व्यवसाय के विषय में जानने के लिए दशम भाव का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक माना गया है. इसी के द्वारा जातक के कार्य के बारे में अनुमान लगाया जाता है. इसी के साथ यह भी जानना आवश्यक है कि कुण्डली में चंद्र, सूर्य और लग्न में से कौन सबसे अधिक मजबूत स्थिति में है.

दशम भाव के स्वामी का आंकलन करना सबसे पहली प्राथमिकता होती है. दशम के स्वामी का विश्लेषण करने के उपरांत दशम भाव स्वामी कुण्डली में कहां स्थित है तथा दशम भाव में कौन सा ग्रह बैठा है इसे भी देखना अत्यंत आवश्यक होता है.

अब कुण्डली को वर्ग कुण्डली डी-9 में देखना चाहिए. नवांश में दशम भाव तथा वहां स्थित ग्रह की स्थिति को देखना चाहिए की वह मजबूत या कमजोर है. इसी के साथ व्यवसाय के पूर्ण चयन में डी-10 का योगदान होता है. जिससे अच्छी प्रकार व्यवसाय के विषय में जाना जा सकता है. पूरी बारीकी यहीं से पता चल पाती है.

दशम भाव में मेष राशि के होने से व्यक्ति सैना, पुलिस, खिलाडी़, सर्जन अथवा धातु से संबंधित कार्य करता है. यदि दशम भाव में सिंह राशि स्थित हो तो जातक प्रशासनिक विभाग में कार्य करने वाला, वन्य विभाग में कार्यरत, चिकित्सा में अथवा आई.ए.एस या नेता के रूप में कार्यरत रहता है. यदि दशम भाव में धनु राशि स्थित हो तो जातक खेलकूद में, नौसेना रक्षक, संवादक या उपदेशक, नेता, फाईनेंस में लगा अथवा चर्म व्यापारी होता है.

दशम भाव में कर्क राशि होने से जातक समुद्र में काम करने वाला, नेवी में काम कर सकता है, दुग्ध उत्पादों में कार्यरत रह सकता है, मच्छली उत्पादन, शहद का व्यापार, होटल व्यवसाय में कार्य करने जैसे कामों से जुड़ सकता है.

दशम भाव में वृश्चिक राशि के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति फिलोस्फर, नेवी आफिसर, ज्योतिषी, जासूस, भू वैज्ञानिक सशस्त्रबल, डाक्टर या नर्स से जुडे़ कामों को करने में रूचि ले सकता है.

दशम भाव में मीन राशि के होने से जातक सर्जन, नर्स, जेलर, नृत्यप्रशिक्षक, समाजसेवक, संग्राहलय, तथा अनाथालय जैसी संस्थानों में काम कर सकता है.

दशम भाव में मिथुन राशि के होने से व्यक्ति में विचारों को अभिव्यक्त करने की अच्छी क्षमता होती है इस कारण से व्यक्ति संचार संबंधि कामों को करने योग्य बन सकता है, सेल्स से जुडे़ कार्य, अनुवादक, रिपोर्टर, लेखक तथा रिसर्च से जुडे़ कामों को करने वाला बन सकता है,

तुला राशि के दशम भाव में स्थित होने के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति कंसलटेंट, वकालत से जुडे़ काम, जज, राजनितिज्ञ, जन संपर्क, गायक, अभिनेता तथा क्वॉलिटी कंट्रोलर जैसे कामों से जुड़ सकता है.

कुम्भ राशि के दशम भाव में होने से व्यक्ति टेक्निकल एवं लीगल एडवाईजर के रूप में कार्य कर सकता है, आटोमोबाईल, वायुयान यांत्रिकी,  तंत्रिका विज्ञानी, एक्स - रे, कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के कार्यों से जुड़ सकता है.

दशम भाव में वृषभ राशि के होने से जातक में व्यवसाय से जुड़ने की चाह अधिक हो सकती है.  बैंकर्स, कैशियर, पूंजीपतियों, फाइनेंसरों, आभूषण / सौंदर्य प्रसाधन व्यापार, विज्ञापन और मीडिया एजेंट बन सकता है.

दशम भाव में कन्या राशि के होने से जातक- शिक्षक, दुकानदार, आशुलिपिक, अनुवादक, मनोवैज्ञानिकों, अनुवादक, लिखावट विशेषज्ञ, खुदरा व्यापार से जुड़ सकता है.

दशम भाव में मकर राशि के होने से जातक- कृषि, खनन, वन उत्पाद, खनिज, भूविज्ञान, व्यापारी और बैंकरके काम में दक्षता पा सकता है.

इन सभी बातों का आंकलन करने के पश्चात एक अन्य प्रमुख बात सामने आती है कि दशम भाव को पूर्ण रूप से देखने के उपरांत दशम भाव में राशि को जानना और उस भाव में कौन सा ग्रह स्थित है जिससे कार्य का आसानी से पता लगाया जा सके. इसी के साथ नवांश एवं दशमांश वर्ग कुण्डलियों में दशम भाव की स्थिति क्या है यह जानकर ही जातक के कार्य के विषय में कोई भी टिप्पणी की जा सकती है.