग्रह होने के कारण केतु बहुत ही गहरा असर डालने में सक्षम होता है. राहु ओर केतु यह दोनों ही

शुक्र का मिथुन राशि गोचर 2023 में जाना बदल सकता है आपका भाग्य

शुक्र अपनी स्वराशि वृष से निकल कर मिथुन राशि की ओर संचार करेंगे. शुक्र अपनी स्वराशि को त्यागकर बुध की राशि मिथुन में जाएंगे. शुक्र का बुध की राशि में जाना अनुकूल स्थिति की ओर इशारा करता है. शुक्र ओर

कैसा रहेगा वृषभ राशि वालों के लिए राहु का गोचर

राहु का प्रभाव वृषभ राशि पर होने के कारण वृष राशि वालों के लिए तो अब आने वाला समय काफी बदलावों को दिखा सकता है. राहु एक ऎसा ग्रह है जो अपने प्रभाव का पूर्ण प्रभाव जिस स्थन में बैठा होता है या जिसके

मंगल का मेष राशि में गोचर, लाएगा कठोर बदलाव

मंगल एक उग्र व अग्नि युक्त ग्रह हैं. सभी ग्रहों में से मंगल को ही ऎसे कार्यों का सौंपा जाता है जिनमें शक्ति और साहस का परिचय दिया जा सके. यह एक योद्धा की भांति है जिसमें अदम्य साहस है विपत्तियों से

आश्विन अधिक मास : आश्विन मास में किए जाने वाले काम

आश्विन मास जो श्राद्ध कार्य के लिए अत्यंत ही शुभ और महत्वपूर्ण मास बताया गया है. अधिक मास के रुप में इस साल का समय आश्विन मास में होना इस समय को अत्यधिक उत्तम बनाने जैसा है. इस समय पर चंद्र आश्विन

पुरुषोत्तम मास क्या होता है? जाने पुरुषोत्तम मास की कथा और इसकी महिमा

सभी मासों में पुरुषोत्तम मास का बहुत गहरा और गंभीर असर देखने को मिलता है. पुरुषोत्तम मास सभी 12 मासों से अलग होता है. यह प्रत्येक वर्ष में आने वाले मासों से इसलिए भिन्न है क्योंकि यह हर वर्ष नहीं आता

आईये जानें, कैसा होगा गुरु महाराज वक्री होकर धनु मे जाना

गुरु का गोचर इस समय मकर राशि पर हो रहा है. मकर राशि में ही गुरु इस समय वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. पर आने वाले 30 जून 2020 को गुरु मकर से निकल कर अपनी पूर्व राशि धनु में प्रवेश करेंगे. गुरु वक्री

कर्क संक्रांति, सही समय पर किया गया कार्य होगा सफल

सूर्य का मिथुन राशि से निकल कर कर्क राशि में जाना ही “कर्क संक्रांति” कहलाएगा. 16 जुलाई 2023 को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क राशि वालों के लिए सूर्य उनकी राशि में ही गोचर करेंगे. सूर्य

अब मिथुन राशि में बुध होंगे मार्गी, मिल सकते हैं नए मौके

बुध एक ऎसा ग्रह है जो बुद्धि विवेक पर अपना आधिपत्य रखता है. बुध ग्रह का प्रभाव किसी भी व्यक्ति को एक अच्छा जानकार और बेहतर वक्ता बनाने के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है. किसी व्यक्ति विशेष, संस्था,

शनिदेव ने बदली अपनी चाल, अब बदल जाएगा सभी का हाल

एक लम्बे समय से शनि राशि गोचर कर रहे हैं. मकर और कुंभ राशि शनि के स्वामित्व की राशि हैं. शनि का मकर या कुंभ राशि में गोचर करना शनि के कारक तत्वों में वृद्धि करने वाला हो सकता है. पर इसी बीच में शनि