किसी भी जन्म कुण्डली के मजबूत आधार लग्न, सूर्य तथा चंद्रमा को माना जाता है. अगर ये तीनो कुण्डली में बली है तब जीवन की बहुत सी बाधाओ पर काबू पाया जा सकता है. लग्न से व्यक्ति का व्यक्तित्व, सूर्य से आत्मा तथा चंद्रमा से मन का आंकलन किया जाता है. अगर मन अच्छा है, मनोबल ऊँचा है तब व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास भी बढ़ता है और वह विपरीत परिस्थितियो में भी डटा रहता है लेकिन यदि किसी व्यक्ति का मन कमजोर है या वह बहुत जल्दी परेशान हो जाता है इसका अर्थ है कि कुण्डली में उसका चंद्रमा कमजोर अवस्था में है. आज हम इस वेबकास्ट में कमजोर चंद्रमा की बात करेगें. चंद्रमा जब कुंडली के 6,8 या 12वें भाव में अकेला स्थित होता है तब कमजोर हो जाता है. व्यक्ति का मन हमेशा अशांत रहता है.

छठे भाव में चंद्रमा का प्रभाव | Effects of Moon in Sixth House

  • छठे भाव में चंद्रमा होने से आपको जीवन में प्यार की कमी रहती है अथवा प्यार में धोखा खा सकते है.
  • किसी ना किसी बात को लेकर तनाव और मानसिक परेशानियो से घिरे रह सकते है.
  • आपके कार्य क्षेत्र पर आपके सहयोगी आपका इस्तेमाल करते हैं और आप उनका विरोध भी नहीं कर पाते है.
  • माता के साथ संबंध अच्छे नहीं रहेगें अथवा माता के सुख में किन्हीं कारणो से कमी रह सकती है.

आइए सबसे पहले छठे भाव के चंद्रमा के बारे में बात करते हैं. छठे भाव में चंद्रमा होने से आपको जीवन में सदा प्यार की कमी महसूस हो सकती है अथवा आपको जीवन में एक बार प्यार में धोखा मिल सकता है. ऎसा भी हो सकता है कि आप किसी को चाहते हो और कभी उसे कहने की हिम्मत ना करने से आप उसे पा ना सके हो और यही आपके मन का मलाल हो सकता है.

आप सदा किसी ना किसी बात को लेकर तनाव और मानसिक परेशानियो से घिरे रह सकते है क्योकि छठे भाव में चंद्र की स्थिति से आपका मन कमजोर हो जाता है और जब मन ही कमजोर हो गया तब आप छोटी से छोटी बात पर अधिक परेशान हो जाते हैं. मन व्याकुल रहता है.

छठा भाव नौकरी का भी होता है और प्रतिस्पर्धा का भी होता है. इस भाव में पाप ग्रह का होना अच्छा माना गया है ताकि व्यक्ति अपने हर तरह के विरोधियो पर काबू पा सके. चंद्रमा के इस भाव में होने से आपके कार्य क्षेत्र पर आपके सहयोगी आपका इस्तेमाल कर करते हैं और आप उनका विरोध भी नहीं कर पाते है.

आपकी माता के साथ संबंध अच्छे नहीं रहेगें अथवा माता के सुख में किन्हीं कारणो से कमी रह सकती है. इस भाव में चंद्र होने से किसी ना किसी रुप में माता से अलगाव अथवा उसके सुख से वंचित हो सकते हैं.

अष्टम भाव में चंद्रमा का प्रभाव | Effects of Moon in Eighth House

  • आठवें भाव में चंद्रमा के प्रभाव से आप भावनात्मक(emotionally) रुप से स्वयं को असुरक्षित(insecure) महसूस कर सकते हैं.
  • आप भावनात्मक रुप से किसी से भी नहीं जुड़ पाते हैं, कमजोर मन के कारण सबसे अलग - थलग से रहते हैं.
  • अपने मन की बात को किसी से भी नहीं कहते हैं यहाँ तक कि संबंध बनाने वाले साथी के साथ भी पूरी तरह सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं.
  • अष्टम भाव के चंद्रमा से आप सदा एक अनजान भय से घिरे रहते हैं.
  • अष्टम चंद्र से आप सदा दुविधा में घिरे रह सकते हैं और मन में अस्थिरता बनी रहती है.
  • चंद्रमा के इस भाव में होने से आप भोग-विलासी हो सकते हैं और आपके बहुत से संबंध दुनिया से छिपे रह सकते हैं.
  • आठवाँ भाव गूढ़ विद्याओ का भी है इसलिए आप इसमें रुचि रख सकते हैं और आप गुप्त अथवा डिटेक्टिव एजेंसी से जुड़े काम भी कर सकते हैं.

