श्री सत्यनारायण व्रत कथा को मुख्य रुप से पूर्णिमा तिथि पर संपन्न किया जाता है. इसके अतिरिक्त किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने हेतु भी श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया जाता है. मान्यथा है कि भगवान सत्यनारायण की कथा एवं व्रत का पालन करने से जीवन में आने वाले संकटों एवं परेशानियों से मिक्ति प्राप्त होती है.
परंपरा स्वरुप सत्यनारायण कथा को भारत वर्ष में बहुत श्रद्धा भाव के साथ घरों में और मंदिरों इत्यादि स्थानों में किया जाता है. श्री सत्यनारायण कथा को ब्राह्मणों द्वारा अथवा स्वयं जैसी संभव हो करना चाहिए. कहा जाता है की पूर्णिमा तिथि के समय व पूर्णिमा के व्रत में सत्यनारायण भगवान की कथा को सुनने से व्रत का मनोरथ पूर्ण होते हैं.
सत्य को नारायण का स्वरुप माना गया है. संसार की माया से मुक्ति का आधार नारायण ही हैं. इसलिए सत्यनारायण व्रत का संकल्प लेने और पूजा करने से भक्त के सभी कार्य सफल होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है, पर कई बार पंचांग तिथि गणना अनुसार यह व्रत चतुर्दशी तिथि में भी रखा जाता है. क्योंकि चन्द्रोदय कालिक एवं प्रदोषव्यापिनी पूर्णिमा ही व्रत के लिए ग्रहण करने के कारणवश इस व्रत को करने में तिथि भेद भी प्राप्त हो जाता है.
इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है. सारा दिन व्रत रखकर संध्या समय में पूजा तथा कथा की जाती है. पूजा के उपरान्त भोजन ग्रहण किया जाता है. सत्यनारायण व्रत में स्नान, दान, जप और तप सभी का अपना विशेष महत्व होता है. आईये जानते हैं इस वर्ष कौन-कौन से दिन होगी सत्यनारायण व्रत एवं कथा.
वर्ष 2024 में इस व्रत की तिथियां निम्न रहेगी:
In 2024 the Dates of this Vrat will be as follows:
दिनाँक | हिन्दु चन्द्रमास |
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25 जनवरी , दिन बृहस्पतिवार | पौष माह |
24 फरवरी, दिन शनिवार | माघ माह |
24/25 मार्च, दिन रविवार/सोमवार | फाल्गुन माह |
23 अप्रैल, दिन मंगलवार | चैत्र माह |
23 मई, दिन बृहस्पतिवार | वैशाख माह |
21 जून, दिन शुक्रवार | ज्येष्ठ माह |
21 जुलाई, दिन रविवार | आषाढ़ माह |
19 अगस्त, दिन सोमवार | श्रावण माह |
17/18 सितंबर, दिन मंगलवार/बुधवार | भाद्रपद माह |
17 अक्तूबर, दिन बृहस्पतिवार | आश्विन माह |
15नवंबर, दिन शुक्रवार | कार्तिक पूर्णिमा |
15 दिसंबर, दिन रविवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा |