इस साल भी बुध अस्त होने वाले हैं बुध के अस्त होने के कारण कई खास कार्यों पर लग सकती है.  बुध का प्रभाव व्यक्ति को बौद्धिकता की उत्तम प्रवीणता देता है. बुध का प्रभाव ही वनस्पतियों पर असर डालता है. बुध जब अस्त होंगे तो उस दौरान कुछ राशि वाले लोगों के लिए ये समय परेशानी वाला होगा तो कुछ के लिए राहत भी ला सकता है.

वक्री और अस्त बुध का नक्षत्र में होने का फल

बुध जिस समय अस्त अवस्था में होंगे उस समय के दौरान बुध की स्थिति जब उन नक्षत्रों में होगी तो उस स्थिति में ये समय संभल कर काम करने वाला होता है. मौसम और जलवायु के परिवर्तन की ओर इशारा करता है. इस समय पर कोलाहल भी होगा और उत्साह की प्रवृति भी झलकेगी. सामाजिक स्तर पर शुभ कार्यों को करने कि प्रवृत्ति आती है, लेकिन इस समय बुध अस्त है इस कारण से इस समय क्रोध की अधिकता बढ़ सकती है. इसके साथ ही काम में जल्दबाजी भी होगी. पर ये समय कुछ ऎसी स्थिति पैदा कर सकता है जिसको लेकर लोगों के मध्य भ्रम पैदा हो सकता है. शुभता में कुछ समय के लिए कमी आ सकती है बुध के अस्त होने के कारण.

कैसी होगी ग्रहों की स्थिति

ग्रह दशाओं को देखा जाए तो इस समय गुरु निचस्थ होना, बुध , राहू, केतु वक्री गति के कारण शुभ फलों में कमी को प्रकट करने वाले होंगे. ग्रह अपने विपरित चाल के प्रभाव से जन समूह को बहुत आसानी से प्रभावित करेंगे. ऎसे समय पर सामाजिक-राजनितिक और आर्थिक परिवेश में बदलाव दिखाई देंगे जो संतोषजनक नहीं होंगे.

बुध के अस्त होने का फल

बुध के अस्त होने पर जिससे छुटपुट बूंदाबांदी के योग बन रहा है. इस समय के दौरान पर स्वाती नक्षत्र, तुला राशि और मंगल और शुक्र का समसप्तक योग बनेगा. सुर्य और बुध का द्विग्रही योग बनेगा. इस समय पर एक प्रकार का अचानक से होने वाला बदलाव दिखाई देगा. शेयर बाजार में इस समय पर आरंभिक मंदि आएगी अचान्क से पर फिर उसके बाद तेजी आने कि संभावना बढ़ जाएगी.

बुध कब होंगे अस्त - उदय

बुध के अस्त होते ही ग्रहों के बहुत सारे परिणाम बदल जाएंगे. इस समय परिवर्तन भी अधिक दिखाई देगा.
  • 2024 बुध अस्त एवं उदय समय बुध ग्रह अस्त प्रारम्भ फरवरी 7, 2024, बुधवार को 06:22 ए एम बुध ग्रह अस्त समाप्त मार्च 11, 2024, सोमवार को 07:17 पी एम
  • बुध ग्रह अस्त प्रारम्भ अप्रैल 4, 2024, बृहस्पतिवार को 07:35 पी एम बुध ग्रह अस्त समाप्त मई 1, 2024, बुधवार को 04:38 ए एम
  • बुध ग्रह अस्त प्रारम्भ जून 2, 2024, रविवार को 04:35 ए एम बुध ग्रह अस्त समाप्त जून 25, 2024, मंगलवार को 08:20 पी एम
  • बुध ग्रह अस्त प्रारम्भ अगस्त 4, 2024, रविवार को 08:02 पी एम बुध ग्रह अस्त समाप्त अगस्त 28, 2024, बुधवार को 04:57 ए एम
  • बुध ग्रह अस्त प्रारम्भ सितम्बर 20, 2024, शुक्रवार को 05:27 ए एम बुध ग्रह अस्त समाप्त अक्टूबर 27, 2024, रविवार को 06:26 पी एम
  • बुध ग्रह अस्त प्रारम्भ नवम्बर 29, 2024, शुक्रवार को 06:16 पी एम बुध ग्रह अस्त समाप्त दिसम्बर 12, 2024, बृहस्पतिवार को 06:02 ए एम
बुध इस समय पर बहुत कम समय के लिए अस्त होंगे ऎसे में इस स्थिति से कुछ राहत प्राप्त होगी. प्रभाव कम समय पड़ेगा ऎसे में कमी का असर कम ही होगा. इस समय पर बुध से संबंधित उपाय अवश्य करने चाहिए.