आइए अब हम आठवें भाव के चंद्रमा की बात करते हैं. आठवाँ भाव कुण्डली का सबसे खराब भाव माना जाता है. चंद्रमा मन है और आठवें भाव में चंद्रमा के प्रभाव से आप भावनात्मक(emotionally) रुप से स्वयं को अत्यधिक असुरक्षित(insecure) महसूस कर सकते हैं.

आप भावनात्मक रुप से किसी से भी नहीं जुड़ पाते हैं, कमजोर मन के कारण सबसे अलग - थलग से रहते हैं. आपका मन बहुत अधिक बेचैन रहता है और आप गहरे तनाव में धंसते जाते हैं.

अपने मन की बात को आप किसी से भी नहीं कहते हैं यहाँ तक कि जिस व्यक्ति से आप अंतरंग संबंध बनाते है उस साथी के साथ भी पूरी तरह सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. काफी ज्यादा समय बीत जाने पर ही आप अपने साथी से कुछ बाते शेयर करते हैं.

अष्टम भाव के चंद्रमा से आप सदा एक अनजान भय से घिरे रहते हैं, जिसका कोई कारण आपको भी समझ नही आता है. आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी हो सकती है और आपका मनोबल भी गिरा रहता है.

आप सदा दुविधा में घिरे रह सकते हैं और मन में अस्थिरता बनी रहती है. आपको कई बार सही और गलत को पहचानना भी मुश्किल हो जाता है.

चंद्रमा के इस भाव में होने से आप भोगी और विलासी हो सकते हैं और आपके बहुत से संबंध दुनिया से छिपे रह सकते हैं. अनैतिक संबंधो से आपको सचेत रहना चाहिए.

आठवाँ भाव गूढ़ विद्याओ का भी है इसलिए आपकी इनमें रुचि हो सकते हैं और आप गुप्त अथवा डिटेक्टिव एजेंसी से जुड़े काम भी कर सकते हैं. आप जमीन के नीचे से संबंधित वस्तुओ को अपनी आजीविका के साधन बना सकते हैं.

बारहवें भाव में चंद्रमा का प्रभाव | Effects of Moon in Twelfth House

  • बारहवें भाव में चंद्रमा होने से मन का व्यय होता है और चित्त अशांत रहता है.
  • 12वाँ भाव मोक्ष का भी है इसलिए चंद्रमा के इस भाव में होने से आपका झुकाव आध्यात्म की ओर हो सकता है.
  • आप अपने जन्म स्थान से दूर जाकर तरक्की कर सकते हैं अथवा विदेश भी जा सकते हैं.
  • इस भाव का चंद्रमा व्यक्ति को एक अच्छा लेखक बना सकता है क्योकि आप रचनात्मक व्यक्ति हैं.
  • इस भाव में चंद्रमा के होने से आपकी माता भी आध्यात्मिक विचारो वाली महिला हो सकती है.
  • इस भाव का चंद्रमा कमजोर तो होता है लेकिन छठे और आठवें भाव जितना नहीं.
  • इस भाव के चंद्रमा पर से जब शनि अथवा अन्य पाप ग्रहों का गोचर होप्ता है तब मानसिक परेशानी अधिक होती है.

बारहवें भाव के चंद्रमा के बारे में बात करते हैं. यह भाव व्यय भाव भी कहलाता है. इस भाव में चंद्रमा होने से मन का व्यय होता है और चित्त अशांत रहता है.

12वाँ भाव मोक्ष का भी है इसलिए चंद्रमा के इस भाव में होने से आपका झुकाव आध्यात्म की ओर हो सकता है. आप किसी आश्रम के सदस्य बन सकते हैं.

यह भाव विदेश का भी है इसलिएा आप अपने जन्म स्थान से दूर जाकर तरक्की कर सकते हैं अथवा विदेश भी जा सकते हैं.

इस भाव का चंद्रमा व्यक्ति को एक अच्छा लेखक बना सकता है क्योकि आप रचनात्मक व्यक्ति हैं और आपका मन बहुत सी कल्पनाओ में खोया रहता है. एक लेखक के लिए अच्छी कल्पनाएँ करना बहुत जरुरी है तभी वह अच्छे और सुंदर लेख लिख सकता है.

चंद्रमा को माता का प्रतीक ग्रह माना जाता है इसलिए इस भाव में चंद्रमा के होने से आपकी माता भी आध्यात्मिक विचारो वाली महिला हो सकती है.

इस भाव का चंद्रमा कमजोर तो होता है लेकिन छठे और आठवें भाव जितना नहीं होता है.

लेकिन इस भाव के चंद्रमा पर से जब शनि अथवा अन्य पाप ग्रहों का गोचर होप्ता है तब मानसिक परेशानी अधिक हो सकती है.

उपाय | Remedy

चंद्रमा अगर कुण्डली में कमजोर है तब आपको भगवान शिव की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए.