ज्योतिष में हजारों योगों के विषय में उल्लेख प्राप्त होता है. कुण्डली में बनने वाले अनेक योग किसी न किसी प्रकार से जीवन को अवश्य प्रभावित करते हैं. यूप योग लग्न से चतुर्थ भाव अर्थात कुण्डली के पहले चार भावों में सभी ग्रह होने पर बनता है. यह योग शुभ योगों की श्रेणी में आता है. यह योग क्योकि लग्न, भाव, धन भाव, तृ्तीय भाव अर्थात यात्रा भाव व चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव के संयोग से बनता है. इसलिए इस योग के फलस्वरुप व्यक्ति को इन्हीं चारों भावों से मिलने वाले फल प्राप्त होते है.
जब दो या दो से अधिक ग्रह एक साथ एक ही राशि में बैठते हैं तो योग या कहें युति का निर्माण होता है. ग्रहों का एक साथ दृष्टि संबंध बनाना या साथ में स्थित होना किसी न किसी प्रकार के योग होने के अर्थ को सपष्ट होता है. इन नौ ग्रहों के योग किसी न किसी प्रकार के योग का कथन सार्थक करते हैं.
ज्योतिषीय योग, कुछ अच्छे व कुछ बुरे सभी प्रकार के हो सकते हैं अच्छे योग शुभ फल देने वाले एवं बुरे योग जीवन में कठिनाईयां उत्पन्न करने वाले होते हैं. ग्रह अलग-अलग भावों में शृंखलाबध्द होकर एक विशेष क्रम में उपस्थित होते हैं तब भी अनेक योगों का निर्माण होता है इसमें से एक योग यूप योग है जिसका निर्माण इसी आधार पर देखने को मिलता है. कुछ ग्रह आपस में दृष्टि संबंध बनाते हैं तब भी विशेष योग बनते हैं.
योग के निर्मित होने पर ग्रह अपने स्वभाव के अनुसार, जिस भाव में बैठे हैं उससे संबंधित एवं जिस राशि में हैं उससे अपने संबंधों के आधार पर अपना प्रभाव दिखाते हैं. इसी प्रकार योग विशेष अवस्था में भंग भी हो जाते हैं जिसके फलस्वरुप यह अपना प्रभाव देने में अस्मर्थ हो जाते हैं. यही बात यूप योग पर भी लागू होती है यदि यह योग शुभ स्वरुप में निर्मित हुआ हो तो शुभ फलों को देने में सफल होता है अन्यथा नहीं.
ज्योतिष में योगों का महत्व किसी अभिन्न अंग की भांति ही होता है. कुण्डली के भविष्य-कथन में ज्योतिषीय योगों का बहुत महत्व रहता है.
यूप योग का निर्माण | Formation of Yoop Yoga
“एकद्वित्रिचतुर्थस्थै: सर्वखेटैस्तु यूपकम्।”
कुंडली में प्रथम भाव से चतुर्थ भाव तक सभी ग्रह स्थित होने पर यूप योग बनता है. कुंडली में यह योग बनने पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी बन जाती है. इस योग के कारण व्यक्ति धर्म- कर्म में विश्वास रखने वाला होता है.
यूप योग का जीवन पर प्रभाव | Effects of Yoop Yoga
कुंडली में यह योग बनने पर आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी बन जाती है. जातक का जन्म यदि कितने भी गरीब परिवार में क्यूँ ना हुआ है वह एक दिन अवश्य ही बहुत अच्छी स्थिति बनाने में सफल हो सकता है. यदि इस योग में जन्म हुआ हो तो व्यक्ति धर्म- कर्म में विश्वास रखने वाला होता है. यूप योग के प्रभाव से व्यक्ति यज्ञ करने वाले हो सकते हैं तथा अपनी स्थिति नीचे से ऊपर उठने वाली बना सकते हैं. व्यक्ति जीवन के अंत तक बहुत अच्छा पद प्राप्त करने में कामयाब हो सकते हैं.