दिवारात्रि बली ग्रह में जातक को धन ऎश्वर्य और आभूषणों की प्राप्ति होती है. भू-संपदा की प्राप्ति में सफलता मिलती है. वाहन सुख तथा भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. व्यक्ति के बल व पराक्रम में वृद्धि होती है. तथा शतुओं से बचाव होता है. जातक साहस से सभी कठिनाईयों को पार कर लेने में सक्षम होता है.
सूर्य | Sun
सूर्य के दिवा बली होने पर जातक को कर्म क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है. वह अपने उच्च अधिकारियों का सहयोग व सम्मान पाने में सफल रहता है. जातक के कार्यक्षेत्र में विस्तार होता है उसे आय के अनेक स्रोत प्राप्त होते हैं. जीवन में भाग्य की स्थिति उन्नत बनती है जातक अपने परिश्रम द्वारा अपने अच्छे भाग्य का निर्माण करने में लगा रहता है. जीवन के क्षेत्र में जो भी बाधाएं आने का प्रयास करती हैं वह उनमें सफलता से पार कर लेता है. जातक उदार हृदय का चित से स्नेही होता है. भाग्य का साथ बना रहता है तथा शत्रुओं को परास्त करने में सफल होता है.
चंद्रमा | Moon
चंद्रमा के रात्रि बली होने पर जातक का मन परोपकारी कार्यों की ओर लगा रहता है. वह किसी न किसी रूप से दूसरों के हित तथा परमार्थ का विचार करता है. दान-पुण्य करने वाला होता है तथा किसी न किसी रूप में जातक की भागीदारी अच्छे कार्यों की ओर लगी रहती है. जातक तेजस्वी तथा यशस्वी बनता है. वस्त्रादि व धन आदि से संतुष्ट रहता है. माता की ओर से भरपूर स्नेह की प्राप्ति होती है.जातक सौम्य चरित्र का निर्मल हृदय का होता है. दूसरों के दुख में द्रवित हो जाना इसकी प्रकृति में शुमार होता है. कीर्तिवान तथा उच्च कुल से संबंध रखने वाला होता है.
मंगल | Mars
मंगल के दिवारात्रि बली होने पर जातक में परोपकारीता का गुण आता है. वह निर्बलों की सहायता करने वाला होता है. जातक में साहस और निर्भयता के गुण होते हैं वह कार्यों को करने में अपनी पूर्ण ऊर्जा शक्ति लगा देता है. उसके सभी कार्य शक्ति संपन्न होते हैं. सौभाग्य का साथ मिलता है किंतु उसमें क्रोध अधिक होने से वह अपने लिए सभी के मन में प्रेम जागृत करने में अधिक सफल नहीं हो पाता है. अपनी बात पर अडिग रहते हुए वह कभी-कभी दूसरों की अवहेलना कर सकता है. जातक को स्त्री व पुत्र संतती का सुख मिलता है अपने भाई बंधुओं का साथ भी पाता है.
बुध | Mercury
बुध को सर्वथा व सदैव बली माना जाता है. बुध के दिवारात्रि बली होने पर जातक व्यवसाय में उच्च स्तर का प्रदर्शन करने में सक्षम रहता है. समाज के उच्च कुलिन लोगों का साथ उसे प्राप्त होता है. जातक में व्यापार कार्य की अच्छी समझ होती है. वह दूसरों के समक्ष अपनी बुद्धि तथा योग्यता का प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है. जातक को मित्रों का सहयोग प्राप्त होता है. सजने-संवरने का खूब शौक होता है तथा मिष्ठानों का शौक रहेगा. सेवा कार्य करने में व्यक्ति कुशल होता है. जातक को वाक चातुर्य का ज्ञान होता है जिससे वह दूसरों के समक्ष अपने ज्ञान का प्रदर्शन करने में सफल रहता है तथा वाणी के ओजस्वी प्रभाव से दूसरों के मन में स्थान पाने में सफल रहता है.
बृहस्पति | Jupitor
बृहस्पति के दिवारात्रि बली होने पर जातक गुणवान सदचरित्र वाला व्यक्ति होगा. उसे सम्मान एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी. वह समाज में धनी मानी यशस्वी व्यक्ति होगा. प्रसन्नचित रहते हुए कार्यों को करने में निपुण होगा. ज्योतिष शास्त्र एवं वेद ज्ञान का जानकार होगा. व्यक्ति को मान-सम्मान, धन सम्पत्ति प्राप्त होती है. पिता व गुरूजनों का साथ मिलता है उनसे शुभ गुणों एवं अच्छे कर्मों को करने की शिक्षा प्राप्त tहोती है. संतान सुख मिलता है तथा दांपत्य जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होता है. शिक्षा में उन्नती मिलती है. व्यवसाय में अधिकारियों का सहयोग बना रहता है.. समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाह करने वाला होता है.
शुक्र | Venus
शुक्र के रात्रि बली होने पर यह भौतिक दृष्टि से यह शुभता का प्रतीक बनता है. पारिवारिक एवं गृहस्थ जीवन का सुख मिलता है. स्त्री पक्ष से एवं मित्रों से लाभ होता है. व्यक्ति का सामाजिक दायरा विस्तृत होता है. यह स्थिति गृहस्थ जीवन की खुशी में सहायक होती है. जातक के व्यक्तित्व में निखार लाता है और व्यक्ति मानवीय गुणों से परिपूर्ण होता है. जातक को कामयाबी, यश और धन की प्राप्ति होती है. भवन एवं वाहन का सुख मिलता है. रत्नों व आभूषणों की प्राप्ति होती है. शुक्र जातक को सुन्दरता भोगविलास सौन्दर्य, प्रेम, कला संगीत इत्यादि सभी सुख सुविधाओं को प्रदान करने में सहायक सिद्ध होता है. व्यक्ति में शिष्टाचार आता है वह धैर्य ,शान्ति जैसे गुणों को समझने वाला होता है.
शनि | Saturn
शनि के रात्रि बली होने पर जातक में भोगभाव होने की प्रवृत्ति अधिक देखी जा सकती है. जातक प्रेम संबंधों को लेकर संवेदनशील होते हैं. जातक एश्वर्यों का भोग करने की चाह रखता है. जातक को तपाकर उसके विचारों को शुद्ध कर देता है. व्यक्ति को तपस्वी बना देता है तथा विचारों को शुद्ध करते हुए मन और शरीर पर पूर्ण नियंत्रण रखता है. व्यक्ति की अध्यात्म में रुचि बढ़ती है. दाम्पत्य सुख को क्षीण करने वाला भी होता है किंतु शनि विचारों में शुद्धता लाता है व जातक को दृढ़ता भी प्रदान करता है.