21 जून को लगने वाला कंकण सूर्य ग्रहण एक बहुत बड़ा और अधिक प्रभावशाली ग्रहण होगा. कंकण सूर्य ग्रहण को भारत समेत अन्य कई देशों में भी देखा जा सकेगा. इस कंकण सूर्य ग्रहण के प्रभाव के चलते राजनैतिक, आर्थिक, प्राकृतिक बदलाव स्पष्ट रुप से दिखाई देंगे. ये ग्रहण अनेक प्रकार की अकस्मात आने वाली आपदाओं का कारक भी बन सकता है.

मेदिनी ज्योतिष भी ग्रहण से संबंधित अनेक उतार-चढ़ावों की व्याख्या भी करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण काल का समय चाहे विश्व के परिपेक्ष में हो या किसी व्यक्ति विशेष के संदर्भ में यह समान रुप से अपना प्रभाव देने में सक्षम होता है.

ग्रहण और वक्री ग्रहों का मेल लाएगा बदलाव

  • ग्रहण काल समय पर ग्रहों में वक्रता का प्रभाव अधिक रहेगा.
  • इस समय पर बुध, गुरु, शनि, शुक्र सभी ग्रह वक्री होंगे. सूर्य और चंद्रमा पर राहु केतु का ग्रास होगा.
  • इस कारण समय संकट ओर आपदा की स्थिति में वृद्धि का संकेत देता है.
  • ग्रहण समय पर राहु केतु की चाल में भी बदलाव दिखाई देगा.
  • ग्रहों की वक्री चाल का सीधा असर ग्रहण के बुरे प्रभाव को बढ़ाने वाला होगा.
  • ग्रहण काल समय पर ग्रहों में वक्रता का प्रभाव अधिक रहेगा.
  • इस समय पर बुध, गुरु, शनि, शुक्र सभी ग्रह वक्री होंगे.
  • सूर्य और चंद्रमा पर राहु-केतु का ग्रास होगा. इस कारण ये समय संकट और आपदा की स्थिति में वृद्धि का संकेत देता है.
  • मृगशिरा नक्षत्र में होगा ग्रहण

  • सूर्य चंद्र और राहु होंगे मंगल के नक्षत्र में
  • ग्रहण कल समय सुर्य, चंद्रमा और राहु तीनों का स्थान मृगशिरा नक्षत्र में होगा.
  • मंगल के इस नक्षत्र में होने वाले ग्रहण के कारण अग्नि का प्रभाव प्रवल होगा.
  • मानसिक संताप की स्थिति भी बढ़ेगी.
  • ये समय उग्रता को बढ़ाने वाला होगा.
  • गुस्से ओर क्रोध को निंयंत्रित रखने कि आवश्यकता होगी.
  • मृगशिरा नक्षत्र में जिनका जन्म हुआ है उनके लिए ये समय कठिन हो सकता है. अपने कामों में थोड़ा संभल कर आगे बढ़ने कि जरुरत होगी.
  • कंकण सूर्य ग्रहण का लोगों पर असर

    21 जून 2021 को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. यह कंकण सूर्य ग्रहण आषाढ़ मास कि अमावस्या तिथि को लगने वाला है. इस ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति भी बहुत अधिक अनुकूल नही होने के कारण इसका अधिक असर भी दिखाई देगा. इसके कारण देश और विदेश में अनेक स्थानों पर तनाव की स्थिति दिखाई देगी. लोगों के मध्य मतभेद होगा. और साथ ही जातीय एवं नस्ल भेद की स्थिति भी प्रभाव डालेगी.

    कंकण सूर्य ग्रहण बढ़ा सकता राजनीतिक उथल-पुथल

    राजनैतिक परिवेश की स्थिति से ये समय अचानक से होने वाले बदलावों का गवाह बनेगा. इस समय किसी एक राजनैतिक पार्टी की सत्ता पर लोगों बहुत अधिक विश्वास न बन पाए. राजनैतिक समीकरण भी बदलते नजर आएंगे. इसका मुख्य कारण इसलिए होगा क्योंकि बुध और सूर्य की एक साथ स्थिति होने और ग्रहण का मिथुन राशि पर पड़ना बौद्धिकता को अवश्य ही प्रभवैत करने वाला होगा.

    इस समय पर कुछ राजनैतिक पार्टियों के गठबंधन भी टूट सकते हैं. नेताओं में निरंकुशता भी दिखाई देगी. लोगों की निजता पर इसका असर पड़ेगा. इस समय दबाव की स्थिति अधिक बढ़ने वाली है. इस समय में एक देश का दूसरे देश पर विरोधाभस होगा. आत्मघाती हमलों में वृद्धि की संभावना अधिक दिखाई देती है.

    मेदिनी ज्योतिष - कंकण सूर्य ग्रहण लाएगा मौसम में बदलाव

    कंकण सूर्य ग्रह का प्रभाव प्राकृतिक स्ठिति पर भी दिखाई देगा. मेदिनी ज्योतिष के अनुसार ग्रहण काल के पहले ओर बाद के कुछ समय तक ग्रहण का प्रभाव अवश्य लक्षित होता है. यह वो समय होता है जब सृष्टि का प्रत्येक कण इसके प्रभाव से मुक्त नही हो पाता है. ऎसे में मोसम में बदलाव और ताप की अधिकता बढ़ सकती है. अग्नि और बाढ़ से होने वाली दुर्घटनाओं में वृद्धि हो सकती है. इस समय पर भूस्खलन एवं प्राकृतिक आपदाओं की कुछ समय के लिए प्रवृत्ति अधिक रह सकती है. भूकंप एवं अतिवृष्टि का प्रभाव होगा. वन्य जीव जन्तुओं पर भी असुरक्षा का खतरा बढ़ सकता है.

    सूर्य ग्रहण के कुछ समय के पश्चात ही 5 जुलाई को लगने वाला उपछाया चंद्रग्रहण भी इस विपत्ति को बढ़ाने का काम करेगा. बहुत कम अंतराल पर आने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहणों की ये स्थिति विश्व में होने वाले बदलावों और परेशानियों की ओर ही संकेत अधिक करती प्रतीत होती है.