बुध का असर पड़ेगा धीमा

बुध के अस्त होने के कारन बुध के कारक तत्वों में कमी का असर साफ रुप से देखने को मिल सकता है. इस समय के दौरान बौद्धिकता से जुड़े हुए काम कमजोर पड़ सकते हैं. शिक्षकों लेखकों और मिडिया कर्मियों को हो सकती है परेशानी. वहीं बुद्धिजीवी वर्ग में इस समय असंतोष की स्थिति प्रभावित कर सकती है.

बुध होंगे अस्त, जानें क्या होगा आपकी राशि पर असर

बुध के अस्त होने का प्रभाव लगभग हर राशि पर पड़ेगा. जिनके लिए बुध ज्यादा महत्वपूर्ण है, वह लोग बुध के प्रभाव से सीधे तौर पर प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाएंगे. जिन भी व्यक्तियों की कुंडली में बुध अनुकूल अवस्था में नही हो उनके लिए बुध परेशानी दे सकता है. ख़राब या कमजोर है बुध के कारण उनकी आय, प्रतिभा और अन्य चीजों पर असर पड़ेगा. बुध का अस्त होना मानसिक व त्वचा से जुड़े रोग दे सकता है. बुध के निर्बल होने के कारण दो तरफा परएशानी झेलनी पड़ सकती है. जिनका बुध मजबूत है, उन पर ज्यादा प्रभाव न पड़ पाए लेकिन फिर भी बहुत सी बातों को लेकर उन्हें भी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. इस समय पर मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए यह अधिक सावधानी बरतने का समय होगा. क्योंकि बुध इन्हीं दो राशियों का स्वामी है. वहीं तुला राशि में अस्त होने वाले हैं इस लिए तुला राशि वालों पर भी इसका असर दिखाई देगा. सिंह राशि वालों को भी परेशानी हो सकती है. इसके साथ ही ख़राब प्रभाव होने पर धनार्जन से जुड़े मसले परेशान कर सकते हैं. आर्थिक स्थिति में गिरावट झेलनी पड़ सकती है. संक्रमण से जुड़े रोग अधिक परेशान कर सकते हैं.

अस्त बुध के उपाय

बुध ग्रह यदि अस्त हों चाहे वह गोचर में हो या ये स्थिति किसी व्यक्ति कि कुण्डली में बनती हो दोनों ही स्थानों पर समान रुप से असर डालने वाली होती है. बुध हमारी वाणी को दर्शाता है, हमारी त्वचा हमरी सोच पर असर डालता है. यह व्यक्ति की दक्षता और उसकी प्रभाव क्षमता की शैली को दर्शाता है. कुंडली में अस्त अवस्था में हो तो इसके कारण कई प्रकार के दोष उत्पन्न हो सकते हैं. कुण्डली में बुध के अस्त होने वाणी दोष हो सकता है यह किसी भी प्रकार का हो सकता है, वाणी में भारी पन हकलाना, संकोची होना, धीमी होना इत्यादि दोष अपना प्रभाव डाल सकते हैं. वहीं जब गोचर में बुध अस्त होते हैं तो इस दौरान व्यक्ति अपनी संवाद शैली को प्रभावित पा सकता है. त्वचा से प्रभावित रोग हो सकते हैं, आर्थिक व्यापारिक क्षेत्र इत्यादि में प्रभाव पड़ सकता है. ऎसे में इन स्थिति से बचने के लिए आवश्यक है की बुध से संबंधित उपाय किए जाएं. बुध के उपाय करने से इन दोषों को शांति प्राप्त होती है. इस समय पर सबसे असरदायक उपाय बुध के मंत्रों का जप करना माना गया है. बुध के बीज मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप करने से बुध ग्रह को मजबूती प्राप्त होती है. इसके अतिरिक्त विष्णु सहस्त्रनाम इत्यादि का पाठ करना भी उत्तम होता है.